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 White रोजा रखने से मोक्ष नहीं!
जब से आत्माए अल्लाह ताला से जुदा हुई हैं तब से उसे कई तरीकों से खोजने की कोशिश कर रही है, जैसे:- रोजे रखना, नमाज़ अदा करना! मगर अल्लाह की सही जानकारी तो सिर्फ बाखबर ही देंगे जो वर्तमान में जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही है।
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi

©ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

#Smile #IPL2024 #भक्ति #शायरी #मोटिवेशनल #वीडियो #कॉमेडी #लव रोजा रखने से मोक्ष नहीं! जब से आत्माए अल्लाह ताला से जुदा हुई हैं तब से उसे कई

126 View

(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। कितने तप त्याग किये तुम ने। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज जो भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। कितना भी अभाव क्यों न हो। तुमने हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।। खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। मै यह नहीं कहती कि तेरी इच्छा न होती होगी।। पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कुछ गुण न था मुझमे। फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। कहती थी नाज है तू मेरा। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। (दिव्या संगीत , दरभंगा ) 🖋️स्व-रचित 🌹🌹 ©संगीत कुमार

#कविता #motherlove  (दिव्या संगीत रचित)

माँ
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। 
क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। 
तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। 
अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ।
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। 
आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। 
कितने तप त्याग किये तुम ने। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज जो  भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। 
जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। 
तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कितना भी अभाव क्यों न हो। 
तुमने  हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।।
खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। 
पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। 
खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। 
मै यह नहीं  कहती कि तेरी इच्छा  न होती होगी।। 
पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कुछ गुण न था मुझमे। 
फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। 
कहती थी नाज है तू मेरा। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। 
आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। 
एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। 
आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। 
एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
  (दिव्या संगीत , दरभंगा )
    🖋️स्व-रचित 🌹🌹

©संगीत कुमार

#motherlove(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट ह

10 Love

Black आओ मिल हम ईद मनाये मिलजुल खूब खुशियां मनाये गले से गले मिल त्यौहार मनाये मिलकर सेबईया खूब खाये आओ मिल हम ईद मनाये माह भर का रोजा रख प्रेम का संदेश जगाये पवित्रम माह है रमजान का सब मिल इसको मनाये आओ मिलकर हम ईद मनाये भारत है विविधता का देश पर हमसब मिल एक साथ रहते हर वर्ष त्यौहार मनाते कटुता का ना बात करते क्योंकि ये है अपना प्यारा देश आओ मिल हम ईद मनाये मिलजुल खूब खुशियां मनाये ©संगीत कुमार

#कविता #eidmubarak  Black आओ मिल हम ईद मनाये
मिलजुल खूब खुशियां मनाये 
गले से गले मिल  त्यौहार मनाये 
मिलकर सेबईया खूब खाये
आओ मिल हम ईद मनाये 

माह भर का रोजा रख
प्रेम का संदेश जगाये 
पवित्रम माह है रमजान का 
सब मिल इसको मनाये 
आओ मिलकर हम ईद मनाये 

भारत है विविधता का देश
पर हमसब मिल एक साथ रहते
हर वर्ष त्यौहार मनाते 
कटुता का ना बात करते क्योंकि ये है अपना प्यारा देश
आओ मिल हम ईद मनाये 
मिलजुल खूब खुशियां मनाये

©संगीत कुमार

#eidmubarak आओ मिल हम ईद मनाये मिलजुल खूब खुशियां मनाये गले से गले मिल त्यौहार मनाये मिलकर सेबईया खूब खाये आओ मिल हम ईद मनाये माह भर का

9 Love

 White रोजा रखने से मोक्ष नहीं!
जब से आत्माए अल्लाह ताला से जुदा हुई हैं तब से उसे कई तरीकों से खोजने की कोशिश कर रही है, जैसे:- रोजे रखना, नमाज़ अदा करना! मगर अल्लाह की सही जानकारी तो सिर्फ बाखबर ही देंगे जो वर्तमान में जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही है।
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi

©ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

#Smile #IPL2024 #भक्ति #शायरी #मोटिवेशनल #वीडियो #कॉमेडी #लव रोजा रखने से मोक्ष नहीं! जब से आत्माए अल्लाह ताला से जुदा हुई हैं तब से उसे कई

126 View

(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। कितने तप त्याग किये तुम ने। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज जो भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। कितना भी अभाव क्यों न हो। तुमने हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।। खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। मै यह नहीं कहती कि तेरी इच्छा न होती होगी।। पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कुछ गुण न था मुझमे। फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। कहती थी नाज है तू मेरा। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। (दिव्या संगीत , दरभंगा ) 🖋️स्व-रचित 🌹🌹 ©संगीत कुमार

#कविता #motherlove  (दिव्या संगीत रचित)

माँ
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। 
क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। 
तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। 
अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ।
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। 
आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। 
कितने तप त्याग किये तुम ने। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज जो  भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। 
जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। 
तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कितना भी अभाव क्यों न हो। 
तुमने  हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।।
खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। 
पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। 
खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। 
मै यह नहीं  कहती कि तेरी इच्छा  न होती होगी।। 
पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कुछ गुण न था मुझमे। 
फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। 
कहती थी नाज है तू मेरा। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। 
आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। 
एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। 
आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। 
एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
  (दिव्या संगीत , दरभंगा )
    🖋️स्व-रचित 🌹🌹

©संगीत कुमार

#motherlove(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट ह

10 Love

Black आओ मिल हम ईद मनाये मिलजुल खूब खुशियां मनाये गले से गले मिल त्यौहार मनाये मिलकर सेबईया खूब खाये आओ मिल हम ईद मनाये माह भर का रोजा रख प्रेम का संदेश जगाये पवित्रम माह है रमजान का सब मिल इसको मनाये आओ मिलकर हम ईद मनाये भारत है विविधता का देश पर हमसब मिल एक साथ रहते हर वर्ष त्यौहार मनाते कटुता का ना बात करते क्योंकि ये है अपना प्यारा देश आओ मिल हम ईद मनाये मिलजुल खूब खुशियां मनाये ©संगीत कुमार

#कविता #eidmubarak  Black आओ मिल हम ईद मनाये
मिलजुल खूब खुशियां मनाये 
गले से गले मिल  त्यौहार मनाये 
मिलकर सेबईया खूब खाये
आओ मिल हम ईद मनाये 

माह भर का रोजा रख
प्रेम का संदेश जगाये 
पवित्रम माह है रमजान का 
सब मिल इसको मनाये 
आओ मिलकर हम ईद मनाये 

भारत है विविधता का देश
पर हमसब मिल एक साथ रहते
हर वर्ष त्यौहार मनाते 
कटुता का ना बात करते क्योंकि ये है अपना प्यारा देश
आओ मिल हम ईद मनाये 
मिलजुल खूब खुशियां मनाये

©संगीत कुमार

#eidmubarak आओ मिल हम ईद मनाये मिलजुल खूब खुशियां मनाये गले से गले मिल त्यौहार मनाये मिलकर सेबईया खूब खाये आओ मिल हम ईद मनाये माह भर का

9 Love

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