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New गजल अशोक जख्मी Status, Photo, Video

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 होले होले कोई याद आया करता है
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता हैf

©Sandeep

जख्मी दिल

126 View

#शायरी #गजल  वही शाम वही रात वही तारे हैं
 मगर मायूस दिल वही नजारे हैं

लगा था कल जंग जीत कर आए
आज बैठे हैं जैसे जिंदगी से हारे हैं

मेरी  जहां से खफा हो चांद गया
गम मैं डूबे मिलते नहीं किनारे हैं

गुल खिले खुशबू से घुट रहा है दम
आज बेखुद हमें तड़पा रही बहारें हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

99 View

#कविता  White मौर्य राज वंश के चक्रवर्ती सम्राट की जिंदगी रोचक है।
वो रणभूमि में पराक्रम दिखाते दुश्मनों के संहारक है।।
इनकी कीर्ति है विराट, मानवता के बने रहे द्योतक है।
बौद्ध धर्म के संरक्षक रहे गरीबों बहुजनों के पोषक है।।
भारत को विश्व गुरु बनाने वाले बौद्ध धर्म के संवाहक हैं।
सदा सत्य ,दया ,करुणा, मैत्री भाव ,प्रेम के उपासक हैं।।
सत कर्मों से हमेशा ऊंचा रहने वाला इनका मस्तक है।
विश्व में बुद्मम शरणम गच्छामि का देते रहे दस्तक है।।
बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के यही समपोषक हैं।
धर्म में बाह्य आडंबर का सदा बने रहे अवरोधक हैं।।

वसीम राजा की है यही आरजू और है यही कथन।
विश्व में गूंजे भाईचारे का स्वर हरसू हो बस अमन।।
महान सम्राट अशोक की जयंती पर शत-शत नमन।

©Dr Wasim Raja

सम्राट अशोक के जन्मदिन पर समर्पित

126 View

न जाने क्या ज़माना चाहता है, मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है। मेरी मासूमियत को छीन कर क्यों, मुझे शातिर बनाना चाहता है. अभी कोई कमी बाक़ी है शायद, जो फिर से आज़माना चाहता है। मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से, उजाले में वो आना चाहता है। निगाहों से लगे सीधा जिगर पर, वो इक ऐसा निशाना चाहता है । परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश, नशेमन फिर बसाना चाहता है। अल्पना सुहासिनी ©Dr. Alpana suhasini

#गजल_सृजन #शायरी #गजल  न जाने क्या ज़माना चाहता है,
मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है।

मेरी  मासूमियत को छीन कर क्यों,
मुझे शातिर बनाना चाहता है.

अभी कोई कमी बाक़ी है शायद,
जो फिर से आज़माना चाहता है।

मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से,
उजाले में वो आना चाहता है।

निगाहों से लगे सीधा जिगर पर,
वो इक ऐसा निशाना चाहता है । 

परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश,
नशेमन फिर बसाना चाहता है।
         अल्पना सुहासिनी

©Dr. Alpana suhasini
#शायरी #गजल  गजल

करवट बदल बदल कर क्यूं रात बितातें हैं
इक नाम क्यों जमीं पर लिखतें हैं मिटाते हैं

मालूम है डगर में लुट जातें हैं मुसाफिर
गर लुट गए तो फिर क्यों अब शोर मचाते हैं

कट कर पतंग कोई आती न लौट करके
धागे में बांध फिर क्यूं खुशियों को उड़ाते हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

108 View

ना कर ईशारे तबीयत मचल जाएगी । सूरत ए यिर पूतलियो में ढल जाएगी । -------------------------------------- अगर तू ने चाहा और पूजोगी मुझको , मेरी चाहत की नीयत बदल जाएगी । -------------------------------------,- माना कि तुम हो करिश्मा खुदा का , पाक ए खुदा ईबादत बदल जाएगी । --------------------------------------- खंजर निगाहो के जो मारोगी मुझको , रोज मरने की मौत भी टल जाएगी । ---------'ल-----------'---- बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , मयूरा अब कि बारिश बदल जाएगी। बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , ©Anand Ji Mayura Ji

#शायरी  ना कर ईशारे तबीयत मचल जाएगी ।
सूरत ए यिर पूतलियो में ढल जाएगी ।
--------------------------------------
अगर तू ने चाहा और पूजोगी मुझको ,
मेरी चाहत की नीयत बदल जाएगी ।
-------------------------------------,-
माना कि तुम हो करिश्मा खुदा का ,
पाक ए खुदा ईबादत बदल जाएगी ।
---------------------------------------
खंजर निगाहो के जो मारोगी मुझको ,
रोज मरने की मौत भी टल जाएगी ।
---------'ल-----------'----
बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर ,
मयूरा अब कि बारिश बदल जाएगी।

बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर ,

©Anand Ji Mayura Ji

गजल

18 Love

 होले होले कोई याद आया करता है
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता हैf

