tags

New 'पशु -पक्षी प्रेम पर कविता' Status, Photo, Video

Find the latest Status about 'पशु -पक्षी प्रेम पर कविता' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about 'पशु -पक्षी प्रेम पर कविता'.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#Videos

राष्ट्रीय पक्षी

144 View

#Videos

गौरैया पक्षी

99 View

#मराठीकविता #ishq

#ishq कविता "अव्यक्त प्रेम"

135 View

#कविता #ishq

#ishq कविता "अव्यक्त प्रेम"

207 View

#विचार  धरती पर प्रकृति ने
सुंदर पक्षी बनाएं उनकी  चह चाहठ कोलाहल से वातावरण गूंज मान होता है

©Deepak Gupta

# हमारे पक्षी

117 View

#कविता  Village Life यूं ही नहीं परवान चढ़ा यह पशु प्रेम।
 मैंने बचपन से देखा है, अपनी दादी को ।
जो सुबह उठते ही मुंह धोने से पहले चारा देती हैं हमारी गाय को।
 घर के आंगन में बधे पशु जाने कैसे मेरी दादी की आहट को सुन लेते है।

दरवाजे खुलने की आवाज न जाने वह कैसे पहचान लेते हैं।
 वो भी समझ जाते हैं कि काली घनी अंधेरी रात अब जा चुकी है।
 सुबह का सूरज बस उगने वाला ही है ।
जैसे ही दादी घास की गठरी को उनके आगे फैकती है।

 वह भी झट से उठकर दादी के हाथों को चाटते हैं ।
अपनी लंबी सी जीव निकाल के कभी दादी की धोती पर 
तो कभी दादी के बालों को चाटने लगते हैं ।

शायद वह भी  दादी को प्यार करते हैं।
घास के बदले में पशु दादी को ढेर सारा प्यार देते हैं।
 अपने सुबह के चारे को देख पशु खुशी से झूम उठते हैं।

चारा खाने के बाद पशु अब कुछ पानी पीना चाहते हैं।
और वह लंबी सी जीभ को निकाल के अपने मुंह के दाएं बाएं फेरते है ।
 मेरी दादी साक्षर नहीं है, उसने कभी भी पशुओं के लिए कोई अलग सी पुस्तक नहीं पढ़ी, लेकिन वह उनकी भाषा को जानती है।

दादी समझ जाती है ,कि उसे अब प्यास लगी है ।
और फिर क्या दादी झट से एक बाल्टी भर के पानी ले आती है।
 और रख देती है गौशाला में पशुओं के आगे।
सभी झट से पानी को पीने लगते हैं ।
वह बहुत देर तक बाल्टी में सर डुबो के चुस्कियां लेते है।

 यूं ही नहीं परवान चढ़ा यह पशु प्रेम।
यूं ही नहीं परवान चढ़ा यह पशु प्रेम।।

©Negi Girl Kammu

पशु प्रेम।

90 View

#Videos

राष्ट्रीय पक्षी

144 View

#Videos

गौरैया पक्षी

99 View

#मराठीकविता #ishq

#ishq कविता "अव्यक्त प्रेम"

135 View

#कविता #ishq

#ishq कविता "अव्यक्त प्रेम"

207 View

#विचार  धरती पर प्रकृति ने
सुंदर पक्षी बनाएं उनकी  चह चाहठ कोलाहल से वातावरण गूंज मान होता है

©Deepak Gupta

# हमारे पक्षी

117 View

#कविता  Village Life यूं ही नहीं परवान चढ़ा यह पशु प्रेम।
 मैंने बचपन से देखा है, अपनी दादी को ।
जो सुबह उठते ही मुंह धोने से पहले चारा देती हैं हमारी गाय को।
 घर के आंगन में बधे पशु जाने कैसे मेरी दादी की आहट को सुन लेते है।

दरवाजे खुलने की आवाज न जाने वह कैसे पहचान लेते हैं।
 वो भी समझ जाते हैं कि काली घनी अंधेरी रात अब जा चुकी है।
 सुबह का सूरज बस उगने वाला ही है ।
जैसे ही दादी घास की गठरी को उनके आगे फैकती है।

 वह भी झट से उठकर दादी के हाथों को चाटते हैं ।
अपनी लंबी सी जीव निकाल के कभी दादी की धोती पर 
तो कभी दादी के बालों को चाटने लगते हैं ।

शायद वह भी  दादी को प्यार करते हैं।
घास के बदले में पशु दादी को ढेर सारा प्यार देते हैं।
 अपने सुबह के चारे को देख पशु खुशी से झूम उठते हैं।

चारा खाने के बाद पशु अब कुछ पानी पीना चाहते हैं।
और वह लंबी सी जीभ को निकाल के अपने मुंह के दाएं बाएं फेरते है ।
 मेरी दादी साक्षर नहीं है, उसने कभी भी पशुओं के लिए कोई अलग सी पुस्तक नहीं पढ़ी, लेकिन वह उनकी भाषा को जानती है।

दादी समझ जाती है ,कि उसे अब प्यास लगी है ।
और फिर क्या दादी झट से एक बाल्टी भर के पानी ले आती है।
 और रख देती है गौशाला में पशुओं के आगे।
सभी झट से पानी को पीने लगते हैं ।
वह बहुत देर तक बाल्टी में सर डुबो के चुस्कियां लेते है।

 यूं ही नहीं परवान चढ़ा यह पशु प्रेम।
यूं ही नहीं परवान चढ़ा यह पशु प्रेम।।

©Negi Girl Kammu

पशु प्रेम।

90 View

Trending Topic