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#स्वरचितरचनायें #कविता #tarukikalam25 #nojotohindi #Trending

हमारी स्वरचित रचनाएं शीर्षक मृत शैय्या सा जीवन विधा कविता भाव वास्तविक विचित्र है बड़ी दो पाटों में बंटा जीवन संघर्षों का चिंतन उभरने

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#गोदी_मीडिया #चाटुकारिता #मिठेसवाल #यूट्यूब #समाचार #अदनासा

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://youtu.be/ZLmJnBxSK9o?si=doioQFjOKDp_p5Cm #हिंदी #समाचार #गोदी_मीडिया #सवाल #जवाब #तय #मिठेसवाल

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#प्रभुश्रीराम #गोदी_मीडिया #पुरुषोत्तम #अमर्यादित #राजनीति #मर्यादा  Jai Shri Ram "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" 

"मर्यादा" अपने आप में एक आदर्श शब्द है, क्योंकि "मर्यादा" शब्द का सीधा संबंध , त्रेतायुग के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम से है, मैं स्वयं सर्वप्रथम मर्यादा शब्द का परिचय, प्रभु श्री राम के नाम से पहले हुआ, इसलिए जब भी मर्यादा शब्द सुनता हूं तो मुझे हर समय मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का स्मरण होता है।
लेकिन कलयुग आते-आते प्रभु श्री राम एवं उनके चरित्र का एक भाग अर्थात "मर्यादा" , इन दोनों ही का उपयोग, अपने-अपने हित को साधने के लिए भारत वर्ष में, वर्तमान काल तक जारी है।

 इन दोनों ही नाम अर्थात "राम" एवं "मर्यादा" का प्रयोग धार्मिक प्रयोजन में हो तो उत्तम लाभ प्राप्त होता है, परंतु जैसे ही इन दोनों का उपयोग राजनीति में नेताओं के द्वारा, एवं धर्म क्षेत्र में चंद पाखंडियों द्वारा होता है, तो अधम हानि को प्राप्त होता है।

"मर्यादा" शब्द का प्रयोग हमारी मुख्य धारा के समाचार चैनलों पर सबसे ज़्यादा किया गया, जिसमें देश की भावनाओं को कुरेदने वाले कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, ऐसे लोगों को निमंत्रित किया जाता है, जो अमर्यादित भाषा के शिरोमणि हो।

परंतु जैसे ही निमंत्रित मेहमान, अपने उच्च कोटि की अमर्यादित भाषा बोल लेता है, तब तक समाज में बहुत से लोगों तक यह अमर्यादित भाषा पहुंच जाती है, यह सिलसिला दस साल से लगातार हो रहा है, जब यह रायता फैलता रहता है, उसके बाद देश के तथाकथित स्वयंभू नंबर वन समाचार चैनलों के हमारे होनहार चाटुकार ऐंकर और ऐंकरा यह कहना नहीं भूलते कि, "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" वैसे वर्तमान में हर चीज़ ही अमर्यादित हो रही है, फ़िर भी मैं यही कहूंगा, कृपया प्रभु श्री राम का स्मरण रखें एवं मर्यादा का पालन करें।

©अदनासा-

दोहा :- सुनो अवध के वासियों , आज हमारी पीर । थामो बहते नीर को , देखो हृदय अधीर ।। कहाँ हमारी पीर को , सुनते अवध नरेश । राम-राम कहते रहे , दर पर खड़े सुरेश ।। सत्य सनातन ही यहाँ , कर बैठा है घात । बुला लिया जयचंद को , घर में आधी रात ।। लिखे अवध पर आज कुछ , हमने दोहा छन्द । भाई जिनको कह रहे , निकले वे जयचन्द ।। कहना सुनना कुछ नही , बस इतनी है बात । सत्य सनातन छोड़ कर , दें हमको सौगात ।। कैसे लंका में बने , मेघनाथ थे भूप । ठीक अवध के लोग भी , वही दिखाये रूप ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  दोहा :-
सुनो अवध के वासियों , आज हमारी पीर ।
थामो बहते नीर को , देखो हृदय अधीर ।।

कहाँ हमारी पीर को , सुनते अवध नरेश ।
राम-राम कहते रहे , दर पर खड़े सुरेश ।।

सत्य सनातन ही यहाँ , कर बैठा है घात ।
बुला लिया जयचंद को , घर में आधी रात ।।

लिखे अवध पर आज कुछ , हमने दोहा छन्द ।
भाई जिनको कह रहे , निकले वे जयचन्द ।।

कहना सुनना कुछ नही , बस इतनी है बात ।
सत्य सनातन छोड़ कर , दें हमको सौगात ।।

कैसे लंका में बने , मेघनाथ थे भूप ।
ठीक अवध के लोग भी , वही दिखाये रूप ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- सुनो अवध के वासियों , आज हमारी पीर । थामो बहते नीर को , देखो हृदय अधीर ।। कहाँ हमारी पीर को , सुनते अवध नरेश । राम-राम कहते रहे , द

