मनीष कुमार पाटीदार

मनीष कुमार पाटीदार Lives in Maheshwar, Madhya Pradesh, India

साहित्यिक समाज सेवक 8435740937

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flower quotes in English, flower messages सॉंईं तेरी रहमतों के दीप जलाते हैं। सुख-दुःख  में बाबा तुम्हें बुलाते हैं। खुदा कहे या कहे दाता, सॉंईं बाबा सबका मालिक एक बाबा बताते हैं। ©मनीष कुमार पाटीदार

 flower quotes in English, flower messages सॉंईं तेरी रहमतों के दीप जलाते हैं।
सुख-दुःख  में बाबा तुम्हें बुलाते हैं।

खुदा कहे या कहे दाता, सॉंईं बाबा
सबका मालिक एक बाबा बताते हैं।

©मनीष कुमार पाटीदार

flower quotes in English, flower messages सॉंईं तेरी रहमतों के दीप जलाते हैं। सुख-दुःख  में बाबा तुम्हें बुलाते हैं। खुदा कहे या कहे दाता, सॉंईं बाबा सबका मालिक एक बाबा बताते हैं। ©मनीष कुमार पाटीदार

11 Love

 Good evening quotes in Hindi ढलती शाम में कभी-कभी अकेले में
बच्चों की तरह रोना अच्छा लगता है।
शायद मॉं चुप करने आ जाएं।

©मनीष कुमार पाटीदार

Good evening quotes in Hindi ढलती शाम में कभी-कभी अकेले में बच्चों की तरह रोना अच्छा लगता है। शायद मॉं चुप करने आ जाएं। ©मनीष कुमार पाटीदार

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जब-जब जीवन में संकट, तुफान आते हैं। तब-तब दुःख हरने स्वयं हनुमान आते हैं। वीर बजरंगी सबमें ढल जाते पग-पग में। दुःखों की जड़ी-बूटी भी पहचान आते हैं। ©मनीष कुमार पाटीदार

#hanumanjayanti  जब-जब जीवन में संकट, तुफान आते हैं।
तब-तब दुःख हरने स्वयं हनुमान आते हैं।

वीर बजरंगी सबमें ढल जाते पग-पग में।
दुःखों की जड़ी-बूटी भी पहचान आते हैं।

©मनीष कुमार पाटीदार

White माॅं नर्मदा भव से पार कर देती है। जब भी आता हूॅं प्यार भर देती है। माॅं की महिमा सुंदर लहरों जैसी। गाकर गीत मॉं उद्धार कर देती है। ©मनीष कुमार पाटीदार

#SunSet  White माॅं नर्मदा भव से पार कर देती है।
जब भी आता हूॅं प्यार भर देती है।

माॅं की महिमा सुंदर लहरों जैसी।
गाकर गीत मॉं उद्धार कर देती है।

©मनीष कुमार पाटीदार

#SunSet

12 Love

सुख हो या दुःख चलना तो पड़ेगा, ये सफ़र  है लंबा ढलना तो पड़ेगा। गर अकेला हूॅं तो क्या हुआ यारों, राह चलते संभलना तो पड़ेगा। ©मनीष कुमार पाटीदार

#LongRoad  सुख हो या दुःख चलना तो पड़ेगा,
ये सफ़र  है लंबा ढलना तो पड़ेगा।

गर अकेला हूॅं तो क्या हुआ यारों,
राह  चलते  संभलना  तो पड़ेगा।

©मनीष कुमार पाटीदार

#LongRoad

11 Love

ढलती शाम में और क्या लिखूॅं ? बस एक मॉं थी जिससे सुबह शाम हुआ करती थी‌, जो कि अब नहीं है! मगर वह दूर रहकर भी पास है, यही दिल के किसी कोने में। ©मनीष कुमार पाटीदार

#moonlight  ढलती शाम में और क्या लिखूॅं ?
बस एक मॉं थी जिससे सुबह शाम
हुआ करती थी‌, जो कि अब नहीं है!
मगर वह दूर रहकर भी पास है,
यही दिल के किसी कोने में।

©मनीष कुमार पाटीदार

#moonlight

12 Love

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