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New तस्लीमा नसरीन का जीवन परिचय Status, Photo, Video

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#हेमामालिनी #Videos

#हेमामालिनी का जीवन परिचय

90 View

#धरमेन्द्र #Videos

#धरमेन्द्र जी का जीवन परिचय

108 View

#विचार  जब अस्पताल में रहना होता है।
जज्बात,आंसुओं को कहना होता है।
डाॅ. खुदाई लिबास पहना होता है।
सत्कर्म खुदा को सहना होता है।।

OT में,मरीज संग डॉ.जब होते हैं।
परिवारजन देवता को,सब ढोते हैं।
बहते आंसू को बाहर,कब रोते हैं?
हो सफल शल्य,अर्द्ध तब सोते हैं।।

उच्च लाभ लेने जब,रेफर होते है।
एंबुलेंस में सांस,फर फर होते है।
सुन सायरन आवाज,थर थर होते हैं।
पहुंचते ठिकाने तब,मनभर होते हैं।। 

वेंटीलेटर के अंक,ऊपर नीचे चलते है।
परिजनों के सांस_तार नीचे ढलते है।
O2,पल्स रेट,Bp अपना नृत्य करते हैं।
देख निगाहों से,गम भाव सब भरते हैं।।

कैथेटर से,तरल पदार्थ पिलाते हैं।
गटके बूंद तब,मन मन हर्षाते हैं।
इनपुट_आउटपुट रोज मिलाते हैं।
देख उन्हें डॉ. दिलाशा दिलाते हैं।।

जब मरीज,हलचल पैदा करता है।
तब वह,पुनर्जन्म सा भाव भरता है।
आंखों से लगे देखने,तब गम हरता है।
अस्पताल का जीवन,चक्र सा चलता है।।

कल्चर रिपोर्ट इन्फेक्शन जताती है।
खुशी सारी तब,गम में बदल जाती है।
तब एंटीबायोटिक,असर दिखाती है।
लैब रिपोर्ट, तरह तरह से नचाती है।।

NK गोरा,नरेंद्र जी जैसे चिकित्सक।
लगता है,जैसे ये भगवान हैं बेशक।
मरीज सेवा हेतु तत्पर रहते,देर तक।
खुदा उनपर मेहरबान रहे,जीने तक।।

भाई जिसने,बचपन में मुझे गोद उठाया।
घुमाया,फिराया,पढ़ाया,सिर सहलाया।
ऋण से उऋण होना,असमय वक्त आया।
भरेंगे किलकारी दोनों,भरोसा मुझे आया।।

 मोहन लाल सींवर

©मोहन लाल सींवर

अस्पताल का जीवन

153 View

#मोटिवेशनल  जब अस्पताल में रहना होता है।
जज्बात,आंसुओं को कहना होता है।
डाॅ. खुदाई लिबास पहना होता है।
सत्कर्म खुदा को सहना होता है।।

OT में,मरीज संग डॉ.जब होते हैं।
परिवारजन देवता को,सब ढोते हैं।
बहते आंसू को बाहर,कब रोते हैं?
हो सफल शल्य,अर्द्ध तब सोते हैं।।

उच्च लाभ लेने जब,रेफर होते है।
एंबुलेंस में सांस,फर फर होते है।
सुन सायरन आवाज,थर थर होते हैं।
पहुंचते ठिकाने तब,मनभर होते हैं।। 

वेंटीलेटर के अंक,ऊपर नीचे चलते है।
परिजनों के सांस_तार नीचे ढलते है।
O2,पल्स रेट,Bp अपना नृत्य करते हैं।
देख निगाहों से,गम भाव सब भरते हैं।।

कैथेटर से,तरल पदार्थ पिलाते हैं।
गटके बूंद तब,मन मन हर्षाते हैं।
इनपुट_आउटपुट रोज मिलाते हैं।
देख उन्हें डॉ. दिलाशा दिलाते हैं।।

जब मरीज,हलचल पैदा करता है।
तब वह,पुनर्जन्म सा भाव भरता है।
आंखों से लगे देखने,तब गम हरता है।
अस्पताल का जीवन,चक्र सा चलता है।।

कल्चर रिपोर्ट इन्फेक्शन जताती है।
खुशी सारी तब,गम में बदल जाती है।
तब एंटीबायोटिक,असर दिखाती है।
लैब रिपोर्ट, तरह तरह से नचाती है।।

NK गोरा,नरेंद्र जी जैसे चिकित्सक।
लगता है,जैसे ये भगवान हैं बेशक।
मरीज सेवा हेतु तत्पर रहते,देर तक।
खुदा उनपर मेहरबान रहे,जीने तक।।

भाई जिसने,बचपन में मुझे गोद उठाया।
घुमाया,फिराया,पढ़ाया,सिर सहलाया।
ऋण से उऋण होना,असमय वक्त आया।
भरेंगे किलकारी दोनों,भरोसा मुझे आया।।

