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गीत :- रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। रहूँ सदा मैं माँ की गोदी .... इस जीवन का मोल अदा हो , मातु-पिता की कर सेवा । इस सेवा से ही पहले तो , हमने चखा बहुत मेवा ।। बिन कर्म किए फल मिले हमें , नहीं किया था अभिलाषा  । रहूँ सदा मैं माँ की गोदी .... तुम ही जननी तुम जगदम्बा , मुझको कर दो अब श्रीधर । पड़ा रहूँ मैं शरण तुम्हारी , मातु हमें अब दे दो वर ।। मैं भी सेवा करूँ तुम्हारी , उठती मन में अभिलाषा । रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ...। तुम ही साथी तुम ही देवी , तुमसे आज छुपाऊँ क्या । शीतल पावन दूध तुम्हारा, पीकर मैं इठलाऊँ क्या ।। जो बनकर लहू दौड़ता है , क्या दूँ उसकी परिभाषा । रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ..... रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता #motherlove  गीत :-
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा ।
त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।।
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ....
इस जीवन का मोल अदा हो , मातु-पिता की कर सेवा ।
इस सेवा से ही पहले तो , हमने चखा बहुत मेवा ।।
बिन कर्म किए फल मिले हमें , नहीं किया था अभिलाषा  ।
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ....
तुम ही जननी तुम जगदम्बा , मुझको कर दो अब श्रीधर ।
पड़ा रहूँ मैं शरण तुम्हारी , मातु हमें अब दे दो वर ।।
मैं भी सेवा करूँ तुम्हारी , उठती मन में अभिलाषा ।
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ...।
तुम ही साथी तुम ही देवी , तुमसे आज छुपाऊँ क्या ।
शीतल पावन दूध तुम्हारा, पीकर मैं इठलाऊँ क्या ।।
जो बनकर लहू दौड़ता है , क्या दूँ उसकी परिभाषा ।
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी .....
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा ।
त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#motherlove गीत :- रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। रहूँ सदा मैं माँ की ग

14 Love

neetu sharma ©Neetu Sharma

 neetu sharma

©Neetu Sharma

प्रेम की परिभाषा ❤️🥀@Satyaprem Upadhyay @Namit @Manak desai @SIDDHARTH.SHENDE.sid @Arshad Siddiqui

21 Love

#विचार

मेरी प्यारी सासु मां... एक मां जिसने पति खोकर संपत्ति खोकर बड़े संघर्ष से ना घर परिवार बच्चों को संभाला.. लेकिन एक सांस को खुश कर पाना मेरे

90 View

White जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा, जीवन के साधन इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते... मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि मुश्किल या मालूम ही नहीं.... मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार। जीवन की अंतिम परिणति है। मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है! आत्मा को जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्त करता है! ©Mahadev Son

#Bhakti  White  जीवन की परिभाषा
चार लक्ष्यों को प्राप्त करना
धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष

धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन
काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है
अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा,
जीवन के साधन

इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते...

मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि
मुश्किल या मालूम ही नहीं....


       मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार।    
           जीवन की अंतिम परिणति है। 

मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के
संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है!

आत्मा को जीवन, मृत्यु और
पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से
मुक्त करता है!

©Mahadev Son

जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना ह

14 Love

"अब क्या ही परिभाषा दूँ मैं प्यार की! ख़ुशबू जाती ही नहीं रूह से उसके एहसास की!!" #shayripage #shayari #quotes #love #loveshayari #lovequot

108 View

#समाज #holikadahan  jala dalo UN vicharon ko
jisse khud ka bhi aur dusron ka Bura hota Ho
jila dalo use nirbalta ko
jisse jivan mein bhay ka dar Laga rahata hai
jala dalo use Krodh ko
jisse buddhi ka vinash hota hai

