Sriya sri ✍🏻✍🏻

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काली‌ अंधेरी से निकल आया वो इश्क़ की चाँदनी में खोने के बाद मोहोब्बत की दीदारों से मोहब्बत करता गया वो मोहब्बत को देख मोहब्बत करने के बाद देखता गया मुझे अपनी निगाहों से वो मैं भी देखती रही, उसके‌ ‌देखने के बाद बातों बातों से नसीला बनता गया वो मैं साकी बनती गई, उसके बनाने के बाद ख्वाबों की तामीर में नज्म गढ़ता गया वो मैं पढ़ती गयी उसके जाने के बाद श्रीया श्री 02/06/2020

#hearts  काली‌ अंधेरी से निकल आया वो
इश्क़ की चाँदनी में खोने के बाद

मोहोब्बत की दीदारों से मोहब्बत करता गया वो
मोहब्बत को देख मोहब्बत करने के बाद

देखता गया मुझे अपनी निगाहों से वो
मैं भी देखती रही, उसके‌ ‌देखने के बाद

बातों बातों से नसीला बनता गया वो
मैं साकी बनती गई, उसके बनाने के बाद

ख्वाबों की तामीर में नज्म गढ़ता गया वो 
मैं पढ़ती गयी उसके जाने के बाद

श्रीया श्री
02/06/2020

#hearts

14 Love

#मेरे_इश्क़_का_शहर❤️ मेरे इश्क़ का शहर नाम था बनारस इश्क़ से मिलने हम घूमने भी तो आये थे... घण्टी की आवाज़ से सुबह आरती से शाम हमारी वहाँ की बनारसी पान तो हम खाने ही तो आये थे... मंदिर का त्रिपुंड लगा फुलों से हैं घाट सजा मेरे इश्क़ की कहानी रचने हम चाय पीने ही तो आये थे... बनारसी सिल्क की ओढनी ओढ कानों में झुमकों का शोर होठों मे पान की लाली से सजने ही तो आये थे... सुबह सुबह वो गंगा स्नान बनारस की गालियां महान काशी विश्वनाथ की महिमा हम देखने ही तो आये थे...(2) श्रीया श्री 15/03/2020

#मेरे_इश्क़_का_शहर❤️ #poem  #मेरे_इश्क़_का_शहर❤️

मेरे इश्क़ का शहर
नाम था बनारस
इश्क़ से मिलने हम
घूमने भी तो आये थे...

घण्टी की आवाज़ से सुबह
आरती से शाम हमारी
वहाँ की बनारसी पान तो हम
खाने ही तो आये थे...

मंदिर का त्रिपुंड लगा
फुलों से हैं घाट सजा
मेरे इश्क़ की कहानी रचने हम
चाय पीने ही तो आये थे...

बनारसी सिल्क की ओढनी ओढ
कानों में झुमकों का शोर 
होठों मे पान की लाली से
सजने ही तो आये थे...

सुबह सुबह वो गंगा स्नान
बनारस की गालियां महान
काशी विश्वनाथ की महिमा हम
देखने ही तो आये थे...(2)

श्रीया श्री
15/03/2020

#मेरे_इश्क़_का_शहर❤️ मेरे इश्क़ का शहर नाम था बनारस इश्क़ से मिलने हम घूमने भी तो आये थे... घण्टी की आवाज़ से सुबह आरती से शाम हमारी वहाँ की बनारसी पान तो हम खाने ही तो आये थे... मंदिर का त्रिपुंड लगा फुलों से हैं घाट सजा मेरे इश्क़ की कहानी रचने हम चाय पीने ही तो आये थे... बनारसी सिल्क की ओढनी ओढ कानों में झुमकों का शोर होठों मे पान की लाली से सजने ही तो आये थे... सुबह सुबह वो गंगा स्नान बनारस की गालियां महान काशी विश्वनाथ की महिमा हम देखने ही तो आये थे...(2) श्रीया श्री 15/03/2020

