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White जीवन के संगम की डोर खुशियों से ज़्यादा एहसासों से जुड़ी होती है क्या फर्क पड़ता है ऐसों आरामों से हां, पर इन सबसे साथी खुश हैं या नहीं इसका असर ज़रूर पड़ता है। ©Sarita Kumari Ravidas

#कविता #Relationship #love_shayari #poem  White जीवन के संगम की डोर 
खुशियों से ज़्यादा एहसासों से जुड़ी होती है 
क्या फर्क पड़ता है ऐसों आरामों से 
हां, पर इन सबसे साथी खुश हैं या नहीं 
इसका असर ज़रूर पड़ता है।

©Sarita Kumari Ravidas

#love_shayari जीवन की डोर #Nojoto #poem #Love #Relationship कविताएं कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता प्यार पर कविता

12 Love

उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब । जो रहकर भी साथ में , छोड़े मेरा हाथ अब ।। जीवन के हर मोड़ पर , चलना हमको साथ है । याद रहे इतना पिया , थामा तेरा हाथ है ।। अब तो तेरे संग ही , इन साँसो की डोर है । ले जाओ अब तुम जिधर , चलना अब उस ओर है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  उल्लाला छन्द :-
छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो ।
तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।।
मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब ।
जो रहकर भी साथ में , छोड़े मेरा हाथ अब ।।

जीवन के हर मोड़ पर , चलना हमको साथ है ।
याद रहे इतना पिया , थामा तेरा हाथ है ।।
अब तो तेरे संग ही , इन साँसो की डोर है ।
ले जाओ अब तुम जिधर , चलना अब उस ओर है ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब ।

11 Love

#AnjaliSinghal #loveshayari #explorepage #EXPLORE

"नैनों से बाँधकर प्रीत की डोरी। करके ले गया वो मेरे दिल की चोरी।।" Love 💞 #AnjaliSinghal #love #loveshayari #EXPLORE #explorepage

153 View

#happy_independence_day #sandiprohila  White स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता पाने की खातिर
कितनों के दिमाग लगे शातिर

अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
देशवासियों का अपने अपमान किया था

क्रांतिकारी भी जोश में थे
नेता अपने होश में थे

अंग्रेजों की सत्ता हिलाई थी
दांतों तले उंगलियां दबवाई थी

शासन अंग्रेजों का डोल गया था
धीरज उनका बोल गया था

क्रांतिकारियों से थर्राने लगे थे
नेताओं से वो घबराने लगे थे

बोरिया बिस्तरा अपना बांध लिया था
एक एक अंग्रेज देश छोड़ कर भाग लिया था

देश अपना तब आजाद हुआ
हिंदुस्तानी अपना आबाद हुआ

ध्वजारोहण तब से हुआ है
15 अगस्त विख्यात हुआ है

यह राष्ट्र दिवस हमारा है
हमको जां से प्यारा है
...........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था

225 View

#साँसों_की_डोर #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  साँसों की डोर

साँसों की डोर बंधी है उतनी,
जितनी लिखी भगवान ने।
कर्म किये जो तुमने उनकी,
जाएगी खाता बही साथ में।

दुख न देना तुम किसी को,
वरना जिंदगी तुमसे दूर है।
कहते हैं ईश्वर तुम सुन लो,
यही जीवन का दस्तूर है।

हँसी खुशी से तुम मिलो,
ये जीवन का प्रसाद है।
चैन मिलेगा देखो तुमको,
जीवन फिर आबाद है।

छूट न जाए साँसों की डोर,
ये रखना कदम संभाल के।
जब भी दिखाया तुमने जोर,
समझो टूटोगे खींच तान के।

बेशक जिंदगी रहेगी उतनी,
पर बीतेगी ये बदहाल में।
गुमान करो न बिलकुल भी,
खुश रहो अब हर हाल में।

साँसों की डोर बंधी है उतनी,
जितनी लिखी भगवान ने।
कर्म किये जो तुमने उनकी,
जाएगी खाता बही साथ में।
.........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#साँसों_की_डोर #nojotohindi #nojotohindipoetry साँसों की डोर साँसों की डोर बंधी है उतनी, जितनी लिखी भगवान ने। कर्म किये जो तुमने उनकी, जा

207 View

मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।। निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप । कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप । बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास- अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।। कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे । फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे । कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो- मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले ।
कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले ।
कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती-
मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।।

निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप ।
कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप ।
बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास-
अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।।

कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे ।
फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे ।
कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो-
मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवर