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*ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग* सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी । एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।। बैर मत करना कभी भी आप इनसे अब यहाँ । देख सबके भाग्य का सूरज उगाये मोदी जी ।। खौफ खाते आज दुश्मन हैं यहां जिस नाम से । एक ही वो नाम है तुमको बताये मोदी जी ।। जो न कोई कर सका वो कर दिखाया है यहां । इसलिए तो विश्व सारा गुनगुनाये मोदी जी ।। उनकी जय जयकार करता आज यह संसार है कि  इस तरह दिल को सभी के आज भाये मोदी जी ।। एक संयासी के जैसी ज़िन्दगी जीते हैं वो  राम को तब ही सुनो तो धाम लाये मोदी जी ।। कुछ नहीं ज्यादा प्रखर अब कह रहा है बात को । जो किया है काम को वो अब जताये मोदी जी ।।      -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  *ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग*

सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी ।
एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।।

बैर मत करना कभी भी आप इनसे अब यहाँ ।
देख सबके भाग्य का सूरज उगाये मोदी जी ।।

खौफ खाते आज दुश्मन हैं यहां जिस नाम से ।
एक ही वो नाम है तुमको बताये मोदी जी ।।

जो न कोई कर सका वो कर दिखाया है यहां ।
इसलिए तो विश्व सारा गुनगुनाये मोदी जी ।।

उनकी जय जयकार करता आज यह संसार है कि 
इस तरह दिल को सभी के आज भाये मोदी जी ।।

एक संयासी के जैसी ज़िन्दगी जीते हैं वो 
राम को तब ही सुनो तो धाम लाये मोदी जी ।।

कुछ नहीं ज्यादा प्रखर अब कह रहा है बात को ।
जो किया है काम को वो अब जताये मोदी जी ।।

     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

*ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग* सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी । एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।।

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#समाचार #अख़बार #अदनासा #हिंदी #खातिर #सरकार  आज फ़िर पढ़ा अख़बार मैं
एतबार की खातिर
मगर फ़िर वही समाचार था
सरकार की खातिर

©अदनासा-
#स्वरचितरचनायें #कविता #tarukikalam25 #nojotohindi #Trending

हमारी स्वरचित रचनाएं शीर्षक मृत शैय्या सा जीवन विधा कविता भाव वास्तविक विचित्र है बड़ी दो पाटों में बंटा जीवन संघर्षों का चिंतन उभरने

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#गोदी_मीडिया #चाटुकारिता #मिठेसवाल #यूट्यूब #समाचार #अदनासा

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://youtu.be/ZLmJnBxSK9o?si=doioQFjOKDp_p5Cm #हिंदी #समाचार #गोदी_मीडिया #सवाल #जवाब #तय #मिठेसवाल

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#प्रभुश्रीराम #गोदी_मीडिया #पुरुषोत्तम #अमर्यादित #राजनीति #मर्यादा  Jai Shri Ram "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" 

"मर्यादा" अपने आप में एक आदर्श शब्द है, क्योंकि "मर्यादा" शब्द का सीधा संबंध , त्रेतायुग के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम से है, मैं स्वयं सर्वप्रथम मर्यादा शब्द का परिचय, प्रभु श्री राम के नाम से पहले हुआ, इसलिए जब भी मर्यादा शब्द सुनता हूं तो मुझे हर समय मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का स्मरण होता है।
लेकिन कलयुग आते-आते प्रभु श्री राम एवं उनके चरित्र का एक भाग अर्थात "मर्यादा" , इन दोनों ही का उपयोग, अपने-अपने हित को साधने के लिए भारत वर्ष में, वर्तमान काल तक जारी है।

 इन दोनों ही नाम अर्थात "राम" एवं "मर्यादा" का प्रयोग धार्मिक प्रयोजन में हो तो उत्तम लाभ प्राप्त होता है, परंतु जैसे ही इन दोनों का उपयोग राजनीति में नेताओं के द्वारा, एवं धर्म क्षेत्र में चंद पाखंडियों द्वारा होता है, तो अधम हानि को प्राप्त होता है।

"मर्यादा" शब्द का प्रयोग हमारी मुख्य धारा के समाचार चैनलों पर सबसे ज़्यादा किया गया, जिसमें देश की भावनाओं को कुरेदने वाले कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, ऐसे लोगों को निमंत्रित किया जाता है, जो अमर्यादित भाषा के शिरोमणि हो।

