Ishant Modi

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all know you're laughing don't worry you're weeping and nobody knows congratulations : it means you're living your own life .! 》Ishant

#thought  all know you're laughing 
don't worry 
you're weeping and 
nobody knows 
congratulations :
it means you're living 
your own life .!

》Ishant

all know you're laughing don't worry you're weeping and nobody knows congratulations : it means you're living your own life .! 》Ishant

10 Love

आ अब गांव चलते हैं बगिया में ठहरतें हैं कलियों को छेड़तें हैं शिकंजों से खाकर शिकस्त शरारते बस्तियों में चलते हैं । आ अब गांव चलते हैं जंग ए जश्न जिंदगी होते हैं सिर्फ चतुराई नहीं मौज करते हैं खुदगर्ज़ व खुदगर्ज़ी से रहकर खफा खुदा ए दरमियां में चलते हैं । आ अब गांव चलते हैं ।। #poemonmyvillage : - ईशांत मोदी

#poemonmyvillage #myvillage  आ अब गांव चलते हैं 
बगिया में ठहरतें हैं 
कलियों को छेड़तें हैं 
शिकंजों से खाकर शिकस्त 
शरारते बस्तियों में चलते हैं ।

आ अब गांव चलते हैं 
जंग ए जश्न जिंदगी होते हैं 
सिर्फ चतुराई नहीं मौज करते हैं
खुदगर्ज़ व खुदगर्ज़ी से रहकर खफा
खुदा ए दरमियां में चलते हैं ।

आ अब गांव चलते हैं ।।
#poemonmyvillage :

- ईशांत मोदी

#myvillage

10 Love

आ अब गांव चलते हैं लह लहराते उपजों में झूमतें हैं पुवाल दरख्त पर बैठतें हैं मकसद ए रोटी से रूठ भनुगा बन इर्द-गिर्द में चलते हैं । आ अब गांव चलते हैं चमचमाती सितारों में जगतें हैं गपशप फुल-कांटें की करते हैं चकाचौंध चमकाहत से होकर चूर चांदनी चांद में चलते हैं । आ अब गांव चलते हैं खाली टांग पिछलतें हैं बुजुर्गों की अनुभूति करतें हैं बुलंद तामिर से होकर मुक्त नील गगन के मैत्री में चलते हैं । - ईशांत मोदी

#मेरा_गांव #poem  आ अब गांव चलते हैं
लह लहराते उपजों में झूमतें हैं
पुवाल दरख्त पर बैठतें हैं 
मकसद ए रोटी से रूठ 
भनुगा बन इर्द-गिर्द में चलते हैं ।

आ अब गांव चलते हैं 
चमचमाती सितारों में जगतें हैं 
गपशप फुल-कांटें की करते हैं 
चकाचौंध चमकाहत से होकर चूर 
चांदनी चांद में चलते हैं ।

आ अब गांव चलते हैं
खाली टांग पिछलतें हैं 
बुजुर्गों की अनुभूति करतें हैं 
बुलंद तामिर से होकर मुक्त
नील गगन के मैत्री में चलते हैं ।

- ईशांत मोदी

आ अब गांव चलते हैं माटी में फंसतें हैं कीचड़ में धसतें हैं बनावटी अधार से अबद्द कुदरती धरा में चलते हैं । आ अब गांव चलते हैं कदम असल दामन में रखतें हैं जीत-हार, फायदा-नुकसान कीमतों से होकर परे प्रियता मन के भावों में चलते हैं । आ अब गांव चलते हैं गिरते घटाओं से उड़तें हैं मस्त मौसम में मंडरातें हैं तड़पती बारिशों को बक्स बरसती झरनों के घाटी में चलते हैं । - ईशांत मोदी

#myvillage #poem  आ अब गांव चलते हैं 
माटी में फंसतें हैं 
कीचड़ में धसतें हैं 
बनावटी अधार से अबद्द 
कुदरती धरा में चलते हैं ।

आ अब गांव चलते हैं 
कदम असल दामन में रखतें हैं 
जीत-हार, फायदा-नुकसान 
कीमतों से होकर परे 
प्रियता मन के भावों में चलते हैं ।

आ अब गांव चलते हैं 
गिरते घटाओं से उड़तें हैं 
मस्त मौसम में मंडरातें हैं 
तड़पती बारिशों को बक्स
बरसती झरनों के घाटी में चलते हैं ।

- ईशांत मोदी

#myvillage

15 Love

आ अब गांव चलते हैं धुल बुकनी पर सनकतें हैं घटाओं सा मचलतें हैं महंगे फिज़ाओं से कहीं दूर कुदरतें वादियों में चलते हैं । आ अब गांव चलते हैं हंसरतें हंसी करते हैं जहां ख्वाब बुनते हैं किल्लतों से कोसों दूर शुकून थामी ज़न्नत में चलते हैं । आ अब गांव चलते हैं भौरों सा भनकतें हैं पंछियों में गुन गुनातें हैं शौरों से लेकर सबक मनमौला घांस फुस पर चलते हैं । - ईशांत मोदी

#village  आ अब गांव चलते हैं 
धुल बुकनी पर सनकतें हैं 
घटाओं सा मचलतें हैं 
महंगे फिज़ाओं से कहीं दूर 
कुदरतें वादियों में चलते हैं ।

आ अब गांव चलते हैं
हंसरतें हंसी करते हैं 
जहां ख्वाब बुनते हैं 
किल्लतों से कोसों दूर 
शुकून थामी ज़न्नत में चलते हैं ।

आ अब गांव चलते हैं 
भौरों सा भनकतें हैं 
पंछियों में गुन गुनातें हैं
शौरों से लेकर सबक
मनमौला घांस फुस पर चलते हैं ।

- ईशांत मोदी

आ अब गांव चलते हैं । #village

10 Love

आज भी गुज़रे वक्त को याद करता हूँ इस वक्त आने वालें कल का फरियाद करता हूँ मैं नाचीज़ ! कमीना इतना बड़ा हूँ ना कि नफरतों से ही चाहत हर मर्तबा बेशुमार करता हूँ ! - ईशांत मोदी

#बेशुमार  आज भी गुज़रे वक्त को याद करता हूँ 
इस वक्त आने वालें कल का फरियाद करता हूँ 
मैं नाचीज़ ! कमीना इतना बड़ा हूँ ना कि 
नफरतों से ही चाहत हर मर्तबा बेशुमार करता हूँ !

- ईशांत मोदी
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