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#विचार  order now

©मोरध्वज सिंह

*Stylish Polyester Double Bedsheet with Two Pillow Covers* *Size*: Double(Length - 90.0 inches) Double(Width - 90.0 inches) *Color*: G

99 View

#clothes  Elegant Grey

©Twinkle C S

Elegant Grey #clothes

81 View

#clothes  Net Lehenga Choli in Grey colour

©Twinkle C S

Elegant Grey #clothes

99 View

#Lake  White 
And the walls, oh those walls! Covered with pictures of every moment she lived that her cracked walls were torn between if they should keep or let them fall and shatter; tired of soaking their colours till they have turned grey.

©indefinite_mirage

grey #Lake @Bhagyashree Jena @Dristi Dash UnHeardकवि

198 View

दूर से आती आवाज़ें पहचानने से क्या होगा, तेरा यहाँ कोई हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास नहीं। ग़ैर की महफिलों में खुश रहने की कोशिशें तमाम कर, इश्क़ की तन्हाईयाँ छोडेंगी कभी तेरा साथ नहीं। जिसकी उम्मीद-ए-आमद में है तेरी आँखों में चमक तेरे सबब-ए-ग़म से उसे कोई वास्ता ही नहीं। साया फ़कत उजालों में होगा तेरा शरीक-ए-सफर, शब-ए-ग़म में उसे भी है तेरा साथ गवारा नहीं। तू दरिया-ए-ना-पैदा का क़तरा-ए-ग़म-गश्ता है, तेरी तक़दीर में आगोश-ए-सागर लिखा ही नहीं। हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास ( करीब और खास दोस्त ) उम्मीद-ए-आमद ( आने की उम्मीद ) सबब-ए-ग़म ( दु: ख का कारण ) शरीक-ए-सफर ( दु: ख में भागीदार ) शब-ए-ग़म ( दु: ख की रात ) दरिया-ए-ना-पैदा ( नदी जो अजन्मे है; ग़ायब है ) क़तरा-ए-ग़म-गश्ता ( खोई बूंद ) आगोश-ए-सागर ( सागर के गले ) ©Sameer Kaul 'Sagar'

#grey  दूर से आती आवाज़ें पहचानने से क्या होगा,
तेरा यहाँ कोई हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास नहीं।

ग़ैर की महफिलों में खुश रहने की कोशिशें तमाम कर,
इश्क़ की तन्हाईयाँ छोडेंगी कभी तेरा साथ नहीं।

जिसकी उम्मीद-ए-आमद में है तेरी आँखों में चमक
तेरे सबब-ए-ग़म से उसे कोई वास्ता ही नहीं।

साया  फ़कत उजालों में होगा तेरा शरीक-ए-सफर,
शब-ए-ग़म में उसे भी है तेरा साथ गवारा नहीं।

तू दरिया-ए-ना-पैदा का क़तरा-ए-ग़म-गश्ता है,
तेरी तक़दीर में आगोश-ए-सागर लिखा ही नहीं।


हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास ( करीब और खास दोस्त )
उम्मीद-ए-आमद ( आने की उम्मीद )
सबब-ए-ग़म ( दु: ख का कारण )
शरीक-ए-सफर ( दु: ख में भागीदार )
शब-ए-ग़म ( दु: ख की रात )
दरिया-ए-ना-पैदा ( नदी जो अजन्मे है; ग़ायब है )
क़तरा-ए-ग़म-गश्ता ( खोई बूंद )
आगोश-ए-सागर ( सागर के गले )

©Sameer Kaul 'Sagar'

#grey

14 Love

#विचार  order now

©मोरध्वज सिंह

*Stylish Polyester Double Bedsheet with Two Pillow Covers* *Size*: Double(Length - 90.0 inches) Double(Width - 90.0 inches) *Color*: G

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#clothes  Elegant Grey

©Twinkle C S

Elegant Grey #clothes

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#clothes  Net Lehenga Choli in Grey colour

©Twinkle C S

Elegant Grey #clothes

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#Lake  White 
And the walls, oh those walls! Covered with pictures of every moment she lived that her cracked walls were torn between if they should keep or let them fall and shatter; tired of soaking their colours till they have turned grey.

©indefinite_mirage

grey #Lake @Bhagyashree Jena @Dristi Dash UnHeardकवि

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दूर से आती आवाज़ें पहचानने से क्या होगा, तेरा यहाँ कोई हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास नहीं। ग़ैर की महफिलों में खुश रहने की कोशिशें तमाम कर, इश्क़ की तन्हाईयाँ छोडेंगी कभी तेरा साथ नहीं। जिसकी उम्मीद-ए-आमद में है तेरी आँखों में चमक तेरे सबब-ए-ग़म से उसे कोई वास्ता ही नहीं। साया फ़कत उजालों में होगा तेरा शरीक-ए-सफर, शब-ए-ग़म में उसे भी है तेरा साथ गवारा नहीं। तू दरिया-ए-ना-पैदा का क़तरा-ए-ग़म-गश्ता है, तेरी तक़दीर में आगोश-ए-सागर लिखा ही नहीं। हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास ( करीब और खास दोस्त ) उम्मीद-ए-आमद ( आने की उम्मीद ) सबब-ए-ग़म ( दु: ख का कारण ) शरीक-ए-सफर ( दु: ख में भागीदार ) शब-ए-ग़म ( दु: ख की रात ) दरिया-ए-ना-पैदा ( नदी जो अजन्मे है; ग़ायब है ) क़तरा-ए-ग़म-गश्ता ( खोई बूंद ) आगोश-ए-सागर ( सागर के गले ) ©Sameer Kaul 'Sagar'

#grey  दूर से आती आवाज़ें पहचानने से क्या होगा,
तेरा यहाँ कोई हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास नहीं।

ग़ैर की महफिलों में खुश रहने की कोशिशें तमाम कर,
इश्क़ की तन्हाईयाँ छोडेंगी कभी तेरा साथ नहीं।

जिसकी उम्मीद-ए-आमद में है तेरी आँखों में चमक
तेरे सबब-ए-ग़म से उसे कोई वास्ता ही नहीं।

साया  फ़कत उजालों में होगा तेरा शरीक-ए-सफर,
शब-ए-ग़म में उसे भी है तेरा साथ गवारा नहीं।

तू दरिया-ए-ना-पैदा का क़तरा-ए-ग़म-गश्ता है,
तेरी तक़दीर में आगोश-ए-सागर लिखा ही नहीं।


हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास ( करीब और खास दोस्त )
उम्मीद-ए-आमद ( आने की उम्मीद )
सबब-ए-ग़म ( दु: ख का कारण )
शरीक-ए-सफर ( दु: ख में भागीदार )
शब-ए-ग़म ( दु: ख की रात )
दरिया-ए-ना-पैदा ( नदी जो अजन्मे है; ग़ायब है )
क़तरा-ए-ग़म-गश्ता ( खोई बूंद )
आगोश-ए-सागर ( सागर के गले )

©Sameer Kaul 'Sagar'

#grey

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