Ajay Tanwar Mehrana

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जब मिलन हो जालिमा , बस बेतहां दीदार चाहता हूं । ना जमीं ना ये आसमां , बस तेरा ही प्यार चाहता हूं । . ©Ajay Tanwar Mehrana

#शायरी❤️  जब मिलन हो जालिमा ,
बस बेतहां दीदार चाहता हूं ।
ना जमीं ना ये आसमां ,
बस तेरा ही प्यार चाहता हूं ।
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©Ajay Tanwar Mehrana

एक #शायरी❤️ यह भी

18 Love

गंवार हूं क्योंकि शहर गंवाया है मैंने तुम तो गांव को छोड़ शहर जा बैठे । शोला हूं क्योंकि शौर्य पाया है मैंने तुम शीतल बर्फ बेवजह पिघल बैठे । . ©Ajay Tanwar Mehrana

#गंवार #shayari❤  गंवार हूं क्योंकि शहर गंवाया है मैंने
तुम तो गांव को छोड़ शहर जा बैठे ।
शोला हूं क्योंकि शौर्य पाया है मैंने 
तुम शीतल बर्फ बेवजह पिघल बैठे ।
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©Ajay Tanwar Mehrana

#shayari❤ #गंवार हूं मैं

19 Love

मिलेगा हम चाहते हैं बस वही ढूंढ लेंगे उसको कहीं ना कहीं , जिंदगी रही तो सिर्फ यही नहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही । . ©Ajay Tanwar Mehrana

#शायरी❤️ #शायरांश  मिलेगा हम चाहते हैं बस वही
 ढूंढ लेंगे उसको कहीं ना कहीं ,
 जिंदगी रही तो सिर्फ यही नहीं 
जमीं पर नहीं तो आसमां सही ।
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©Ajay Tanwar Mehrana

एक #शायरी❤️ यह भी #शायरांश

14 Love

White पागल हूं क्योंकि प्यार पाया है मैंने तुम सयाने तो बहुत कुछ खो बैठे ‌। जिद्दी हूं क्योंकि जिस्म पाया है मैंने तुम सहज शील खुद को डुबो बैठे । . ©Ajay Tanwar Mehrana

#प्यार #शायरी  White पागल हूं क्योंकि प्यार पाया है मैंने
  तुम सयाने तो बहुत कुछ खो बैठे ‌।
जिद्दी हूं क्योंकि जिस्म पाया है मैंने 
तुम सहज शील खुद को डुबो बैठे ।
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©Ajay Tanwar Mehrana

एक #शायरी यह भी #प्यार पाया है मैंने

16 Love

प्रेम योगी हैं बहुत कम बिना इनके पड़े अकाल योग करने का नहीं दम इसलिए है जिस्म जाल । योग युग का या स्वयं का बन गया अद्भुत कमाल , योग मेरा और तुम्हारा बन रहा प्रतिपल मिशाल । प्रेम भोगी हैं बहुत सारे जो भोगें गम मलाल , जिन्हें प्रिय हैं खूबसूरत शक्ल और गुलाबी गाल । बिना प्रेम भोगे गले ना किसी की नौजवां दाल इसलिए सदियों से चलती आ रही प्रिय प्रेम चाल । इस मिलन का योग है भोग में निश्चित दलाल , योग युग का या स्वयं का बन गया अद्भुत कमाल । . ©Ajay Tanwar Mehrana

#योग #युग #का  प्रेम योगी हैं बहुत कम 
बिना इनके पड़े अकाल
 योग करने का नहीं दम
इसलिए है जिस्म जाल ।

योग युग का या स्वयं का
बन गया अद्भुत कमाल ,
 योग मेरा और तुम्हारा 
बन रहा प्रतिपल मिशाल ।

प्रेम भोगी हैं बहुत सारे 
जो भोगें गम मलाल ,
जिन्हें प्रिय हैं खूबसूरत 
शक्ल और गुलाबी गाल ।

बिना प्रेम भोगे गले ना 
किसी की नौजवां दाल
इसलिए सदियों से चलती 
आ रही प्रिय प्रेम चाल ।

इस मिलन का योग है 
भोग में निश्चित दलाल ,
योग युग का या स्वयं का 
बन गया अद्भुत कमाल ।
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©Ajay Tanwar Mehrana

#योग #युग #का या स्वयं का

18 Love

धरा बुद्ध की गगन बुद्ध का चमत्कार को शमन बुद्ध का , तपती आग में शीतलता है शीतलता में गमन बुद्ध का । चमन खिले हैं पंचशील से पंचशील में चमन बुद्ध का , विषम समय की गहराइयों से बाहर निकाले नमन बुद्ध का । शांति अहिंसा धर्म बुद्ध का सत्य वचन सत्कर्म बुद्ध का , परम तथ्यों ग्रंथों से गहरा ज्ञान मार्ग नहीं गहन बुद्ध का । वाणी वचनों में विनम्रता है विनम्रता से नयन बुद्ध का , अविरलता की कठिनाईयों में विरल ज्ञान भी सघन बुद्ध का । ज्योति बुद्ध की जलन बुद्ध का धम्म प्रसारण यतन बुद्ध का , शांत कक्ष में कोलाहल है कोलाहल में शयन बुद्ध का । ©Ajay Tanwar Mehrana

#बुद्ध #नमन  धरा बुद्ध की गगन बुद्ध का
   चमत्कार को शमन बुद्ध का ,
तपती आग में शीतलता है
     शीतलता में गमन बुद्ध का ।

चमन खिले हैं पंचशील से 
       पंचशील में चमन बुद्ध का ,
विषम समय की गहराइयों से
    बाहर निकाले नमन बुद्ध का ।
      
शांति अहिंसा धर्म बुद्ध का
       सत्य वचन सत्कर्म बुद्ध का ,
परम तथ्यों ग्रंथों से गहरा 
    ज्ञान मार्ग नहीं गहन बुद्ध का ।

वाणी वचनों में विनम्रता है
        विनम्रता से नयन बुद्ध का ,
अविरलता की कठिनाईयों में 
     विरल ज्ञान भी सघन बुद्ध का ।

ज्योति बुद्ध की जलन बुद्ध का
        धम्म प्रसारण यतन बुद्ध का ,
शांत कक्ष में कोलाहल है 
          कोलाहल में शयन बुद्ध का ।

©Ajay Tanwar Mehrana
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