Krishna Srivastava Kishan

Krishna Srivastava Kishan Lives in Purnea, Bihar, India

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#शायरी

3 Love

आँखें उसकी, झील सी शीतल हैं, बातो में उसकी झड़ने सी चंचलता हैं। ज़नाब…! उसकी बखान मैं क्या करूँ वो खुद में एक कविता है।

#शायरी  आँखें उसकी,
झील सी शीतल हैं,
बातो में उसकी झड़ने सी 
चंचलता हैं।
ज़नाब…!
उसकी बखान मैं क्या करूँ
वो खुद में एक कविता है।

आँखें उसकी, झील सी शीतल हैं, बातो में उसकी झड़ने सी चंचलता हैं। ज़नाब…! उसकी बखान मैं क्या करूँ वो खुद में एक कविता है।

9 Love

कुछ अनजान रिश्ते, यूँ ही जुड़ जाती हैं हम उन्हें टूटकर निभाते हैंl कभी हँसते_हँसाते हैं कभी वेवजह तड़पाते हैं, हर हाल एक_दूसरे को बतलाते हैं। हर खुशी_गम में एक दूसरे को मिलाते हैं, रिश्ते की कोई ओर_छोड़ नही फिर भी निभाते हैंl इतना होते हुए भी ज़नाब…! ये रिश्ते अनजान कहलाते हैं। 💞💞💞💞💞💞💞💞

#शायरी  कुछ अनजान रिश्ते,
यूँ ही जुड़ जाती हैं
हम उन्हें 
टूटकर निभाते हैंl
कभी हँसते_हँसाते हैं
कभी वेवजह तड़पाते हैं,
हर हाल एक_दूसरे को
बतलाते हैं।
हर खुशी_गम में
एक दूसरे को मिलाते हैं,
रिश्ते की कोई
ओर_छोड़ नही
फिर भी निभाते हैंl
इतना होते हुए भी
ज़नाब…!
ये रिश्ते अनजान कहलाते हैं।
💞💞💞💞💞💞💞💞

कुछ अनजान रिश्ते, यूँ ही जुड़ जाती हैं हम उन्हें टूटकर निभाते हैंl कभी हँसते_हँसाते हैं कभी वेवजह तड़पाते हैं, हर हाल एक_दूसरे को बतलाते हैं। हर खुशी_गम में एक दूसरे को मिलाते हैं, रिश्ते की कोई ओर_छोड़ नही फिर भी निभाते हैंl इतना होते हुए भी ज़नाब…! ये रिश्ते अनजान कहलाते हैं। 💞💞💞💞💞💞💞💞

3 Love

ज़िन्दगी तो हल्की_फुल्की सी हैं ज़नाब…! बोझ तो ख्वाइशों का हैं।

 ज़िन्दगी तो हल्की_फुल्की सी हैं
ज़नाब…!
बोझ तो ख्वाइशों का हैं।

ज़िन्दगी तो हल्की_फुल्की सी हैं ज़नाब…! बोझ तो ख्वाइशों का हैं।

2 Love

ये इश्क़ इबादत की रिवायत भी अजीब हैं ज़नाब....! जिसे पाया तक नही उसे खोने से डरते हैं।

#शायरी  ये इश्क़ इबादत की
रिवायत भी अजीब हैं
ज़नाब....!
जिसे पाया तक नही 
उसे खोने से डरते हैं।

ये इश्क़ इबादत की रिवायत भी अजीब हैं ज़नाब....! जिसे पाया तक नही उसे खोने से डरते हैं।

7 Love

चाहत के हर दिन मोह्हबत की हर रात चाहता हूं, दिल मे तो हैं कई बात उन बातों के लिए एक मुलाक़ात चाहता हूँ। चाहत ने जलाई ऐसी तलब की ढ़लते बसंत में मैं चढ़ती बरसात चाहता हूं।।💞

#शायरी  चाहत के हर दिन
मोह्हबत की हर रात चाहता हूं,
दिल मे तो हैं कई बात
उन बातों के लिए एक मुलाक़ात चाहता हूँ।
चाहत ने जलाई ऐसी तलब की
ढ़लते बसंत में मैं
चढ़ती बरसात चाहता हूं।।💞

चाहत के हर दिन मोह्हबत की हर रात चाहता हूं, दिल मे तो हैं कई बात उन बातों के लिए एक मुलाक़ात चाहता हूँ। चाहत ने जलाई ऐसी तलब की ढ़लते बसंत में मैं चढ़ती बरसात चाहता हूं।।💞

8 Love

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