13 Love

स्वचछ हम रहेंगे भैया, स्वच्छ देश बनाऐंगें कुडादान रखेंगे, झाडु हम लगाऐंगें गली, मोहल्ले और नगर सबको स्वचछ बनाऐंगें इस देश की सारी गंदगी मिलकर हम हटाऐंगें इधर उधर कचरा हम ना फैलाऐंगें स्वचछ..... मोदी जी का स्वच्छता अभियान हम ही तो चलायेंगें नौ रत्न‌‌‌‌ तो बन गये भैया दसवे हम बन जायेंगे स्वचछ समाज, स्वचछ राज्य, राष्ट्र को स्वच्छ बनायेंगें स्वच्छ देश केे रहने वाले, हम सब स्वच्छ हो जायेंगे स्वच्छ...... ले लो कसम गन्दी, हम ना फैलाऐंगें माँ गंगा से शुरू हुई, जल, थल, हवा, को स्वच्छ बनाएेंगें सोने की चिड़िया को चम चम चम चमकाऐंगें स्वच्छ...... स्वच्छ रहेंगें, स्वस्थ ‌रहेंगें, स्वस्थ राष्ट्र बनायेंगें रोग, शोक‌, ईष्या, द्वेष सबको दूर भगाऐंगें धरती से सोना चाँदी‌ उगाऐंगें इसमे जन्में इसका मान बढ़ाऐंगे इस बसुधा पर दाग रहे ना ‌श्रीया श्री का हैं ये कहना 14/09/2014

 स्वचछ हम रहेंगे भैया, स्वच्छ देश बनाऐंगें
कुडादान रखेंगे, झाडु हम लगाऐंगें
गली, मोहल्ले और नगर सबको स्वचछ बनाऐंगें
इस देश की सारी गंदगी मिलकर हम हटाऐंगें
इधर उधर कचरा हम ना फैलाऐंगें
स्वचछ.....

मोदी जी का स्वच्छता अभियान हम ही तो चलायेंगें
नौ रत्न‌‌‌‌ तो बन गये भैया दसवे हम बन जायेंगे
स्वचछ समाज, स्वचछ राज्य, राष्ट्र को स्वच्छ बनायेंगें
स्वच्छ देश केे रहने वाले, हम सब स्वच्छ हो जायेंगे
स्वच्छ......

ले लो कसम गन्दी, हम ना फैलाऐंगें
माँ गंगा से शुरू हुई, जल, थल, हवा, को स्वच्छ बनाएेंगें
सोने की चिड़िया को चम चम चम चमकाऐंगें
स्वच्छ......

स्वच्छ रहेंगें, स्वस्थ ‌रहेंगें, स्वस्थ राष्ट्र बनायेंगें
रोग, शोक‌, ईष्या, द्वेष सबको दूर भगाऐंगें
धरती से सोना चाँदी‌ उगाऐंगें
इसमे जन्में इसका मान बढ़ाऐंगे
                        इस बसुधा पर दाग रहे ना
                        ‌श्रीया श्री का हैं ये कहना 
                         
                         14/09/2014

स्वचछ हम रहेंगे भैया, स्वच्छ देश बनाऐंगें कुडादान रखेंगे, झाडु हम लगाऐंगें गली, मोहल्ले और नगर सबको स्वचछ बनाऐंगें इस देश की सारी गंदगी मिलकर हम हटाऐंगें इधर उधर कचरा हम ना फैलाऐंगें स्वचछ..... मोदी जी का स्वच्छता अभियान हम ही तो चलायेंगें नौ रत्न‌‌‌‌ तो बन गये भैया दसवे हम बन जायेंगे स्वचछ समाज, स्वचछ राज्य, राष्ट्र को स्वच्छ बनायेंगें स्वच्छ देश केे रहने वाले, हम सब स्वच्छ हो जायेंगे स्वच्छ...... ले लो कसम गन्दी, हम ना फैलाऐंगें माँ गंगा से शुरू हुई, जल, थल, हवा, को स्वच्छ बनाएेंगें सोने की चिड़िया को चम चम चम चमकाऐंगें स्वच्छ...... स्वच्छ रहेंगें, स्वस्थ ‌रहेंगें, स्वस्थ राष्ट्र बनायेंगें रोग, शोक‌, ईष्या, द्वेष सबको दूर भगाऐंगें धरती से सोना चाँदी‌ उगाऐंगें इसमे जन्में इसका मान बढ़ाऐंगे इस बसुधा पर दाग रहे ना ‌श्रीया श्री का हैं ये कहना 14/09/2014

11 Love

मझे कुछ बात कहना हैं या कोई राज कहना हैं तुम आना होंठों पर मुस्कान सजा मुझे अपना अहसास कहना है मुझे कुछ बात कहना हैं इश्क़ की दुनिया बनना हैं मानों काफ़ीला सजाना हैं तुम चलें आना बस मेरा बनकर मुझे तेरा गुरूर बनना हैं मुझे कुछ बात कहना हैं मुझे तेरे रुह में रहना है मुझे आँखों में बसना हैं तुम सिर्फ आ जाना मुझे इज़हार-ए-इश्क़ करना हैं