©Sandeep

जख्मी दिल

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#शायरी #गजल  वही शाम वही रात वही तारे हैं
 मगर मायूस दिल वही नजारे हैं

लगा था कल जंग जीत कर आए
आज बैठे हैं जैसे जिंदगी से हारे हैं

मेरी  जहां से खफा हो चांद गया
गम मैं डूबे मिलते नहीं किनारे हैं

गुल खिले खुशबू से घुट रहा है दम
आज बेखुद हमें तड़पा रही बहारें हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

99 View

#कविता  White मौर्य राज वंश के चक्रवर्ती सम्राट की जिंदगी रोचक है।
वो रणभूमि में पराक्रम दिखाते दुश्मनों के संहारक है।।
इनकी कीर्ति है विराट, मानवता के बने रहे द्योतक है।
बौद्ध धर्म के संरक्षक रहे गरीबों बहुजनों के पोषक है।।
भारत को विश्व गुरु बनाने वाले बौद्ध धर्म के संवाहक हैं।
सदा सत्य ,दया ,करुणा, मैत्री भाव ,प्रेम के उपासक हैं।।
सत कर्मों से हमेशा ऊंचा रहने वाला इनका मस्तक है।
विश्व में बुद्मम शरणम गच्छामि का देते रहे दस्तक है।।
बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के यही समपोषक हैं।
धर्म में बाह्य आडंबर का सदा बने रहे अवरोधक हैं।।

वसीम राजा की है यही आरजू और है यही कथन।
विश्व में गूंजे भाईचारे का स्वर हरसू हो बस अमन।।
महान सम्राट अशोक की जयंती पर शत-शत नमन।

©Dr Wasim Raja

सम्राट अशोक के जन्मदिन पर समर्पित

126 View

न जाने क्या ज़माना चाहता है, मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है। मेरी मासूमियत को छीन कर क्यों, मुझे शातिर बनाना चाहता है. अभी कोई कमी बाक़ी है शायद, जो फिर से आज़माना चाहता है। मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से, उजाले में वो आना चाहता है। निगाहों से लगे सीधा जिगर पर, वो इक ऐसा निशाना चाहता है । परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश, नशेमन फिर बसाना चाहता है। अल्पना सुहासिनी ©Dr. Alpana suhasini

#गजल_सृजन #शायरी #गजल  न जाने क्या ज़माना चाहता है,
मेरी ख़ुशियां मिटाना चाहता है।

मेरी  मासूमियत को छीन कर क्यों,
मुझे शातिर बनाना चाहता है.

अभी कोई कमी बाक़ी है शायद,
जो फिर से आज़माना चाहता है।

मिटाकर तीरगी अब ज़िन्दगी से,
उजाले में वो आना चाहता है।

निगाहों से लगे सीधा जिगर पर,
वो इक ऐसा निशाना चाहता है । 

परिंदे की है बस इतनी सी ख़्वाहिश,
नशेमन फिर बसाना चाहता है।
         अल्पना सुहासिनी

©Dr. Alpana suhasini
#शायरी #गजल  गजल

करवट बदल बदल कर क्यूं रात बितातें हैं
इक नाम क्यों जमीं पर लिखतें हैं मिटाते हैं

मालूम है डगर में लुट जातें हैं मुसाफिर
गर लुट गए तो फिर क्यों अब शोर मचाते हैं

कट कर पतंग कोई आती न लौट करके
धागे में बांध फिर क्यूं खुशियों को उड़ाते हैं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#गजल

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ना कर ईशारे तबीयत मचल जाएगी । सूरत ए यिर पूतलियो में ढल जाएगी । -------------------------------------- अगर तू ने चाहा और पूजोगी मुझको , मेरी चाहत की नीयत बदल जाएगी । -------------------------------------,- माना कि तुम हो करिश्मा खुदा का , पाक ए खुदा ईबादत बदल जाएगी । --------------------------------------- खंजर निगाहो के जो मारोगी मुझको , रोज मरने की मौत भी टल जाएगी । ---------'ल-----------'---- बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , मयूरा अब कि बारिश बदल जाएगी। बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर , ©Anand Ji Mayura Ji

#शायरी  ना कर ईशारे तबीयत मचल जाएगी ।
सूरत ए यिर पूतलियो में ढल जाएगी ।
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अगर तू ने चाहा और पूजोगी मुझको ,
मेरी चाहत की नीयत बदल जाएगी ।
-------------------------------------,-
माना कि तुम हो करिश्मा खुदा का ,
पाक ए खुदा ईबादत बदल जाएगी ।
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खंजर निगाहो के जो मारोगी मुझको ,
रोज मरने की मौत भी टल जाएगी ।
---------'ल-----------'----
बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर ,
मयूरा अब कि बारिश बदल जाएगी।

बनके बदरिया जो बरसोगी मुझ पर ,

©Anand Ji Mayura Ji

गजल

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