Naincy Trivedi

Naincy Trivedi Lives in Prithvipur, Madhya Pradesh, India

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#शायरी

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#शायरी  यह वक्त भी रेत की तरह कुछ यूं फिसल गया
इस तरह एक  साल और निकल गया.....
बीते साल में कुछ लोग मेरी जिंदगी का हिस्सा बने
कुछ मुझसे खफा तो कुछ मुझसे खुश भी रहे
और कुछ लोगों ने तो मुझे यूं ही भुला दिया
पर जो बीत गया वो तो यादों का कारवां बन गया
इस तरह 1 साल और निकल गया....
इस नए साल में करते हैं हम यह दुआ
मिले आपको अपनों का साथ
ये नया साल लेकर आए आपकी जिंदगी में खुशियां अपार
और ढेर सारा मिले आपको अपनों का प्यार
कुछ इस तरह से करे यह
 नया साल आप की जिंदगी में एक नया आगाज....
happy New year 2023

©Naincy Trivedi

यह वक्त भी रेत की तरह कुछ यूं फिसल गया इस तरह एक साल और निकल गया..... बीते साल में कुछ लोग मेरी जिंदगी का हिस्सा बने कुछ मुझसे खफा तो कुछ मुझसे खुश भी रहे और कुछ लोगों ने तो मुझे यूं ही भुला दिया पर जो बीत गया वो तो यादों का कारवां बन गया इस तरह 1 साल और निकल गया.... इस नए साल में करते हैं हम यह दुआ मिले आपको अपनों का साथ ये नया साल लेकर आए आपकी जिंदगी में खुशियां अपार और ढेर सारा मिले आपको अपनों का प्यार कुछ इस तरह से करे यह नया साल आप की जिंदगी में एक नया आगाज.... happy New year 2023 ©Naincy Trivedi

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बारिश में छाता बन जाते हैं पापा.... धूप में छांव भी होते हैं पापा.... कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान होते हैं पापा.. जन्म तो देती है मां मगर पहचान देते हैं पापा.... happy father's Day ©Naincy Trivedi

#कविता #foryoupapa  बारिश में छाता बन जाते हैं पापा....
 धूप में छांव भी होते हैं पापा....
कभी अभिमान तो कभी
 स्वाभिमान होते हैं पापा..
जन्म तो देती है मां मगर पहचान देते हैं पापा....
happy father's Day

©Naincy Trivedi

क्यों मैं ही हर बार झुकू क्यों मैं हर बार अग्नि परीक्षा दू नारी हूं तो क्या हुआ बेचारी हूं...... हर युग में मुझको ही क्यों सहना पड़ा अग्नि में फिर मुझको ही क्यों जलना पड़ा नारी हूं तो क्या हुआ बेचारी हूं..... मुझ पर क्यों है इतनी बंदिशे क्यों इतने पहरे आजादी दी है क्यों मैं भी ना देखूं सपने सुनहरे नारी हूं तो क्या हुआ बेचारी हूं..... कुछ तो मेरा तुम मान करो सिर्फ एक दिवस देकर तुम क्या बताना चाहते हो फिर वापस मुझे उसी अग्नि में जलाना चाहते हो हम इसी युग की नारी हैं अब अपने हक में लड़ना सीख लिया जलना ही नहीं अब जलाना भी हमने सीख लिया .... ©Naincy Trivedi

#कविता #womensday  क्यों मैं ही हर बार झुकू
 क्यों मैं  हर बार अग्नि परीक्षा दू
 नारी हूं तो क्या हुआ
बेचारी हूं......
हर युग में मुझको ही क्यों सहना पड़ा
अग्नि में फिर मुझको ही क्यों जलना पड़ा
नारी हूं तो क्या हुआ
बेचारी हूं.....
मुझ पर क्यों है इतनी बंदिशे क्यों इतने पहरे
आजादी दी है क्यों मैं भी ना देखूं सपने सुनहरे
नारी हूं तो क्या हुआ
बेचारी हूं.....
 कुछ तो मेरा तुम मान करो
सिर्फ एक दिवस देकर तुम क्या बताना चाहते हो
फिर वापस मुझे उसी अग्नि में जलाना चाहते हो
हम इसी युग की नारी हैं
अब अपने हक में लड़ना सीख लिया
जलना ही  नहीं अब जलाना भी
 हमने सीख लिया ....

©Naincy Trivedi

एक बहुत ही दर्द भरी कहानी दे गया वतन से बेपनाह मोहब्बत करने की तिरगे में लिपट कर अपनी निशानी दे गया .....मेरा शत शत नमन.... पुलवामा में शहीद हुए अमर शहीदों को ©Naincy Trivedi

#शायरी #PulwamaAttack  एक बहुत ही दर्द भरी कहानी  दे गया
वतन से बेपनाह  मोहब्बत करने की
तिरगे में लिपट कर अपनी निशानी दे गया
.....मेरा शत शत नमन....
पुलवामा में शहीद हुए अमर शहीदों को

©Naincy Trivedi

बिखर जाने दो मुझे अपनी ही इन बाहों में.... महक जाने दो मुझे अपनी ही इन सांसों में.... कब से बेचैन है मेरा दिल इस प्यार को पाने के लिए उतर जाने दो मुझे अपने ही इस दिल में.... एक बार तो मुझे दिल से लगा कर देखो.. मेरी धड़कनों को सुन कर देखो.. तुम्हें भी मुझसे प्यार ना हो जाए तो कहना चलो छोड़ती हूं मैं यह फैसला तुम पर पर आज तो मौका भी है और दस्तूर भी है मुझे गले से लगाकर देखो ये दिल तन्हा है इस दिल में कोई और नहीं है.... ....happy hug day.. ©Naincy Trivedi

#शायरी #hugday  बिखर जाने दो मुझे अपनी  ही इन  बाहों में....
 महक जाने दो मुझे अपनी ही इन सांसों में....
कब से  बेचैन है मेरा दिल इस प्यार को पाने के लिए
उतर जाने दो मुझे अपने ही इस दिल में....
एक बार तो मुझे दिल से लगा कर देखो..
मेरी धड़कनों को सुन कर देखो..
तुम्हें भी मुझसे प्यार ना हो जाए तो कहना
चलो 
छोड़ती हूं मैं यह फैसला तुम पर
पर आज तो
मौका भी है और दस्तूर भी है 
 मुझे गले से लगाकर देखो ये दिल तन्हा है
इस दिल में  कोई और नहीं है....
....happy hug day..

©Naincy Trivedi

#hugday #hugday

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