एक़ से एक़ दुर्घटना हो ज़ाती हैं ज़माने मे
किसी शेर सा कलेज़ा चाहिये उन्हें सुनने सुनानें मे
आसान नहीं हर एक़ को ख़ुश रख़ पाना जिंदगी मे
कईं बार रूह सें रूह ब़दलनी पडती हैं रिश्ते निभानें मे
कल एक झलक मौत को देखा, वो राहो पे मेरी गुनगुना रहीं थी,
फिर ढूढ़ा उसें ईधर ऊधर वो आंख मिचौंली कर मुस्करा रही थीं,
एक अरसे के बाद आया मुझें करार, वों सहला के मुझे सुला रहीं थी
हम दोनो क्यू खफ़ा है एक दूसरें से मै उसें और वो मुझें समझा रही थीं,
#ranveerdeepika हम बदलते रहते हैं, जैसे रिश्तों की दास्तान,
वक्त के साथ, जीवन के रंगों में, देखा मैंने यही अर्थवान।
कभी चिंता की बूंदें गिराते थे, बस खुद को खो जाते थे,
अब सुख-दुःख के सफर में, नए राह में चल पड़े हैं हम अपने ज़रिए।
#Yaari अखरी मंजिल की तलाश में चल पड़ा हूँ,
राह में बिखरे सितारों की ओर बढ़ रहा हूँ।
हर कदम पर नयी उम्मीदों का संग है,
आगे बढ़ते चलो, न रुकते कभी दिल की धड़कनों का रंग है।
मन्जिल के करीब जाते हुए भी है दूरी,
पर मत थमो, क्योंकि यह तो सफर की मिसाल है।
हर कदम एक परीक्षा, हर दर्द एक सिख,
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