सौरभ अश्क

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हल ढूँढिये...... सबक तो मिलते रहेंगे, आज जिंदगी है तो कल मौत मिलेंगे । हल ढूँढिये.......

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यादें स्मृति बनकर शेष हो जायेंगी गैलरी के खूबसूरत तस्वीर दीवारों पर कित्रीम मुस्कान बिखेरते नजर आएंगी वर्ष भर में एक दफा साफ की जाएंगी धूल धकड़ को अनायस याद आएंगी हमारी और फिर थोड़ी देर बाद सब सामान्य हो जाएगा लोग अपने कामों में व्यस्त हो जायेंगे सायद किसी दिन उतार भी लिए जाओगे दीवार से और किसी कचरे के डब्बों में अस्तित्व विहीन पाओगे । मरना ही मौत नहीं है यादों से सफर कर स्मृतिशेष हो जाना बड़ी मौत है जो जिंदा होते हुए भी हो जाता है। यही हकिकती दुनिया है बाकी सब के सब मोह-माया है। इति ©सौरभ अश्क

#अंतिम_सत्य #लव  यादें
स्मृति बनकर
शेष हो जायेंगी
गैलरी के खूबसूरत तस्वीर
दीवारों पर कित्रीम
मुस्कान बिखेरते
नजर आएंगी
वर्ष भर में
एक दफा
साफ की जाएंगी
धूल धकड़ को
अनायस याद आएंगी
हमारी और 
फिर थोड़ी देर बाद
सब सामान्य हो जाएगा 
लोग अपने कामों में
व्यस्त हो जायेंगे
सायद किसी दिन
उतार भी लिए जाओगे
दीवार से
और किसी कचरे के डब्बों में
अस्तित्व विहीन पाओगे ।
मरना ही मौत नहीं है
यादों से सफर कर
स्मृतिशेष हो जाना
बड़ी मौत है
जो जिंदा होते हुए भी 
हो जाता है।
यही हकिकती दुनिया है
बाकी सब के सब
मोह-माया है।
इति

©सौरभ अश्क

खुद से रूठे हो कभी... मैं रूठा हूं जान निकलने से पहले मौत आ जाती है बस... इसी तरह हर रोज खुद से नाराज होता हूं और मर जाता हूं फिर मेरे हिस्से के लोग जिन्हें हमारी जरूरत है मुझे बुलाते हैं खामोश चेहरे पर मुस्कुराहट ओढ़ निकल पड़ता हूं खुद को खुद से दूर कर उनके लिए, सबके लिए पर अपने लिए कुछ भी नहीं शायद यही है मेरी बीतती जिंदगी जिसे तुमने सांस तो भरी पर जीना नहीं सिखाया काश... तुम्हें मेरा ख्याल होता । देखना एक दिन सब होंगे तुम्हारे पास पर मैं नहीं और मेरे लिए तेरी आंखे आंसू भी बहा नहीं पाएंगे। ©सौरभ अश्क

#लव #Alive  खुद से रूठे हो कभी...
मैं रूठा हूं
जान निकलने से पहले
मौत आ जाती है
बस... इसी तरह
हर रोज
खुद से नाराज होता हूं
और मर जाता हूं
फिर मेरे हिस्से के लोग
जिन्हें हमारी जरूरत है
मुझे बुलाते हैं
खामोश चेहरे पर
मुस्कुराहट ओढ़ 
निकल पड़ता हूं
खुद को खुद से दूर कर
उनके लिए, सबके लिए
पर अपने लिए
कुछ भी नहीं
शायद यही है 
मेरी बीतती जिंदगी
जिसे तुमने सांस तो भरी
पर जीना नहीं सिखाया
काश...
तुम्हें मेरा ख्याल होता ।
देखना एक दिन
सब होंगे तुम्हारे पास
पर मैं नहीं 
और मेरे लिए
तेरी आंखे आंसू भी
बहा नहीं पाएंगे।

©सौरभ अश्क

#Alive

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#समाज #सौरभ #Twowords  बरसते बूंदों से
विनती है
तुम बरसो
पर किसी
बेवा औरत
के घर नहीं
जो मिट्टी के
बने खोली में
अभागन जिंदगी को
काटती हो।
खैरात में मिले दुःख
जीवन को
शेष उम्र के पूर्व
हर रोज मारता हो
अक्सर खांसती हुई
खुद के लिए
मृत्यु की दुहाई रब से करती हो
बारिश मत सतना उसे
वो लड़खड़ाते पांव से
जमी पर चलती है
जहां पांव के साथ
मिट्टी भी साथ चलती है।
तुम मत सताना उसे
उसे हिम्मत करने दो
जिंदगी के आखिरी दिनों
में उत्साह से अंत होने की

©सौरभ अश्क

#Twowords #सौरभ अश्क

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मैं बातों में उनके यूं ही नहीं आता शौख है की उनके हद देखी जाए मलाल ये है की वो चलते बहुत हैं कोशिश है की एक शाम किनारा हो जाए ©सौरभ अश्क

#विचार #bekhudi  मैं बातों में उनके यूं ही नहीं आता
शौख है की उनके हद देखी जाए
मलाल ये है की वो चलते बहुत हैं
कोशिश है की एक शाम किनारा हो जाए

©सौरभ अश्क

#bekhudi

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#फ़िल्म  कितना अच्छा नायाब है
उसके बालों पर गुलाब है

चांद की अपनी चकोरी है
उफ्फ.... बेशुमार गोरी है

हया का रूप खूब  है
वो चेहरा बहुत खूब है

चंद लम्हों में सिमट न जाए
मेरे दिल का पहला रुआब है

कत्ल के नए इरादे आजमाने हैं
उसके लिए सौ जन्म मर जाने हैं

पेश करूं क्या सब कांटे ही कांटे हैं
वो गुलाब हैं जिसके बालों पर गुलाब है

©सौरभ अश्क

कितना अच्छा नायाब है उसके बालों पर गुलाब है चांद की अपनी चकोरी है उफ्फ.... बेशुमार गोरी है हया का रूप खूब है वो चेहरा बहुत खूब है चंद लम्हों में सिमट न जाए मेरे दिल का पहला रुआब है कत्ल के नए इरादे आजमाने हैं उसके लिए सौ जन्म मर जाने हैं पेश करूं क्या सब कांटे ही कांटे हैं वो गुलाब हैं जिसके बालों पर गुलाब है ©सौरभ अश्क

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#ज़िन्दगी   मीठे तहजीब के मारे फिर रहे हैं हम
तुम्हारे बोल भी कातिलों के सलाहकार हैं

©सौरभ अश्क

मीठे तहजीब के मारे फिर रहे हैं हम तुम्हारे बोल भी कातिलों के सलाहकार हैं ©सौरभ अश्क

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