 मझे कुछ बात कहना हैं
या कोई राज कहना हैं
तुम आना होंठों पर मुस्कान सजा
मुझे अपना अहसास कहना है
मुझे कुछ बात कहना हैं
इश्क़ की दुनिया बनना हैं
मानों काफ़ीला सजाना हैं 
तुम चलें आना बस मेरा बनकर
मुझे तेरा गुरूर बनना हैं
मुझे कुछ बात कहना हैं
मुझे तेरे रुह में रहना है
मुझे आँखों में बसना हैं
तुम सिर्फ आ जाना 
मुझे इज़हार-ए-इश्क़ करना हैं

मझे कुछ बात कहना हैं या कोई राज कहना हैं तुम आना होंठों पर मुस्कान सजा मुझे अपना अहसास कहना है मुझे कुछ बात कहना हैं इश्क़ की दुनिया बनना हैं मानों काफ़ीला सजाना हैं तुम चलें आना बस मेरा बनकर मुझे तेरा गुरूर बनना हैं मुझे कुछ बात कहना हैं मुझे तेरे रुह में रहना है मुझे आँखों में बसना हैं तुम सिर्फ आ जाना मुझे इज़हार-ए-इश्क़ करना हैं

12 Love

किसने रोका हैं तुम्हे आगे बढ़ो, बढ़ते चलो रुको नही थमो नही किसने रोका हैं तुम्हे जानते हो तुम, वो सब कर सकते हो जो तुम चाहते हो अपनी मंज़िल को पहचानों आगे बढ़ो, बढ़ते चलो किसने रोका हैं तुम्हे कुछ कर दिखाओ कुछ करने का हिम्मत लाओ कुछ करके बेशक दिखाओ नाम अपना ऊँचा बनाओ किसने रोका हैं तुम्हे

 किसने रोका हैं तुम्हे
 आगे बढ़ो, बढ़ते चलो
रुको नही थमो नही
किसने रोका हैं तुम्हे
जानते हो तुम, 
वो सब कर सकते हो
जो तुम चाहते हो
अपनी मंज़िल को पहचानों
आगे बढ़ो, बढ़ते चलो 
किसने रोका हैं तुम्हे
कुछ कर दिखाओ
कुछ करने का हिम्मत लाओ
कुछ करके बेशक दिखाओ
नाम अपना ऊँचा बनाओ
किसने रोका हैं तुम्हे

किसने रोका हैं तुम्हे आगे बढ़ो, बढ़ते चलो रुको नही थमो नही किसने रोका हैं तुम्हे जानते हो तुम, वो सब कर सकते हो जो तुम चाहते हो अपनी मंज़िल को पहचानों आगे बढ़ो, बढ़ते चलो किसने रोका हैं तुम्हे कुछ कर दिखाओ कुछ करने का हिम्मत लाओ कुछ करके बेशक दिखाओ नाम अपना ऊँचा बनाओ किसने रोका हैं तुम्हे

3 Love

बेहद खूबसूरत हैं ,उसकी मुस्कान उसका सर पर हाथ फेर कर कहना!! अपना ख्याल रखना खाना सही से खा लेना!! बदमाशी नही, अच्छे से रहना बहुत सुकून देता है!! याद हैं मुझे, जब बचपन में चोट लगने पर, वो सबसे पहले दौड कर आती थी// और दवा लगाने से पहले, खूब डाट दिया करती थी फिर उसके डाट केे बाद वाला प्यार, दवा का काम करता था, माँ का महत्व दिखलाता था!!

 बेहद खूबसूरत हैं ,उसकी मुस्कान
उसका सर पर हाथ फेर कर कहना!!
अपना ख्याल रखना
खाना सही से खा लेना!!
बदमाशी नही, अच्छे से रहना
बहुत सुकून देता है!!
याद हैं मुझे, जब बचपन में
चोट लगने पर,
वो सबसे पहले दौड कर आती थी//
और दवा लगाने से पहले,
खूब डाट दिया करती थी
फिर उसके डाट केे बाद वाला प्यार,
दवा का काम करता था,
माँ का महत्व दिखलाता था!!

बेहद खूबसूरत हैं ,उसकी मुस्कान उसका सर पर हाथ फेर कर कहना!! अपना ख्याल रखना खाना सही से खा लेना!! बदमाशी नही, अच्छे से रहना बहुत सुकून देता है!! याद हैं मुझे, जब बचपन में चोट लगने पर, वो सबसे पहले दौड कर आती थी// और दवा लगाने से पहले, खूब डाट दिया करती थी फिर उसके डाट केे बाद वाला प्यार, दवा का काम करता था, माँ का महत्व दिखलाता था!!

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