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New तोचि खरा साधू Status, Photo, Video

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#कविता #शायरी #भक्ति #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi #election_2024  White बेजुबान जानवरो की हत्या करना (कलमा पढ़ना) अल्लाह का आदेश नही है!
कलामे पाक में कुरबानी का अर्थ अल्लाह की इबादती इम्तेहान में खरा उतरना होता है। जबकि मुस्लिम मौलवी साहेबानों ने इसका मतलब गलत निकालकर पूरे मुस्लिम समुदाय को गलत इबादत पर लगा दिया। जो अल्लाह प्राप्ति से कोसों दूर हैं।
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi

©ARTI JI

#election_2024 #VoteForIndia #voting #लव #शायरी #कविता #viral #Love बेजुबान जानवरो की हत्या करना (कलमा पढ़ना) अल्लाह का आदेश नही है! कलाम

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#शायरी #Hope  उन्हाच्या झळा..

उन्हाच्या झळा या लागता
नकोच करु त्रागा त्रागा
इतके सुंदर आयुष्य असता
का समजतोस रे अभागा

श्वास जोवरी चालू तुझा
तू तुझा रे रखवाला
अविचार करुनिया नको रे
घालू आयुष्यावर घाला

चालून बघ दोन पावले
गती येईल चालण्याला
अनाहत नाद तुझ्याच अंतरी
तुला येईल रे भेटण्याला

ध्यानमग्न होता होता
शंखनाद ही येईल ऐकू
ओमकार जो करील जाप
कोणापुढे ना देणार झुकू

शाश्वत आहे अमर आत्मा
आरोग्य हा तयाचा मार्ग खरा
कशास धुंडाळितो इतस्ततः
अंतरात तुझाच शोध घे ना जरा.....

मी माझी.....

©Sangeeta Kalbhor

#Hope उन्हाच्या झळा या लागता नकोच करु त्रागा त्रागा इतके सुंदर आयुष्य असता का समजतोस रे अभागा श्वास जोवरी चालू तुझा तू तुझा रे रखवाला अविचा

279 View

Village Life सन्ध्या छन्द  221    111    22 माया जब भरमाती । पीड़ा तन बढ़ जाती ।। देखो पढ़कर गीता । ये जीवन अब बीता ।। क्या तू अब सँभलेगा । या तू नित भटकेगा ।। साधू कब तक बोले । लोभी मन मत डोले ।। इच्छा जब बढ़ती है । वो तो फिर डसती है ।। हो जीवन फिर बाधा । बोले गिरधर राधा ।। मीठी सुनकर वाणी । दौड़े सब अब प्राणी ।। सोचा नहिँ कुछ आगे । जोड़े मन-मन धागे ।। १४/०३/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  Village Life सन्ध्या छन्द 
221    111    22
माया जब भरमाती ।
पीड़ा तन बढ़ जाती ।।
देखो पढ़कर गीता ।
ये जीवन अब बीता ।।
क्या तू अब सँभलेगा ।
या तू नित भटकेगा ।।
साधू कब तक बोले ।
लोभी मन मत डोले ।।
इच्छा जब बढ़ती है ।
वो तो फिर डसती है ।।
हो जीवन फिर बाधा ।
बोले गिरधर राधा ।।
मीठी सुनकर वाणी ।
दौड़े सब अब प्राणी ।।
सोचा नहिँ कुछ आगे ।
जोड़े मन-मन धागे ।।
१४/०३/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

सन्ध्या छन्द  221    111    22 माया जब भरमाती । पीड़ा तन बढ़ जाती ।। देखो पढ़कर गीता । ये जीवन अब बीता ।। क्या तू अब सँभलेगा । या तू नित भटकेगा

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#कविता #शायरी #भक्ति #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi #election_2024  White बेजुबान जानवरो की हत्या करना (कलमा पढ़ना) अल्लाह का आदेश नही है!
कलामे पाक में कुरबानी का अर्थ अल्लाह की इबादती इम्तेहान में खरा उतरना होता है। जबकि मुस्लिम मौलवी साहेबानों ने इसका मतलब गलत निकालकर पूरे मुस्लिम समुदाय को गलत इबादत पर लगा दिया। जो अल्लाह प्राप्ति से कोसों दूर हैं।
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi

©ARTI JI

#election_2024 #VoteForIndia #voting #लव #शायरी #कविता #viral #Love बेजुबान जानवरो की हत्या करना (कलमा पढ़ना) अल्लाह का आदेश नही है! कलाम

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#शायरी #Hope  उन्हाच्या झळा..

उन्हाच्या झळा या लागता
नकोच करु त्रागा त्रागा
इतके सुंदर आयुष्य असता
का समजतोस रे अभागा

श्वास जोवरी चालू तुझा
तू तुझा रे रखवाला
अविचार करुनिया नको रे
घालू आयुष्यावर घाला

चालून बघ दोन पावले
गती येईल चालण्याला
अनाहत नाद तुझ्याच अंतरी
तुला येईल रे भेटण्याला

ध्यानमग्न होता होता
शंखनाद ही येईल ऐकू
ओमकार जो करील जाप
कोणापुढे ना देणार झुकू

शाश्वत आहे अमर आत्मा
आरोग्य हा तयाचा मार्ग खरा
कशास धुंडाळितो इतस्ततः
अंतरात तुझाच शोध घे ना जरा.....

मी माझी.....

©Sangeeta Kalbhor

#Hope उन्हाच्या झळा या लागता नकोच करु त्रागा त्रागा इतके सुंदर आयुष्य असता का समजतोस रे अभागा श्वास जोवरी चालू तुझा तू तुझा रे रखवाला अविचा

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Village Life सन्ध्या छन्द  221    111    22 माया जब भरमाती । पीड़ा तन बढ़ जाती ।। देखो पढ़कर गीता । ये जीवन अब बीता ।। क्या तू अब सँभलेगा । या तू नित भटकेगा ।। साधू कब तक बोले । लोभी मन मत डोले ।। इच्छा जब बढ़ती है । वो तो फिर डसती है ।। हो जीवन फिर बाधा । बोले गिरधर राधा ।। मीठी सुनकर वाणी । दौड़े सब अब प्राणी ।। सोचा नहिँ कुछ आगे । जोड़े मन-मन धागे ।। १४/०३/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  Village Life सन्ध्या छन्द 
221    111    22
माया जब भरमाती ।
पीड़ा तन बढ़ जाती ।।
देखो पढ़कर गीता ।
ये जीवन अब बीता ।।
क्या तू अब सँभलेगा ।
या तू नित भटकेगा ।।
साधू कब तक बोले ।
लोभी मन मत डोले ।।
इच्छा जब बढ़ती है ।
वो तो फिर डसती है ।।
हो जीवन फिर बाधा ।
बोले गिरधर राधा ।।
मीठी सुनकर वाणी ।
दौड़े सब अब प्राणी ।।
सोचा नहिँ कुछ आगे ।
जोड़े मन-मन धागे ।।
१४/०३/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

सन्ध्या छन्द  221    111    22 माया जब भरमाती । पीड़ा तन बढ़ जाती ।। देखो पढ़कर गीता । ये जीवन अब बीता ।। क्या तू अब सँभलेगा । या तू नित भटकेगा

15 Love

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