shivendra sharma

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White // योग गीत // महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण। पुण्य कर्म से पाया यह तन,मोल तो इसका मानो। किसमें है सुख जीवन का,यह रहस्य तो जानो। साधारण से जीवन को, करता योग महान। महिमा समझो योग की.......... दिव्य धरा है भारत भूमि, सकल ज्ञान की खान। सिध्द पुरुष आए यहाँ, ध्यानी ज्ञानी महान। सत्य सनातन संस्कृति ने, दिया विश्व को ज्ञान। महिमा समझो योग की....... पञ्च तत्व की काया मे, सब कुछ है तू जान। साधारण सी बात नहीं, है बहुत बड़ा विज्ञान। अपने अंदर छिपी हुई, इस शक्ति को तू जान। महिमा समझो योग की...... अंधियारे को दूर भगाता, जीवन ज्योतिर्मय करता है। सत्य मार्ग पर पहुँचाता,अमर हमें यह करता है। आत्मसात कर योग को, तू करले अमृत पान। महिमा समझो योग की........... युवा वर्ग तुम देश के, हो भारत की शान। नष्ट न हो व्यसनों में,जीवन अपना महान। बहुत हैं आशाएँ तुमसे, चुन लो लक्ष्य महान। महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण।। .... इंजी. शिवेन्द्र शर्मा ©shivendra sharma

#कविता #Yoga  White // योग गीत //

महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण।

पुण्य कर्म से पाया यह तन,मोल तो इसका मानो।
किसमें है सुख जीवन का,यह रहस्य तो जानो।
साधारण से जीवन को, करता योग महान।
महिमा समझो योग की..........

दिव्य धरा है भारत भूमि, सकल ज्ञान की खान।
सिध्द पुरुष आए यहाँ, ध्यानी ज्ञानी महान।
सत्य सनातन संस्कृति ने, दिया विश्व को ज्ञान।
महिमा समझो योग की.......

पञ्च तत्व की काया मे, सब कुछ है तू जान।
साधारण सी बात नहीं, है बहुत बड़ा विज्ञान।
अपने अंदर छिपी हुई, इस शक्ति को तू जान।
महिमा समझो योग की......

अंधियारे को दूर भगाता, जीवन ज्योतिर्मय करता है।
सत्य मार्ग पर पहुँचाता,अमर हमें यह करता है।
आत्मसात कर योग को, तू करले अमृत पान।
महिमा समझो योग की...........

युवा वर्ग तुम देश के, हो भारत की शान।
नष्ट न हो व्यसनों में,जीवन अपना महान।
बहुत हैं आशाएँ तुमसे, चुन लो लक्ष्य महान।
महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण।।

                   .... इंजी. शिवेन्द्र शर्मा

©shivendra sharma

#Yoga

10 Love

White // योग गीत // महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण। पुण्य कर्म से पाया यह तन,मोल तो इसका मानो। किसमें है सुख जीवन का,यह रहस्य तो जानो। साधारण से जीवन को, करता योग महान। महिमा समझो योग की.......... दिव्य धरा है भारत भूमि, सकल ज्ञान की खान। सिध्द पुरुष आए यहाँ, ध्यानी ज्ञानी महान। सत्य सनातन संस्कृति ने, दिया विश्व को ज्ञान। महिमा समझो योग की....... पञ्च तत्व की काया मे, सब कुछ है तू जान। साधारण सी बात नहीं, है बहुत बड़ा विज्ञान। अपने अंदर छिपी हुई, इस शक्ति को तू जान। महिमा समझो योग की...... अंधियारे को दूर भगाता, जीवन ज्योतिर्मय करता है। सत्य मार्ग पर पहुँचाता,अमर हमें यह करता है। आत्मसात कर योग को, तू करले अमृत पान। महिमा समझो योग की........... युवा वर्ग तुम देश के, हो भारत की शान। नष्ट न हो व्यसनों में,जीवन अपना महान। बहुत हैं आशाएँ तुमसे, चुन लो लक्ष्य महान। महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण।। .... इंजी. शिवेन्द्र शर्मा ©shivendra sharma

#कविता #Yoga  White // योग गीत //

महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण।

पुण्य कर्म से पाया यह तन,मोल तो इसका मानो।
किसमें है सुख जीवन का,यह रहस्य तो जानो।
साधारण से जीवन को, करता योग महान।
महिमा समझो योग की..........

दिव्य धरा है भारत भूमि, सकल ज्ञान की खान।
सिध्द पुरुष आए यहाँ, ध्यानी ज्ञानी महान।
सत्य सनातन संस्कृति ने, दिया विश्व को ज्ञान।
महिमा समझो योग की.......

पञ्च तत्व की काया मे, सब कुछ है तू जान।
साधारण सी बात नहीं, है बहुत बड़ा विज्ञान।
अपने अंदर छिपी हुई, इस शक्ति को तू जान।
महिमा समझो योग की......

अंधियारे को दूर भगाता, जीवन ज्योतिर्मय करता है।
सत्य मार्ग पर पहुँचाता,अमर हमें यह करता है।
आत्मसात कर योग को, तू करले अमृत पान।
महिमा समझो योग की...........

