तेरा मेरा एक जैसा ही ख्वाब हो
हाथो में हाथ लिए जिंदगी गुजारने का साथ हो।
कभी तेरा घुस्सा ,कभी मेरी नाराजगी हो,
फिर मनाने के खातिर ,मशक्कत भी कुछ खास हो।।
कभी मेरे हाथ का खाना ,कभी तेरे हाथ की चाय हो।
इन्ही दावतो में, यादो का बनता एक महल हो।।
कभी तेरा हसना,कभी मेरा डाटना हो
लढाईयों में एक दूसरे के लिए खुदका हारना भी हमे मंजूर हो।।
कभी तेरी जिद ,कभी मेरा बचपना हो
फिर भी साथ निभाने का, तेरा मेरा एक ही ख्वाब हो।।
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