Bajrang Raj

Bajrang Raj

डबल एम. ए. हिन्दी संस्कृत 2021 डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या उत्तर प्रदेश, Present time I m preparing from ugc net Hindi subject.

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#वीडियो #hilight

#hilight

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#शायरी #sad_quotes #followrs #hilight  White बहुत मुश्किल होता है 
जब सपने चूर चूर होते हैं 
वादे सारे फ़िज़ूल होते हैं 
गैरों के नहीं अपनों के दस्तूर होते हैं 
यूं ही नहीं लोग दूर होते हैं 
कुछ न कुछ मतलब ज़रूर होते हैं
पर ओ खुश रहें सारे दर्द कबूल होते हैं 
तन्हाइयों में यूं हीं नहीं लोग रोते हैं 
दर्दोगम जिन्दगी के सारे दिल में ढोते हैं ....
✍🏻बजरंग✍🏻
💔💔💔
Broken heart

©Bajrang Raj

#sad_quotes हमारी अधूरी कहानी दिल की ज़ुबानी चहरे पर मुस्कान पर आंखों में पानी, ✍🏻बजरंग✍🏻 #hilight #followrs please Follow me 🙏🙏 my Instagram. @bajrangraj4880

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#Emotional_Shayari #शायरी #hilight  White अपने भी कुछ किस्से हैं जिन्दगी के अधूरे हिस्से! 
ज़रूरी नहीं की हम गम दिखाते रहें,
 मुस्कुराहट से गम अपनें छिपाते रहें,
मिल जाये गर बिन बताए दर्द समझने वाला,
 क्यों न हम उसे तलाशते रहें! 
अपनी यादों के सपने सजाते रहें
बेवजह ही हम मुस्कुराते रहें॥
✍🏻✍🏻 बजरंग ✍🏻✍🏻
@viyogi_writer

©Bajrang Raj

#Emotional_Shayari अल्फाज़ दिल के कहानी अपनी ज़ुबानी भी अपनी #hilight @bajrangraj4880

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#विचार #sad_quotes #BajrangRaj  White कमबख्त भूल गया हूं लिखना,
 अब मुश्किल होता है कलम चलाने में,
 तमन्ना बहुत है अल्फाजों को बताने में,
उंगलियां थम सी जाती है चंद पंक्तियों को सजाने में,
अक्षर स्वतः ही विकृत हो जाते हैं बरसों बाद कलम चलाने में, फुर्सत मिलती ही नहीं डिजिटल ज़माने में,
 कीबोर्ड से उंगलियां हटाने में, 
अब परे नहीं रही दुनियां भौतिकता भरे जमाने में,
तनिक भी देरी नहीं रही चांद की दूरी बताने में,
न मुमकिन नहीं आधुनिकता से अधिक जानें में।।
✍️✍️✍️ #BajrangRaj (वियोगी)
स्वरचित पंक्तियां
2023/07/27
12:12PM

©Bajrang Raj

#sad_quotes

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#कविता #Smile  White हे कामदेव मनसिज मनोज मत अपना अधिकार जमाओ तुम विद्यार्थी हूं विद्या  ब्रम्हचर्य की ज्योति जगाओ तुम
मत भड़काओ काम की ज्वाला मत अपना अधिकार जमाओ तुम
भर दो सद्ज्ञान हृदय में अनुचित कृत्य न सिखा ओ तुम हे मतमंथ ‌‌विरक्त हो जाओ हमसे अभी से हमे न सता ओ तुम 
हे कामदेव रति के स्वामी इस अवस्था में मत आओ तुम
 गृहस्थ जीवन में आना तुम फिर अपना हक ज़माना  तुम अपनी कला दिखाना तुम, होकर वशीभूत यौवन में पर मर्यादा भूल न जाना तुम अपना अधिकार जमाना तुम 
हे कंदर्प श्रृंगारपति विद्यार्थी को ब्रम्हचर्य पाठ सिखाना तुम ।।
           स्वरचित कविता 
          ✍️✍️@बजरंग@✍️✍️
   * हृदय कल्पित* 
                2016  बी० ए०  द्वितीय वर्ष

©Bajrang Raj

#Smile

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