युवा वर्ग तुम देश के, हो भारत की शान।
नष्ट न हो व्यसनों में,जीवन अपना महान।
बहुत हैं आशाएँ तुमसे, चुन लो लक्ष्य महान।
महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण।।

                   .... इंजी. शिवेन्द्र शर्मा

©shivendra sharma

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं l #Yoga

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ll अंग्रेज़ी कैलेण्डर बदलने की बधाई ll. इंग्लिश कैलेण्डर बदल रहा है , देश नशे में झूम रहा है, कहीं पे उधम कहीं पे जलसे ~ पैसा बर्बाद भी होहि रहा है l शाम को मन्दिर, रात को बार, है तेज़ जिन्दगी की रफ्तार , धूम, धाढाका, डिस्को पार्टी ~ कैसा है यह शिष्टाचार l होड़ मची है सब लोगों में , कसर न कुछ भी रह जाए l खाना, पीना ,नाचना गाना, सब कुछ आज ही हो जाए l सत्य सनातन संस्कृति, करती है इसका प्रतिकार l नव संवत्सर श्रेष्ठ हमारा , जो प्रकृति का है श्रंगार l ~~~ इंजी, शिवेन्द्र शर्मा ©shivendra sharma

#कविता #Newyear2024  ll अंग्रेज़ी कैलेण्डर बदलने की बधाई ll.   

इंग्लिश कैलेण्डर बदल रहा है , 
देश नशे में झूम रहा है, 
कहीं पे उधम कहीं पे जलसे ~
पैसा बर्बाद भी होहि रहा है l

शाम को मन्दिर, रात को बार, 
 है तेज़ जिन्दगी की रफ्तार ,
धूम, धाढाका, डिस्को पार्टी ~
 कैसा है यह शिष्टाचार l

होड़ मची है सब लोगों में , 
कसर न कुछ भी रह जाए l
खाना, पीना ,नाचना गाना, 
सब कुछ आज ही हो जाए l

सत्य सनातन संस्कृति, 
करती है इसका प्रतिकार l
नव संवत्सर श्रेष्ठ हमारा ,
जो प्रकृति का है श्रंगार l    
            ~~~ इंजी, शिवेन्द्र शर्मा

©shivendra sharma

#Newyear2024

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// शुभ दीपावली // प्रेम बढ़े, सुख शांति मिले, धन दौलत मिले अपार l अमन चैन और शांति के, दीप जलें, घर द्वार l एक दीपक उनके लिए, जो शहीद हुए देश के लिए। एक दीपक उनके लिए, जो लड़ रहे देश के लिए। एक दीपक उनके लिए, जो राह तक रहे, मदद के लिए। एक दीपक उनके लिए, जिनसे आबाद है घर तुम्हारा l फिर जलाएं अपना दीपक, घर की सुख, शांति के लिए। जगमग ज्योति दीपक की, यही हमे सिखलाती है। रहे परस्पर मिलजुल कर,बात हमें बतलाती है। खुश रहें और खुशियां बाटें,जीवन का आनंद यही है। सन्मार्ग पर चलते रहे,फिर देखो परमानंद यही है। ---इंजी. शिवेन्द्र शर्मा ©shivendra sharma

#कविता #diwalifestival  // शुभ दीपावली //

प्रेम बढ़े, सुख शांति मिले,  धन दौलत मिले अपार l
अमन चैन और शांति के,  दीप जलें, घर द्वार l

एक दीपक उनके लिए,
 जो शहीद हुए देश के लिए।
 एक दीपक उनके लिए, 
जो लड़ रहे देश के लिए।
 एक दीपक उनके लिए, 
जो राह तक रहे, मदद के लिए। 
एक दीपक उनके लिए, 
जिनसे आबाद है घर तुम्हारा l
फिर जलाएं  अपना दीपक, 
घर की सुख, शांति के लिए। 

जगमग ज्योति दीपक की, यही हमे सिखलाती है।
 रहे परस्पर मिलजुल कर,बात हमें बतलाती है। 

खुश रहें और खुशियां बाटें,जीवन का आनंद यही है। 
सन्मार्ग पर चलते रहे,फिर देखो परमानंद यही है।

                                     ---इंजी. शिवेन्द्र शर्मा

©shivendra sharma

// रिश्ते // रिस्तों में कड़वाहट आ रही है, प्यार में क्यों वासना छा रही है l अपने हुए जा रहे हैं, पराए , ये हवा भी कहाँ से आ रही है l ©shivendra sharma

#कविता #tereliye  // रिश्ते //
रिस्तों में कड़वाहट आ रही है, 
प्यार में क्यों वासना छा रही है l
अपने हुए जा रहे हैं, पराए ,
ये हवा भी कहाँ से आ रही है l

©shivendra sharma

#tereliye

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// रिश्ते // रिस्तों में कड़वाहट आ रही है, प्यार में क्यों वासना छा रही है l अपने हुए जा रहे हैं, पराए , ये हवा भी कहाँ से आ रही है l ©shivendra sharma

#कविता #sadak  // रिश्ते  //
रिस्तों में कड़वाहट आ रही है, 
प्यार में क्यों वासना छा रही है l
अपने हुए जा रहे हैं, पराए ,
ये हवा भी कहाँ से आ रही है l

©shivendra sharma

#sadak

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