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#शायरी #ateet

#ateet उनके विन न रह पाते हैं

333 View

#अंतरमनन #विचार #लेखक #मन  अंतरमनन मे बहुत सवाल हैं ज़िन्दगी निहाल हैं 
कैसे सुलझाए समस्याओ क़ो कई लोगो का जीवन 
दुश्वार हैं, as a writer लिख कर अपनी वेदना प्रकट करती हूँ पर मेरे पास भी इसका कोई जवाब नहीं कि कैसे सब का हल निकालू, क्या लोग समझे गे एक दूसरे की तकलीफ क़ो कि लड़ते ही रहेगे आपस मे धन दौलत प्यार शोहरत के लिए, अपने 
अंदर ही सब के यूद्ध चल रहा बाहर महाभारत तो 
मन कहाँ से शांत होगा, जल्द ही इसका कोई उपाय सोचना पड़ेगा????

©PФФJД ЦDΞSHI
#कलाकार #विचार #लेखक #Reels  White हर बार different करो.... लेखक हो 
कलाकार हो, reels बनाते हो,एक जैसा देख कर पढ़ कर लोग bore होते हैं, इस्लिये कहा,जिनको 
पसंद नहीं करते उन्हें like मत करो सही 
देखो सही करो, जो गलत हैं उनको देख कर 
like कर बढ़ावा मत दो, इंटरनेट से गन्दगी साफ करनी हैं तो कला दिखाओ जिस्म नहीं, ये गन्दी reels बनाने वाली लड़कियों औरतो पर comment हैं पुरुष भी non veg 
types reels बनाते हैं और लड़कियां बन उनका मजाक उडाते हैं कैसे पुरष हो यार,, clean aap
clean dirty things in mind ✌🏻

©PФФJД ЦDΞSHI
#शायरी #उनके  उनके आने से
---------------

बस एक उनके आने से समां सुहाना हो गया वह क्या गए, अपना जो भी था वह भी बेगाना हो गया

मनीष राज

©Manish Raaj

#उनके आने से

126 View

#शायरी #कविता #लेखक #लेखन #flowers  White लेेखन सौन्दर्य 
जब भी लिखी दास्तान दिल की 
कलम ने मेरा बखूबी साथ निभाया
किसी ने कहा' वाह क्या बात है! '
किसी को मेरा नज़रिया न भाया 

हैं दिल की बातें भी अजीब
इस दरिया में बस कुछ ही हैं नहाते
हर एक को दृश्य सुन्दर हैं भाते
बिरला ही कोई मनमोहक दिल हैं पाते 

स्वांग न रचना न बातें बनाना 
सीधी सी बात है दिल से दिल है मिलाना
न अपना चातुर्य किसी को बार- बार दिखाना
निर्मल हृदय पूर्ण सामने वाले की बात है
 समझना
तुम कलिमल रहित मुझे अपनाना
न मैं तुम्हे परखकर दोस्ती निभाऊँ 
मेरा तो बस काम ही है लिखना
पाठक व दोस्त के घायल मन को सहलाना।।
सीता प्रसाद

©Sita Prasad

शीर्षक- और तो क्या ? --------------------------------------------------------- खास तुम भी होते साथ में, या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में, और तो क्या ? यह खुशी दुगनी नहीं होती। ये दिन सुकून से गुजर जाते, मगर इस शक की दीवार को तो, तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी, और अपने अहम को भी, छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी। और तो क्या ? लोगों नहीं मिल जाता अवसर, कहानियां नई गढ़ने का, वहम को और बढ़ाने को, लेकिन इसमें हार तो, हम दोनों की ही होती, लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है, मेरे हारने का कोई गम। मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता, मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ , भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ , फिर भी मिल जाये कुछ खुशी, आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए, जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक, और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली, और तो क्या ? हंस लेता मैं भी--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #लेखक  शीर्षक- और तो क्या ?
---------------------------------------------------------
खास तुम भी होते साथ में,
या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में,
और तो क्या ?
 यह खुशी दुगनी नहीं होती।

ये दिन सुकून से गुजर जाते,
मगर इस शक की दीवार को तो, 
तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी,
और अपने अहम को भी,
छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी।
और तो क्या ?