9 Love

White जीवन के संगम की डोर खुशियों से ज़्यादा एहसासों से जुड़ी होती है क्या फर्क पड़ता है ऐसों आरामों से हां, पर इन सबसे साथी खुश हैं या नहीं इसका असर ज़रूर पड़ता है। ©Sarita Kumari Ravidas

#कविता #Relationship #love_shayari #poem  White जीवन के संगम की डोर 
खुशियों से ज़्यादा एहसासों से जुड़ी होती है 
क्या फर्क पड़ता है ऐसों आरामों से 
हां, पर इन सबसे साथी खुश हैं या नहीं 
इसका असर ज़रूर पड़ता है।

©Sarita Kumari Ravidas

#love_shayari जीवन की डोर #Nojoto #poem #Love #Relationship कविताएं कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता प्यार पर कविता

12 Love

उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब । जो रहकर भी साथ में , छोड़े मेरा हाथ अब ।। जीवन के हर मोड़ पर , चलना हमको साथ है । याद रहे इतना पिया , थामा तेरा हाथ है ।। अब तो तेरे संग ही , इन साँसो की डोर है । ले जाओ अब तुम जिधर , चलना अब उस ओर है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  उल्लाला छन्द :-
छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो ।
तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।।
मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब ।
जो रहकर भी साथ में , छोड़े मेरा हाथ अब ।।

जीवन के हर मोड़ पर , चलना हमको साथ है ।
याद रहे इतना पिया , थामा तेरा हाथ है ।।
अब तो तेरे संग ही , इन साँसो की डोर है ।
ले जाओ अब तुम जिधर , चलना अब उस ओर है ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब ।

11 Love

#AnjaliSinghal #loveshayari #explorepage #EXPLORE

"नैनों से बाँधकर प्रीत की डोरी। करके ले गया वो मेरे दिल की चोरी।।" Love 💞 #AnjaliSinghal #love #loveshayari #EXPLORE #explorepage

153 View

#happy_independence_day #sandiprohila  White स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता पाने की खातिर
कितनों के दिमाग लगे शातिर

अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
देशवासियों का अपने अपमान किया था

क्रांतिकारी भी जोश में थे
नेता अपने होश में थे

अंग्रेजों की सत्ता हिलाई थी
दांतों तले उंगलियां दबवाई थी

शासन अंग्रेजों का डोल गया था
धीरज उनका बोल गया था

क्रांतिकारियों से थर्राने लगे थे
नेताओं से वो घबराने लगे थे

बोरिया बिस्तरा अपना बांध लिया था
एक एक अंग्रेज देश छोड़ कर भाग लिया था

देश अपना तब आजाद हुआ
हिंदुस्तानी अपना आबाद हुआ

ध्वजारोहण तब से हुआ है
15 अगस्त विख्यात हुआ है

यह राष्ट्र दिवस हमारा है
हमको जां से प्यारा है
...........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था

225 View

#साँसों_की_डोर #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  साँसों की डोर

साँसों की डोर बंधी है उतनी,
जितनी लिखी भगवान ने।
कर्म किये जो तुमने उनकी,
जाएगी खाता बही साथ में।

दुख न देना तुम किसी को,
वरना जिंदगी तुमसे दूर है।
कहते हैं ईश्वर तुम सुन लो,
यही जीवन का दस्तूर है।

हँसी खुशी से तुम मिलो,
ये जीवन का प्रसाद है।
चैन मिलेगा देखो तुमको,
जीवन फिर आबाद है।

छूट न जाए साँसों की डोर,
ये रखना कदम संभाल के।
जब भी दिखाया तुमने जोर,
समझो टूटोगे खींच तान के।

बेशक जिंदगी रहेगी उतनी,
पर बीतेगी ये बदहाल में।
गुमान करो न बिलकुल भी,
खुश रहो अब हर हाल में।

साँसों की डोर बंधी है उतनी,
जितनी लिखी भगवान ने।
कर्म किये जो तुमने उनकी,
जाएगी खाता बही साथ में।
.........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#साँसों_की_डोर #nojotohindi #nojotohindipoetry साँसों की डोर साँसों की डोर बंधी है उतनी, जितनी लिखी भगवान ने। कर्म किये जो तुमने उनकी, जा

207 View

मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।। निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप । कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप । बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास- अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।। कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे । फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे । कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो- मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले ।
कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले ।
कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती-
मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।।

निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप ।
कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप ।
बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास-
अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।।

कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे ।
फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे ।
कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो-
मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवर

9 Love

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