।। रोता हूं कभी-कभी।।
मैं रोता हूं कभी-कभी अकेले में, लेकिन किसी को बताता नहीं हूं,
क्या गुजर रही है आजकल मुझ पर, ये किसी को जताता नहीं हूं,
मेरे जो भी हालत है, उनसे खुद ही तो निपटना है मुझको,
मैं किसी और पर बोझ बनकर, किसी का एहसान कमाता नहीं हूं,
हां भरोसा है एक दिन निकल जाऊंगा इन सब से,
मैं बस वक्त के सहारे बैठकर, खुद को समझता नहीं हूं,
मेरी मेहनत मेरी तकदीर के आगे जीत जाएगी एक दिन,
बस यही सोच कर, मैं किसी भी हालत से अब घबराता नहीं हूं।।।।।
©#talentedviru
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