tags

New रगत दान Status, Photo, Video

Find the latest Status about रगत दान from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about रगत दान.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#teachers_day #Sethi  White गुरु (दोहे)

गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार।
देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।।

गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा दे भरपूर।
बिन पानी साबुन बिना, दोष करे वो दूर।।

शिष्य करे जो अर्चना, गुरु का हो सम्मान।
विद्या से जीवन खिले, पूरे हों अरमान।।

गुरु जैसा ज्ञानी नहीं, वही ज्ञान का सार।
निर्माता ये भाग्य के, जीवन का आधार।।

गुरु बिन है विद्या नहीं, और कहाँ फिर ज्ञान।
पशुवत होती जिंदगी, पाता कष्ट महान।।

विद्या जो धारण करे, बनता वही महान।
गुरु को रहती लालसा, सबका हो सम्मान।।
........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#teachers_day गुरु (दोहे) गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार। देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।। गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा द

414 View

#SAD  
अपने दिल की ख्वाहिशओ को आतिश ए दान कर रही है ,











 दिल मे जगह देकर शायद मेरे कत्ल का इरादा कर रही है ...

©Arshu....

अपने दिल की ख्वाहिशओ को आतिश ए दान कर रही है , दिल मे जगह देकर शायद मेरे कत्ल का इरादा कर रही है ... @Shubham Raj Tiwari Diksha Singh jhan

198 View

#विचार

जामों, अमेठी जामों ब्लाक मुख्यालय पर स्थित शंकर बूढ़े बाबा का प्राचीन मंदिर है। प्राचीन शंकर बूढ़े बाबा मंदिर जन सेवा ट्रस्ट जामों में अपनी

99 View

गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार । निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।। बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार । तुम जननी हो इस जग की .... कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार । चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।। मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार । तुम जननी हो इस जग की ..... छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार । बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।। बन चंडी अब पहन गले में ,  इनको मुंडों का तू हार । तुम जननी हो इस जग की .... बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार । ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।। जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार । तुम जननी हो इस जग की .... सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार । खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।। मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार । तुम जननी हो इस जग की .... तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।
तुम जननी हो इस जग की ....

पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार ।
निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।।
बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार ।
चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।।
मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार ।
तुम जननी हो इस जग की .....

छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार ।
बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।।
बन चंडी अब पहन गले में ,  इनको मुंडों का तू हार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार ।
ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।।
जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार ।
खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।।
मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष

12 Love

#मोदीकेयर #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  मोदीकेयर (दोहे)

मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।

हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।
भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।।

मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान।
कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।।

नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार।
दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।।

मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार।
रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।।

धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश।
मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।।

उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान।
क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।।

मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान।
सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।।

मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद।
हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।।

मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार।
मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय

108 View

#मोदीकेयर #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  मोदीकेयर (दोहे)

मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।

हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।
भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।।

मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान।
कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।।

नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार।
दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।।

मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार।
रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।।

धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश।
मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।।

उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान।
क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।।

मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान।
सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।।

मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद।
हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।।

मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार।
मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय

216 View

#teachers_day #Sethi  White गुरु (दोहे)

गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार।
देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।।

गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा दे भरपूर।
बिन पानी साबुन बिना, दोष करे वो दूर।।

शिष्य करे जो अर्चना, गुरु का हो सम्मान।
विद्या से जीवन खिले, पूरे हों अरमान।।

गुरु जैसा ज्ञानी नहीं, वही ज्ञान का सार।
निर्माता ये भाग्य के, जीवन का आधार।।

गुरु बिन है विद्या नहीं, और कहाँ फिर ज्ञान।
पशुवत होती जिंदगी, पाता कष्ट महान।।

विद्या जो धारण करे, बनता वही महान।
गुरु को रहती लालसा, सबका हो सम्मान।।
........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#teachers_day गुरु (दोहे) गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार। देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।। गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा द

414 View

#SAD  
अपने दिल की ख्वाहिशओ को आतिश ए दान कर रही है ,











 दिल मे जगह देकर शायद मेरे कत्ल का इरादा कर रही है ...

©Arshu....

अपने दिल की ख्वाहिशओ को आतिश ए दान कर रही है , दिल मे जगह देकर शायद मेरे कत्ल का इरादा कर रही है ... @Shubham Raj Tiwari Diksha Singh jhan

198 View

#विचार

जामों, अमेठी जामों ब्लाक मुख्यालय पर स्थित शंकर बूढ़े बाबा का प्राचीन मंदिर है। प्राचीन शंकर बूढ़े बाबा मंदिर जन सेवा ट्रस्ट जामों में अपनी

99 View

गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार । निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।। बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार । तुम जननी हो इस जग की .... कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार । चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।। मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार । तुम जननी हो इस जग की ..... छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार । बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।। बन चंडी अब पहन गले में ,  इनको मुंडों का तू हार । तुम जननी हो इस जग की .... बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार । ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।। जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार । तुम जननी हो इस जग की .... सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार । खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।। मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार । तुम जननी हो इस जग की .... तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।
तुम जननी हो इस जग की ....

पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार ।
निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।।
बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार ।
चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।।
मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार ।
तुम जननी हो इस जग की .....

छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार ।
बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।।
बन चंडी अब पहन गले में ,  इनको मुंडों का तू हार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार ।
ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।।
जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार ।
खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।।
मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष

12 Love

#मोदीकेयर #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  मोदीकेयर (दोहे)

मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।

हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।
भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।।

मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान।
कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।।

नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार।
दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।।

मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार।
रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।।

धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश।
मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।।

उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान।
क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।।

मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान।
सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।।

मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद।
हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।।

मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार।
मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय

108 View

#मोदीकेयर #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  मोदीकेयर (दोहे)

मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।

हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।
भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।।

मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान।
कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।।

नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार।
दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।।

मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार।
रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।।

धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश।
मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।।

उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान।
क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।।

मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान।
सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।।

मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद।
हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।।

मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार।
मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय

216 View

Trending Topic