@Anuj K Solanki

@Anuj K Solanki Lives in Kanpur, Uttar Pradesh, India

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White "स्वछंदता" यदि अपनी हद में है तो पांव डगमगाते नहीं। वर्तमान में अधिकतर "व्यभिचार" स्वछंदता की हदें पार करने से ही यत्र-तत्र दिखाई दे रहे हैं। ©@Anuj K Solanki

#emotional_sad_shayari #कविता  White "स्वछंदता" 
यदि अपनी हद में है तो पांव डगमगाते नहीं। 
वर्तमान में  अधिकतर "व्यभिचार" स्वछंदता की हदें पार करने से ही यत्र-तत्र दिखाई दे रहे हैं।

©@Anuj K Solanki

sunset nature "याञ्चा मोघा वरमधिगुणे नाधमे लब्‍धकामा:।। (मेघदूतम्-कालिदास,६) अर्थात्- गुणीजन से याचना करना अच्‍छा है,चाहे वह निष्‍फल ही रहे। अधम से माँगना अच्‍छा नहीं, चाहे वह सफल ही क्यों न हो। ©@Anuj K Solanki

#विचार #sunsetnature  sunset nature "याञ्चा मोघा वरमधिगुणे नाधमे लब्‍धकामा:।।
(मेघदूतम्-कालिदास,६)
अर्थात्- गुणीजन से याचना करना अच्‍छा है,चाहे वह निष्‍फल ही रहे। अधम से माँगना अच्‍छा नहीं, चाहे वह सफल ही क्यों न  हो।

©@Anuj K Solanki

#sunsetnature

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विवाद का कारण है: "संवाद" कहीं इसका होना तो कहीं इसका न होना ©@Anuj K Solanki

#विचार #Glazing  विवाद का कारण है: 
"संवाद"
कहीं इसका होना
तो कहीं इसका न होना

©@Anuj K Solanki

#Glazing

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सफलता का सीधा अर्थ है कि आपके पास है👇 1. प्रेरणा। 2. अभिप्रेरणा। 4. एक साधा हुआ लक्ष्य। 5. लक्ष्य की ओर जाता हुआ रास्ता। 6. मन, वचन और कर्म से अपने लक्ष्य के प्रति बरती गई पूर्ण जिम्मेदारी की भावना। 7. लक्ष्य प्राप्ति हेतु आपका ईमानदारी के साथ किया गया परिश्रम। ©@Anuj K Solanki

#कविता #SunSet  सफलता का सीधा अर्थ है कि आपके पास  है👇
1. प्रेरणा।
2. अभिप्रेरणा।
4. एक साधा हुआ लक्ष्य।
5. लक्ष्य की ओर जाता हुआ रास्ता।
6. मन, वचन और कर्म से अपने लक्ष्य के प्रति बरती गई पूर्ण जिम्मेदारी की भावना।
7. लक्ष्य प्राप्ति हेतु आपका ईमानदारी के साथ किया गया परिश्रम।

©@Anuj K Solanki

#SunSet

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मर्यादित आचरण का पतन आपको अनाचार की ओर ही ले जा सकता है, दुख की बात यह है कि यह बीमारी अब मनुष्यों में लग गई है। यह एक सभ्यता की चहुमुखी चारित्रिक बर्बादी के लिए काफी है। ©@Anuj K Solanki

#कविता #Exploration  मर्यादित आचरण का पतन आपको अनाचार की ओर ही ले जा सकता है, दुख की बात यह है कि यह बीमारी अब मनुष्यों में लग गई है।
यह एक सभ्यता की चहुमुखी चारित्रिक बर्बादी के लिए काफी है।

©@Anuj K Solanki

#Exploration

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मनुष्य को अपने जीवन को अनुकरणीय बनाने हेतु असीम शक्ति प्राप्त है, लेकिन वह व्यसनों में और अनाचार के वशीभूत यह ध्यान ही नहीं रख पाता है कि उसका किन बातों से कल्याण और किन बातों से पतन होगा। अनाचार एक विष है, बचा जाए इससे। ©@Anuj K Solanki

#कविता #NightRoad  मनुष्य को अपने जीवन को अनुकरणीय बनाने हेतु असीम शक्ति प्राप्त है, लेकिन वह व्यसनों में और अनाचार के वशीभूत यह ध्यान ही नहीं रख पाता है कि उसका किन बातों से कल्याण और किन बातों से पतन होगा।
अनाचार एक विष है, बचा जाए इससे।

©@Anuj K Solanki

#NightRoad

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