परंतु जैसे ही निमंत्रित मेहमान, अपने उच्च कोटि की अमर्यादित भाषा बोल लेता है, तब तक समाज में बहुत से लोगों तक यह अमर्यादित भाषा पहुंच जाती है, यह सिलसिला दस साल से लगातार हो रहा है, जब यह रायता फैलता रहता है, उसके बाद देश के तथाकथित स्वयंभू नंबर वन समाचार चैनलों के हमारे होनहार चाटुकार ऐंकर और ऐंकरा यह कहना नहीं भूलते कि, "कृपया मर्यादा में रहकर अपनी बात कहे" वैसे वर्तमान में हर चीज़ ही अमर्यादित हो रही है, फ़िर भी मैं यही कहूंगा, कृपया प्रभु श्री राम का स्मरण रखें एवं मर्यादा का पालन करें।

©अदनासा-

दोहा :- सुनो अवध के वासियों , आज हमारी पीर । थामो बहते नीर को , देखो हृदय अधीर ।। कहाँ हमारी पीर को , सुनते अवध नरेश । राम-राम कहते रहे , दर पर खड़े सुरेश ।। सत्य सनातन ही यहाँ , कर बैठा है घात । बुला लिया जयचंद को , घर में आधी रात ।। लिखे अवध पर आज कुछ , हमने दोहा छन्द । भाई जिनको कह रहे , निकले वे जयचन्द ।। कहना सुनना कुछ नही , बस इतनी है बात । सत्य सनातन छोड़ कर , दें हमको सौगात ।। कैसे लंका में बने , मेघनाथ थे भूप । ठीक अवध के लोग भी , वही दिखाये रूप ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  दोहा :-
सुनो अवध के वासियों , आज हमारी पीर ।
थामो बहते नीर को , देखो हृदय अधीर ।।

कहाँ हमारी पीर को , सुनते अवध नरेश ।
राम-राम कहते रहे , दर पर खड़े सुरेश ।।

सत्य सनातन ही यहाँ , कर बैठा है घात ।
बुला लिया जयचंद को , घर में आधी रात ।।

लिखे अवध पर आज कुछ , हमने दोहा छन्द ।
भाई जिनको कह रहे , निकले वे जयचन्द ।।

कहना सुनना कुछ नही , बस इतनी है बात ।
सत्य सनातन छोड़ कर , दें हमको सौगात ।।

कैसे लंका में बने , मेघनाथ थे भूप ।
ठीक अवध के लोग भी , वही दिखाये रूप ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- सुनो अवध के वासियों , आज हमारी पीर । थामो बहते नीर को , देखो हृदय अधीर ।। कहाँ हमारी पीर को , सुनते अवध नरेश । राम-राम कहते रहे , द

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*ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग* सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी । एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।। बैर मत करना कभी भी आप इनसे अब यहाँ । देख सबके भाग्य का सूरज उगाये मोदी जी ।। खौफ खाते आज दुश्मन हैं यहां जिस नाम से । एक ही वो नाम है तुमको बताये मोदी जी ।। जो न कोई कर सका वो कर दिखाया है यहां । इसलिए तो विश्व सारा गुनगुनाये मोदी जी ।। उनकी जय जयकार करता आज यह संसार है कि  इस तरह दिल को सभी के आज भाये मोदी जी ।। एक संयासी के जैसी ज़िन्दगी जीते हैं वो  राम को तब ही सुनो तो धाम लाये मोदी जी ।। कुछ नहीं ज्यादा प्रखर अब कह रहा है बात को । जो किया है काम को वो अब जताये मोदी जी ।।      -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  *ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग*

सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी ।
एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।।

बैर मत करना कभी भी आप इनसे अब यहाँ ।
देख सबके भाग्य का सूरज उगाये मोदी जी ।।

खौफ खाते आज दुश्मन हैं यहां जिस नाम से ।
एक ही वो नाम है तुमको बताये मोदी जी ।।

जो न कोई कर सका वो कर दिखाया है यहां ।
इसलिए तो विश्व सारा गुनगुनाये मोदी जी ।।

उनकी जय जयकार करता आज यह संसार है कि 
इस तरह दिल को सभी के आज भाये मोदी जी ।।

एक संयासी के जैसी ज़िन्दगी जीते हैं वो 
राम को तब ही सुनो तो धाम लाये मोदी जी ।।

कुछ नहीं ज्यादा प्रखर अब कह रहा है बात को ।
जो किया है काम को वो अब जताये मोदी जी ।।

     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

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*ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग* सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी । एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।।

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#समाचार #अख़बार #अदनासा #हिंदी #खातिर #सरकार  आज फ़िर पढ़ा अख़बार मैं
एतबार की खातिर
मगर फ़िर वही समाचार था
सरकार की खातिर

©अदनासा-
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