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New इन्द्रदेव जी महराज Status, Photo, Video

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#sandeep #लव  आपका प्यार

बरसो बाद खोली ,जब मैने एक किताब
पाया   मैंने  आपका, दिया हुआ गुलाब
मन-मुग्ध  होकर देखने  लगी मैं  ख्वाब
क्योकि
सूखे हुए गुलाब में,आज भी बरकरार है
आपका प्यार
कर  बैठी खुद  से खुद  अनेको bसवाल
कितने  मिलते - जुलते थे  हमारे ख्याल
कुछ कमियां होती तो आप लेते थे संभाल
क्योंकि
सूखे हुए गुलाब में,आज भी बरकरार है
आपका प्यार
प्यार भी तो करते थे ,हम आपसे बेसुमार
जुड़े  हुए  भी  थे  दिल  से  दिल  के  तार
काश  कर देती मैं आपसे प्यार का इज़्हार
क्योंकि
सूखे हुए गुलाब में, आज भी बरकार 
आपका प्यार
आँखे  नम  हुयी   बन्द  कर   दी   मैने  किताब
रख दिया किताब में आपका दिया हुआ गुलाब
ताउम्र  करती  रहूगी  मैं निः स्वार्थ  प्यार जनाब
क्योंकि
सूखे हुए गुलाब में आज भी बरकरार है
आपका प्यार।

©SAKSHI JAIN

#sandeep जी

72 View

 आपसे कुछ ना कुछ पाना तो 
सारी दुनिया चहती है...
पर... मां के अलावा 
जो आपके लिए सब कुछ 
खाने के लिए तैयार रहे उसे ही...
" पिता" कहते हैं...

©Golu kumar Golu

पिता जी

99 View

#जी #CAA

#CAA #जी

144 View

#कविता #नेता  स्वार्थ के लिए वे सदा, हाथ हैं जोड़ते।
है काम जब निकल गया, बाद मुख मोड़ते।
सालों तलक भी उनके , दर्शन होते नहीं।
निज हित का कभी कोई, अवसर न छोड़ते।

©Godambari Negi

#नेता जी

117 View

White मैं प्रत्येक व्यक्ति को अपने इशारों पर नचा देता हूं पर ये कोई जादू का काम नहीं बल्कि मोहब्बत का अशर है... ©DANVEER SINGH DUNIYA

#विचार #Friendship  White मैं प्रत्येक व्यक्ति को अपने इशारों पर नचा देता हूं पर ये कोई जादू का काम नहीं बल्कि मोहब्बत का अशर है...

©DANVEER SINGH DUNIYA

#Friendship जी

15 Love

"पृथ्वी पर पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता-जाता रहता है"। ©Vk Virendra

#Motivational  "पृथ्वी पर पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है 
उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता-जाता रहता है"।

©Vk Virendra

कान्हा जी

14 Love

#sandeep #लव  आपका प्यार

बरसो बाद खोली ,जब मैने एक किताब
पाया   मैंने  आपका, दिया हुआ गुलाब
मन-मुग्ध  होकर देखने  लगी मैं  ख्वाब
क्योकि
सूखे हुए गुलाब में,आज भी बरकरार है
आपका प्यार
कर  बैठी खुद  से खुद  अनेको bसवाल
कितने  मिलते - जुलते थे  हमारे ख्याल
कुछ कमियां होती तो आप लेते थे संभाल
क्योंकि
सूखे हुए गुलाब में,आज भी बरकरार है
आपका प्यार
प्यार भी तो करते थे ,हम आपसे बेसुमार
जुड़े  हुए  भी  थे  दिल  से  दिल  के  तार
काश  कर देती मैं आपसे प्यार का इज़्हार
क्योंकि
सूखे हुए गुलाब में, आज भी बरकार 
आपका प्यार
आँखे  नम  हुयी   बन्द  कर   दी   मैने  किताब
रख दिया किताब में आपका दिया हुआ गुलाब
ताउम्र  करती  रहूगी  मैं निः स्वार्थ  प्यार जनाब
क्योंकि
सूखे हुए गुलाब में आज भी बरकरार है
आपका प्यार।

©SAKSHI JAIN

#sandeep जी

72 View

 आपसे कुछ ना कुछ पाना तो 
सारी दुनिया चहती है...
पर... मां के अलावा 
जो आपके लिए सब कुछ 
खाने के लिए तैयार रहे उसे ही...
" पिता" कहते हैं...

©Golu kumar Golu

पिता जी

99 View

#जी #CAA

#CAA #जी

144 View

#कविता #नेता  स्वार्थ के लिए वे सदा, हाथ हैं जोड़ते।
है काम जब निकल गया, बाद मुख मोड़ते।
सालों तलक भी उनके , दर्शन होते नहीं।
निज हित का कभी कोई, अवसर न छोड़ते।

©Godambari Negi

#नेता जी

117 View

White मैं प्रत्येक व्यक्ति को अपने इशारों पर नचा देता हूं पर ये कोई जादू का काम नहीं बल्कि मोहब्बत का अशर है... ©DANVEER SINGH DUNIYA

#विचार #Friendship  White मैं प्रत्येक व्यक्ति को अपने इशारों पर नचा देता हूं पर ये कोई जादू का काम नहीं बल्कि मोहब्बत का अशर है...

©DANVEER SINGH DUNIYA

#Friendship जी

15 Love

"पृथ्वी पर पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता-जाता रहता है"। ©Vk Virendra

#Motivational  "पृथ्वी पर पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है 
उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता-जाता रहता है"।

©Vk Virendra

कान्हा जी

14 Love

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