वक्त कितना जल्दी बीत जाता है न,
कब बचपन में रहे कब युवा हो चले,
कब मस्ती में दिन रहे कब चिंताओं के हो लिए,
अब याद आता है वो दिन जब दिन भर खुशियों का दिन होता था,
न किसी की फिकर न किसी की परवाह,
वक्त ने सब बदल दिया,
तब कहां थे और अब कहां मिलें ।
यादें
©rjwriter/singer/sayar/king
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