©Anup Dwivedi

#holikadahan आज का दिन हमें अनेकों ज्ञान की परिभाषा बताता है

6,534 View

गीत :- रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। रहूँ सदा मैं माँ की गोदी .... इस जीवन का मोल अदा हो , मातु-पिता की कर सेवा । इस सेवा से ही पहले तो , हमने चखा बहुत मेवा ।। बिन कर्म किए फल मिले हमें , नहीं किया था अभिलाषा  । रहूँ सदा मैं माँ की गोदी .... तुम ही जननी तुम जगदम्बा , मुझको कर दो अब श्रीधर । पड़ा रहूँ मैं शरण तुम्हारी , मातु हमें अब दे दो वर ।। मैं भी सेवा करूँ तुम्हारी , उठती मन में अभिलाषा । रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ...। तुम ही साथी तुम ही देवी , तुमसे आज छुपाऊँ क्या । शीतल पावन दूध तुम्हारा, पीकर मैं इठलाऊँ क्या ।। जो बनकर लहू दौड़ता है , क्या दूँ उसकी परिभाषा । रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ..... रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता #motherlove  गीत :-
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा ।
त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।।
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ....
इस जीवन का मोल अदा हो , मातु-पिता की कर सेवा ।
इस सेवा से ही पहले तो , हमने चखा बहुत मेवा ।।
बिन कर्म किए फल मिले हमें , नहीं किया था अभिलाषा  ।
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ....
तुम ही जननी तुम जगदम्बा , मुझको कर दो अब श्रीधर ।
पड़ा रहूँ मैं शरण तुम्हारी , मातु हमें अब दे दो वर ।।
मैं भी सेवा करूँ तुम्हारी , उठती मन में अभिलाषा ।
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी ...।
तुम ही साथी तुम ही देवी , तुमसे आज छुपाऊँ क्या ।
शीतल पावन दूध तुम्हारा, पीकर मैं इठलाऊँ क्या ।।
जो बनकर लहू दौड़ता है , क्या दूँ उसकी परिभाषा ।
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी .....
रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा ।
त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#motherlove गीत :- रहूँ सदा मैं माँ की गोदी , जीवन की है जिज्ञासा । त्याग तपस्या और बलिदान , देख लिया माँ की भाषा ।। रहूँ सदा मैं माँ की ग

14 Love

neetu sharma ©Neetu Sharma

 neetu sharma

©Neetu Sharma

प्रेम की परिभाषा ❤️🥀@Satyaprem Upadhyay @Namit @Manak desai @SIDDHARTH.SHENDE.sid @Arshad Siddiqui

21 Love

#विचार

मेरी प्यारी सासु मां... एक मां जिसने पति खोकर संपत्ति खोकर बड़े संघर्ष से ना घर परिवार बच्चों को संभाला.. लेकिन एक सांस को खुश कर पाना मेरे

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White जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा, जीवन के साधन इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते... मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि मुश्किल या मालूम ही नहीं.... मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार। जीवन की अंतिम परिणति है। मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है! आत्मा को जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्त करता है! ©Mahadev Son

#Bhakti  White  जीवन की परिभाषा
चार लक्ष्यों को प्राप्त करना
धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष

धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन
काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है
अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा,
जीवन के साधन

इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते...

मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि
मुश्किल या मालूम ही नहीं....


       मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार।    
           जीवन की अंतिम परिणति है। 

मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के
संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है!

आत्मा को जीवन, मृत्यु और
पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से
मुक्त करता है!

©Mahadev Son

जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना ह

14 Love

"अब क्या ही परिभाषा दूँ मैं प्यार की! ख़ुशबू जाती ही नहीं रूह से उसके एहसास की!!" #shayripage #shayari #quotes #love #loveshayari #lovequot

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#समाज #holikadahan  jala dalo UN vicharon ko
jisse khud ka bhi aur dusron ka Bura hota Ho
jila dalo use nirbalta ko
jisse jivan mein bhay ka dar Laga rahata hai
jala dalo use Krodh ko
jisse buddhi ka vinash hota hai

©Anup Dwivedi

#holikadahan आज का दिन हमें अनेकों ज्ञान की परिभाषा बताता है

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