पैसों का है खेल निराला, पैरों पर गिरा देती है।।
कौन रिस्ते कितने निकट है, एक क्षण में समझा देती है।।
कर्म कांड सब पैसो से, अब तो यही जमाना है।
प्यार मुहबत कौन चिड़िया है, वो सब बस बहाना है।।
अगर पैसा है पास में तो दुनिया तुम्हारे साथ है।
खाली हुई जेब अगर तब कौन पकड़ता हाथ है?
चोरी करो, डांका डालो चाहें बेचो ईमान...
करो फरेब, अपहरण,लूट और बन जाओ बेईमान।।
लाओ पैसा अमीर बनो तब होगा सम्मान
क्या होना था क्या हो गए देख लो आज इंसान।।
©Deepak Vishal
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