 मोहन लाल सींवर

©मोहन लाल सींवर

अस्पताल का जीवन

162 View

#वीडियो #मछली

#मछली का जीवन @

135 View

#शायरी

तस्लीमा आरीफ किच्छा में

189 View

#हेमामालिनी #Videos

#हेमामालिनी का जीवन परिचय

90 View

#धरमेन्द्र #Videos

#धरमेन्द्र जी का जीवन परिचय

108 View

#विचार  जब अस्पताल में रहना होता है।
जज्बात,आंसुओं को कहना होता है।
डाॅ. खुदाई लिबास पहना होता है।
सत्कर्म खुदा को सहना होता है।।

OT में,मरीज संग डॉ.जब होते हैं।
परिवारजन देवता को,सब ढोते हैं।
बहते आंसू को बाहर,कब रोते हैं?
हो सफल शल्य,अर्द्ध तब सोते हैं।।

उच्च लाभ लेने जब,रेफर होते है।
एंबुलेंस में सांस,फर फर होते है।
सुन सायरन आवाज,थर थर होते हैं।
पहुंचते ठिकाने तब,मनभर होते हैं।। 

वेंटीलेटर के अंक,ऊपर नीचे चलते है।
परिजनों के सांस_तार नीचे ढलते है।
O2,पल्स रेट,Bp अपना नृत्य करते हैं।
देख निगाहों से,गम भाव सब भरते हैं।।

कैथेटर से,तरल पदार्थ पिलाते हैं।
गटके बूंद तब,मन मन हर्षाते हैं।
इनपुट_आउटपुट रोज मिलाते हैं।
देख उन्हें डॉ. दिलाशा दिलाते हैं।।

जब मरीज,हलचल पैदा करता है।
तब वह,पुनर्जन्म सा भाव भरता है।
आंखों से लगे देखने,तब गम हरता है।
अस्पताल का जीवन,चक्र सा चलता है।।

कल्चर रिपोर्ट इन्फेक्शन जताती है।
खुशी सारी तब,गम में बदल जाती है।
तब एंटीबायोटिक,असर दिखाती है।
लैब रिपोर्ट, तरह तरह से नचाती है।।

NK गोरा,नरेंद्र जी जैसे चिकित्सक।
लगता है,जैसे ये भगवान हैं बेशक।
मरीज सेवा हेतु तत्पर रहते,देर तक।
खुदा उनपर मेहरबान रहे,जीने तक।।

भाई जिसने,बचपन में मुझे गोद उठाया।
घुमाया,फिराया,पढ़ाया,सिर सहलाया।
ऋण से उऋण होना,असमय वक्त आया।
भरेंगे किलकारी दोनों,भरोसा मुझे आया।।

 मोहन लाल सींवर

©मोहन लाल सींवर

अस्पताल का जीवन

153 View

#मोटिवेशनल  जब अस्पताल में रहना होता है।
जज्बात,आंसुओं को कहना होता है।
डाॅ. खुदाई लिबास पहना होता है।
सत्कर्म खुदा को सहना होता है।।

OT में,मरीज संग डॉ.जब होते हैं।
परिवारजन देवता को,सब ढोते हैं।
बहते आंसू को बाहर,कब रोते हैं?
हो सफल शल्य,अर्द्ध तब सोते हैं।।

उच्च लाभ लेने जब,रेफर होते है।
एंबुलेंस में सांस,फर फर होते है।
सुन सायरन आवाज,थर थर होते हैं।
पहुंचते ठिकाने तब,मनभर होते हैं।। 

वेंटीलेटर के अंक,ऊपर नीचे चलते है।
परिजनों के सांस_तार नीचे ढलते है।
O2,पल्स रेट,Bp अपना नृत्य करते हैं।
देख निगाहों से,गम भाव सब भरते हैं।।

कैथेटर से,तरल पदार्थ पिलाते हैं।
गटके बूंद तब,मन मन हर्षाते हैं।
इनपुट_आउटपुट रोज मिलाते हैं।
देख उन्हें डॉ. दिलाशा दिलाते हैं।।

जब मरीज,हलचल पैदा करता है।
तब वह,पुनर्जन्म सा भाव भरता है।
आंखों से लगे देखने,तब गम हरता है।
अस्पताल का जीवन,चक्र सा चलता है।।

कल्चर रिपोर्ट इन्फेक्शन जताती है।
खुशी सारी तब,गम में बदल जाती है।
तब एंटीबायोटिक,असर दिखाती है।
लैब रिपोर्ट, तरह तरह से नचाती है।।

NK गोरा,नरेंद्र जी जैसे चिकित्सक।
लगता है,जैसे ये भगवान हैं बेशक।
मरीज सेवा हेतु तत्पर रहते,देर तक।
खुदा उनपर मेहरबान रहे,जीने तक।।

भाई जिसने,बचपन में मुझे गोद उठाया।
घुमाया,फिराया,पढ़ाया,सिर सहलाया।
ऋण से उऋण होना,असमय वक्त आया।
भरेंगे किलकारी दोनों,भरोसा मुझे आया।।

 मोहन लाल सींवर

©मोहन लाल सींवर

अस्पताल का जीवन

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#वीडियो #मछली

#मछली का जीवन @

135 View

#शायरी

तस्लीमा आरीफ किच्छा में

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