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#shamawritesBebaak #milan_night #urduadab #Quotes #shyari #rishte  White अक्सर होता है ऐसा,मगर हरबार नहीं होता,दिल से
 उतरे लोगो का मुझसे मान मनुहार नहीं होता//१
                                       
 मन करता है ऐसे लोगो के गाल पे दो रख ही दूँ,
मगर मुझसे हरगिज ये हद पार नहीं होता//२

मुझे उसके घडीयली अश्कों पे एतमाद नहीं होता,वो
अब कितना भी यकी दिलाएं मगर एतबार नहीं होता//३

जो करता था फोन,और सन्देश,अब नहीं करता
 वो रिश्ता आगे चलाने को बेकरार नहीं होता//४

मै चक्रवृद्धि ब्याज का मारा उसे कर्ज कहां से देता,वो
      मेरी इस कशमकश को समझने मे तैयार नहीं होता//५            

अलगाव का जिसने भी किया हीला,जरूर उसे मजबूर
किया होगा,वरना अपनो से ऐसे कोई गद्दार नही होता//६

वो जिससे जब भी मिला चंद रोज़ उसका ही रहा,
के"शमा" ऐसा शख्स किसी का सच्चा यार नही होता//७
         
 #shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#milan_night अक्सर होता है ऐसा,मगर हरबार नहीं होता,दिल से उतरे लोगो का मुझसे मान मनुहार नहीं होता//१ मन करता है ऐसे लोगो के गाल पे दो रख ही

477 View

#शायरी #कशमकश  White धड़कनों से पूछता हूँ क्यों उसका नाम गुनगुनाती हो,
सांसों से पूछता हूँ क्यों उसको आवाज़ लगाती हो,
जब उसे लौट कर ही नहीं आना तो आँखों तुम क्यों आँशु बहाती हो,
धड़कनों ने कहा कोई गीत उस से प्यार नहीं है,
सांसों ने कहा उसके सिवा को तुम्हारा नहीं है,
आँखे कहती है उस से सुन्दर कोई नजारा नहीं है,
मस्तिष्क से कहता हूँ तू तो भूल जा उसे,
मुस्करा कर वो भी बोला बिन उसकी यादों के गुजारा नहीं है |
12/06/2024

©suresh gulia
#shamawritesBebaak #Motivational #sad_shayari  White ***औरत का वजूद***
कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...?
वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे अखलाक, इल्म,तालीम,और अपना जहीन जहन......
फिर उसकी पहचान,उसकी अजमत,अस्मत,आजादी और अल्हड़पन कहाँ खो जाती होगी...
गजाला सी चंचल चितवन वाली
पिंजरेनुमा सुसराल में कैद मैना सी,शिरीन जुबा से रस उड़ेलती अनजान लोगों से सबकी जी हुजूरी में खिदमते करती बोलती, झिड़कियां,तंज,रंज गाली ग्लोच झेलती और इसी उधेड़बुन में सब्र करती बस......
फिर इसी कशमकश में संतानोत्पत्ति के बाद खुद से ही जिहाद करती हुई,अपनी गृहस्थी संभालती,भूलती रही,अपने जिस्म और रुह पर पड़े जख्मों की थकन से चकनाचूर,अपनी आप बीती को डायरी के पन्नो पर लिखती,संजोती...........
वो एक बेनाम,औरत एक रोज मर जाती रही अपना फर्ज निभाकर,और भूल जाते हैं ये मतलबी लोग,....
यही सब सुनते और देखते आ रहे हैं,पता नहीं कब से.?
मौजूदा दौर मे तो रिश्ते बस समझौते भर रह गए है..?

सुनो बीन्त हव्वा 🎤अबअपने जिस्म को बिछौना बनाकर नहीं जीना...?
तुम्हारी वुसअती तो (फैलाव) ला_मेहदूद(अनंत) है!!
तुम इब्न आदम की नस्ल बढाने वाली हो,निस्वार्थ उल्फ्तें बांटने वाली हो,
तुम अदबन हो अदब के काबिल हो...
औरत ही मर्द की संपूरक है,और मर्द औरत से ही संपूर्ण और परिपूर्ण है.!!
आदमी मतलबी,अना परस्त,ढीठ,तंगदिल,संगदिल सा हो सकता है,मगर औरत संजीदा,आब ए हयात की मानिंद.हयात देने वाली होती है।जैसे मानो पूरी कायनात बिन औरत के वजूद के अधूरी और बेमानी हो..!
मुख्तसर बात यही है के आदमी जरिया है तो औरत तामीरदा(निर्माता).....
बनना और मिटना,औरत से ही है,तो फिर ये बेमिसाल औरत पर आदमी को फजीलत देने वाला,पुरुष प्रधान मुआश्रा क्यूं भूल जाता है औरत के वजूद को....???Bolg by✍️
#shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_shayari ***औरत का वजूद*** कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...? वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे

522 View

#शायरी  बड़ी अजीब सी
कशमकश से रूबरू हूँ मैं
अल्फाजों में ही
बस समेट दूँ तुमको
या फिर 
रूह में अपनी उतार लूँ मैं

©हिमांशु Kulshreshtha

कशमकश...

