एस एल असारसा साण्डेराव

एस एल असारसा साण्डेराव

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कोई यूं मुझसे बैर न रखो*  - स्वैच्छिक दुनिया - https://swaikshikduniya.page/aggyXp.html कानपुर से प्रकाशित प्रतिष्ठित समाचार पत्र "स्वैच्छिक दुनिया" में प्रकाशित मेंरी स्वरचित रचना, साथ में मेरा और मेरी पत्नी का छायाचित्र भी छापा ।

 कोई यूं मुझसे बैर न रखो*  - स्वैच्छिक दुनिया  - https://swaikshikduniya.page/aggyXp.html     

कानपुर से प्रकाशित प्रतिष्ठित समाचार पत्र "स्वैच्छिक दुनिया" में प्रकाशित मेंरी स्वरचित रचना, साथ में मेरा और मेरी पत्नी का छायाचित्र भी छापा ।

कोई यूं मुझसे बैर न रखो*  - स्वैच्छिक दुनिया - https://swaikshikduniya.page/aggyXp.html कानपुर से प्रकाशित प्रतिष्ठित समाचार पत्र "स्वैच्छिक दुनिया" में प्रकाशित मेंरी स्वरचित रचना, साथ में मेरा और मेरी पत्नी का छायाचित्र भी छापा ।

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#मृत्यु #कविता #मौत  मौत
#एस_एल_असारसा_साण्डेराव #SLAsarsaSanderao #यादें #violin  यादें

🤣🤣*ठहाके* 🤣🤣 🤣🤣स्कूल के पेड 🌴 पर फरगर्लफ्रेंड 💁 का नाम लिखने से अच्छा है उतने पेड🌳 लगा दो, पर्यावरण हित मे जारी🤣🤣

#काँमेडी #कॉमेडी #ठहाके #ठहाका  🤣🤣*ठहाके* 🤣🤣

🤣🤣स्कूल के पेड 🌴 पर फरगर्लफ्रेंड 💁 का नाम लिखने से अच्छा है उतने पेड🌳 लगा दो, पर्यावरण हित मे जारी🤣🤣

```~ठहाके~``` 🤣🤣मौसम ने ऐसे कन्फ्यूजन मोड पर लाकर खड़ा किया है की पंखा चालू करके सोना है या बन्द करके 🤣🤣

#ठहाके #romance  ```~ठहाके~``` 
🤣🤣मौसम ने ऐसे कन्फ्यूजन मोड पर लाकर खड़ा किया है की पंखा चालू करके सोना है या बन्द करके 🤣🤣

*शुभ जन्माष्टमी* *शीर्षक - मेरी राधा रानी* मैं पनबुड़वा पर बैठ कर बंसी बजाऊंगा, तू मेरी धुन सुन कर चली आना । मेरी राधा रानी... बहुत कशमकश भरी है अपनी यह मीलन कि दास्तान, कुछ तू बया कर कुछ मैं बया करु। मेरी राधा रानी... मैं संगीत हु तेरा तो तू स्वर हो मेरी, जब तुम्हारा चेहरा देखते हैं तो उंगलियां अपने-आप बंसी के उपर पडती है और धुन सिर्फ तुम्हारे तारीफ़ कि ही नीकलती है। मेरी राधा रानी... तुम हमारी वजह से लोगों के ताने सुनो यह हमे पसन्द नहीं, हम यह रिश्ता ही खत्म कर दे पर हमारे रिश्ते को जानेगा कोई नहीं । मेरी राधा रानी.. हम दोनो एक ही आत्मा है और कोई अस्तित्व नहीं, कोई भला अपनी आत्मा से कैसे ब्याह रचा सकता है । मेरी राधा रानी...

#कृष्ण  *शुभ जन्माष्टमी* 

 *शीर्षक - मेरी राधा रानी* 

मैं पनबुड़वा पर बैठ कर बंसी बजाऊंगा,
 तू मेरी धुन 
सुन कर चली आना ।
मेरी राधा रानी...

बहुत कशमकश भरी है अपनी यह मीलन कि दास्तान, 
कुछ तू बया कर कुछ मैं बया करु।
मेरी राधा रानी...

मैं संगीत हु तेरा तो तू स्वर हो मेरी, जब तुम्हारा चेहरा देखते हैं तो उंगलियां अपने-आप बंसी के उपर पडती है और धुन सिर्फ तुम्हारे तारीफ़ कि ही नीकलती है।
मेरी राधा रानी...

तुम हमारी वजह से लोगों के ताने सुनो यह हमे पसन्द नहीं, 
हम यह रिश्ता ही खत्म कर दे पर हमारे रिश्ते को जानेगा कोई नहीं ।
मेरी राधा रानी..

हम दोनो एक ही आत्मा है और कोई अस्तित्व नहीं, कोई भला अपनी आत्मा से कैसे ब्याह रचा सकता है ।
मेरी राधा रानी...
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