लोगों नहीं मिल जाता अवसर,
कहानियां नई गढ़ने का,
वहम को और बढ़ाने को,
लेकिन इसमें हार तो,
हम दोनों की ही होती,
लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है,
मेरे हारने का कोई गम।

मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता,
मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ ,
भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ ,
फिर भी मिल जाये कुछ खुशी,
आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए,
जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक,
और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली,
और तो क्या ?
हंस लेता मैं भी--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#लेखक

10 Love

#शायरी #ateet

#ateet उनके विन न रह पाते हैं

333 View

#अंतरमनन #विचार #लेखक #मन  अंतरमनन मे बहुत सवाल हैं ज़िन्दगी निहाल हैं 
कैसे सुलझाए समस्याओ क़ो कई लोगो का जीवन 
दुश्वार हैं, as a writer लिख कर अपनी वेदना प्रकट करती हूँ पर मेरे पास भी इसका कोई जवाब नहीं कि कैसे सब का हल निकालू, क्या लोग समझे गे एक दूसरे की तकलीफ क़ो कि लड़ते ही रहेगे आपस मे धन दौलत प्यार शोहरत के लिए, अपने 
अंदर ही सब के यूद्ध चल रहा बाहर महाभारत तो 
मन कहाँ से शांत होगा, जल्द ही इसका कोई उपाय सोचना पड़ेगा????

©PФФJД ЦDΞSHI
#कलाकार #विचार #लेखक #Reels  White हर बार different करो.... लेखक हो 
कलाकार हो, reels बनाते हो,एक जैसा देख कर पढ़ कर लोग bore होते हैं, इस्लिये कहा,जिनको 
पसंद नहीं करते उन्हें like मत करो सही 
देखो सही करो, जो गलत हैं उनको देख कर 
like कर बढ़ावा मत दो, इंटरनेट से गन्दगी साफ करनी हैं तो कला दिखाओ जिस्म नहीं, ये गन्दी reels बनाने वाली लड़कियों औरतो पर comment हैं पुरुष भी non veg 
types reels बनाते हैं और लड़कियां बन उनका मजाक उडाते हैं कैसे पुरष हो यार,, clean aap
clean dirty things in mind ✌🏻

©PФФJД ЦDΞSHI
#शायरी #उनके  उनके आने से
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बस एक उनके आने से समां सुहाना हो गया वह क्या गए, अपना जो भी था वह भी बेगाना हो गया

मनीष राज

©Manish Raaj

#उनके आने से

126 View

#शायरी #कविता #लेखक #लेखन #flowers  White लेेखन सौन्दर्य 
जब भी लिखी दास्तान दिल की 
कलम ने मेरा बखूबी साथ निभाया
किसी ने कहा' वाह क्या बात है! '
किसी को मेरा नज़रिया न भाया 

हैं दिल की बातें भी अजीब
इस दरिया में बस कुछ ही हैं नहाते
हर एक को दृश्य सुन्दर हैं भाते
बिरला ही कोई मनमोहक दिल हैं पाते 

स्वांग न रचना न बातें बनाना 
सीधी सी बात है दिल से दिल है मिलाना
न अपना चातुर्य किसी को बार- बार दिखाना
निर्मल हृदय पूर्ण सामने वाले की बात है
 समझना
तुम कलिमल रहित मुझे अपनाना
न मैं तुम्हे परखकर दोस्ती निभाऊँ 
मेरा तो बस काम ही है लिखना
पाठक व दोस्त के घायल मन को सहलाना।।
सीता प्रसाद

©Sita Prasad

शीर्षक- और तो क्या ? --------------------------------------------------------- खास तुम भी होते साथ में, या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में, और तो क्या ? यह खुशी दुगनी नहीं होती। ये दिन सुकून से गुजर जाते, मगर इस शक की दीवार को तो, तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी, और अपने अहम को भी, छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी। और तो क्या ? लोगों नहीं मिल जाता अवसर, कहानियां नई गढ़ने का, वहम को और बढ़ाने को, लेकिन इसमें हार तो, हम दोनों की ही होती, लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है, मेरे हारने का कोई गम। मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता, मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ , भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ , फिर भी मिल जाये कुछ खुशी, आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए, जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक, और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली, और तो क्या ? हंस लेता मैं भी--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #लेखक  शीर्षक- और तो क्या ?
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खास तुम भी होते साथ में,
या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में,
और तो क्या ?
 यह खुशी दुगनी नहीं होती।

ये दिन सुकून से गुजर जाते,
मगर इस शक की दीवार को तो, 
तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी,
और अपने अहम को भी,
छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी।
और तो क्या ?

लोगों नहीं मिल जाता अवसर,
कहानियां नई गढ़ने का,
वहम को और बढ़ाने को,
लेकिन इसमें हार तो,
हम दोनों की ही होती,
लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है,
मेरे हारने का कोई गम।

मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता,
मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ ,
भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ ,
फिर भी मिल जाये कुछ खुशी,
आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए,
जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक,
और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली,
और तो क्या ?
हंस लेता मैं भी--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#लेखक

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