153 View

#shamawritesBebaak #milan_night #urduadab #Quotes #shyari #rishte  White अक्सर होता है ऐसा,मगर हरबार नहीं होता,दिल से
 उतरे लोगो का मुझसे मान मनुहार नहीं होता//१
                                       
 मन करता है ऐसे लोगो के गाल पे दो रख ही दूँ,
मगर मुझसे हरगिज ये हद पार नहीं होता//२

मुझे उसके घडीयली अश्कों पे एतमाद नहीं होता,वो
अब कितना भी यकी दिलाएं मगर एतबार नहीं होता//३

जो करता था फोन,और सन्देश,अब नहीं करता
 वो रिश्ता आगे चलाने को बेकरार नहीं होता//४

मै चक्रवृद्धि ब्याज का मारा उसे कर्ज कहां से देता,वो
      मेरी इस कशमकश को समझने मे तैयार नहीं होता//५            

अलगाव का जिसने भी किया हीला,जरूर उसे मजबूर
किया होगा,वरना अपनो से ऐसे कोई गद्दार नही होता//६

वो जिससे जब भी मिला चंद रोज़ उसका ही रहा,
के"शमा" ऐसा शख्स किसी का सच्चा यार नही होता//७
         
 #shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#milan_night अक्सर होता है ऐसा,मगर हरबार नहीं होता,दिल से उतरे लोगो का मुझसे मान मनुहार नहीं होता//१ मन करता है ऐसे लोगो के गाल पे दो रख ही

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#शायरी #कशमकश  White धड़कनों से पूछता हूँ क्यों उसका नाम गुनगुनाती हो,
सांसों से पूछता हूँ क्यों उसको आवाज़ लगाती हो,
जब उसे लौट कर ही नहीं आना तो आँखों तुम क्यों आँशु बहाती हो,
धड़कनों ने कहा कोई गीत उस से प्यार नहीं है,
सांसों ने कहा उसके सिवा को तुम्हारा नहीं है,
आँखे कहती है उस से सुन्दर कोई नजारा नहीं है,
मस्तिष्क से कहता हूँ तू तो भूल जा उसे,
मुस्करा कर वो भी बोला बिन उसकी यादों के गुजारा नहीं है |
12/06/2024

©suresh gulia
#shamawritesBebaak #Motivational #sad_shayari  White ***औरत का वजूद***
कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...?
वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे अखलाक, इल्म,तालीम,और अपना जहीन जहन......
फिर उसकी पहचान,उसकी अजमत,अस्मत,आजादी और अल्हड़पन कहाँ खो जाती होगी...
गजाला सी चंचल चितवन वाली
पिंजरेनुमा सुसराल में कैद मैना सी,शिरीन जुबा से रस उड़ेलती अनजान लोगों से सबकी जी हुजूरी में खिदमते करती बोलती, झिड़कियां,तंज,रंज गाली ग्लोच झेलती और इसी उधेड़बुन में सब्र करती बस......
फिर इसी कशमकश में संतानोत्पत्ति के बाद खुद से ही जिहाद करती हुई,अपनी गृहस्थी संभालती,भूलती रही,अपने जिस्म और रुह पर पड़े जख्मों की थकन से चकनाचूर,अपनी आप बीती को डायरी के पन्नो पर लिखती,संजोती...........
वो एक बेनाम,औरत एक रोज मर जाती रही अपना फर्ज निभाकर,और भूल जाते हैं ये मतलबी लोग,....
यही सब सुनते और देखते आ रहे हैं,पता नहीं कब से.?
मौजूदा दौर मे तो रिश्ते बस समझौते भर रह गए है..?

सुनो बीन्त हव्वा 🎤अबअपने जिस्म को बिछौना बनाकर नहीं जीना...?
तुम्हारी वुसअती तो (फैलाव) ला_मेहदूद(अनंत) है!!
तुम इब्न आदम की नस्ल बढाने वाली हो,निस्वार्थ उल्फ्तें बांटने वाली हो,
तुम अदबन हो अदब के काबिल हो...
औरत ही मर्द की संपूरक है,और मर्द औरत से ही संपूर्ण और परिपूर्ण है.!!
आदमी मतलबी,अना परस्त,ढीठ,तंगदिल,संगदिल सा हो सकता है,मगर औरत संजीदा,आब ए हयात की मानिंद.हयात देने वाली होती है।जैसे मानो पूरी कायनात बिन औरत के वजूद के अधूरी और बेमानी हो..!
मुख्तसर बात यही है के आदमी जरिया है तो औरत तामीरदा(निर्माता).....
बनना और मिटना,औरत से ही है,तो फिर ये बेमिसाल औरत पर आदमी को फजीलत देने वाला,पुरुष प्रधान मुआश्रा क्यूं भूल जाता है औरत के वजूद को....???Bolg by✍️
#shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_shayari ***औरत का वजूद*** कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...? वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे

522 View

#शायरी  बड़ी अजीब सी
कशमकश से रूबरू हूँ मैं
अल्फाजों में ही
बस समेट दूँ तुमको
या फिर 
रूह में अपनी उतार लूँ मैं

©हिमांशु Kulshreshtha

कशमकश...

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