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#विचार #बात

#बात कड़ी है पर सत्य है#

99 View

#flowers  White सुबह खिले हुए फूल शाम होते होते मुरझा जाते है,
और इंसानो को लगता है की वो जिंदगीभर ऐसे ही रहेंगे और उन्हें कुछ नही होगा।

©i_m_charlie...

#flowers ये सत्य है।

135 View

#भक्ति  White सुबह हो या शाम, दोनों को राम-राम
कृष्ण कहो या राम, दोनों जग में सुन्दर नाम

©Komal Raikwar

💯 सत्य है

243 View

#विचार #कटू  White ए!मुसाफिर इतना जान ले बस
तु अगर पाप कर रहा है तो
कोई भी तेरा पाप अपने सर पर नहि लेगा चाहे
वो तेरे माता पिता,भाई बहिन,चाचा बुआ भतीजे ही क्युं ना हो
अपने करनी अपना भोग..!
जो पौधा लगायेगा,उसका फल तु अकेले खायेगा
अत: अच्छे कर्म करके धन अर्जित कर,
पुन्य कर्म करके इसे आगे बढ़ा ,
सारे टूट पढ़ेगें तेरे पुन्य के वृक्ष मे
तेरी जय जय कार करते हुए..!!

©HARSH369

#कटू वचन पर सत्य है

117 View

#कविता  मानिए तो प्रकृति ही ईश्वर है।
देखिए यहां हर सय नश्वर है।।
स्वानत: सुखाय को होता समर है।
भौतिक सुख को सब दर बदर है।।
प्रकृति का नुकसान एक कहर है।
कल कारखाने उगलता जहर है।।
हर तरफ असंतुलन का असर है।
हर कण कण पर उसकी नजर है।।
धरती पर मोह माया इस कदर है।
आंखों से कुछ नहीं आता नजर है।

©Dr Wasim Raja

प्रकृति ही ईश्वर है

117 View

रचना दिनांक ,,,,5,,,,2024,, वार,,,,, शुक्रवार समय,,,,काल सुबह,,,,, दस बजे,,, ,,,,,,,,,निज विचार,,,,,, ,,,शीर्षक,, ्््भावचित्र में यज्ञ में आहुतियां दी जाती है काष्ठ पात्र सेऔर यज्ञ विधान औरश्रीमदभागवत में ज्ञान यज्ञ पूर्णाहुति और मानस यज्ञ में विधान में वायु मण्डल में प्रदूषण नियंत्रण रहित प्राचीन सभ्यताओं में अर्वाचीन प्राचीन सभ्यताओं में से एक है््््् ््््् जन्म से मरण परण जस जस होई सब जग में जुग जुग सहस्त्र वर्ष से अधिक समय से सजाया गया श्रृष्टि मुनि साधु संन्यासियों ने तप बल और बाहुबल धनबल से धर्म अर्थ काम मोक्ष कारका कायिक वाचिक मानसं में यज्ञ ्््है एक व्यक्ति धर्म कर्म विधान है।।। ईश्वर सत्य और अहिंसा परमो धर्म में वैचारिक क़ांन्ति नायक कहलाता हूं।। मैं एक समय काल चक्र में स्थित योगिस्थ होकर कूण्डलिनी जागृत कर समाधिस्थ मनोतेज अस्ति रेचक से आज्ञा चक्र में स्थित योगिस्थ होकर ईश्वरीय वरदान प्राप्त कपाल पर प्राणवायु अभ्यास अनुसार प्राथमिकता पर,, असली चेहरा रहस्यमय ढंग से नश्वर जरा शरीर का परित्याग करना ही मानम ज्ञान योगकी शाक्ल्य से अग्नि में जल में प्रवाहित जरामाटी समाहित हो जाती है।। यह संस्कार चाहे योगीराज योग से साथना करे या फिर परिवार मृतदेह का परिजन यज्ञकौशलं संस्कार परिवार करे।। जो मृत्यु पश्चात् कर्मकांड और विधान ब़म्हकर्म पितृ मोक्ष अन्नदान महादान पगड़ी रस्म ज्ञान तथाकथित समाजसेवी समाज सुधारक अतिरिक्त ज्ञान दर्शन मार्गदर्शन देते है जो सर्वथा गलत और दोष पूर्ण है।। जिसे स्वैच्छिक एवं यथाशक्ति अनुसार प्राथमिकता पर असली रूप से कर सकते है।। प्रायः सभी धर्मों में समरुपता है सम्मान है तथा श्राद्ध कर्म हो या कैण्डलमार्च ईस्टर में ईश्वर सत्य का आख्यान पूनर्रजन्म हो।। या फिर किसी इन्तकाम ईमान लिखूं प्रेम से अन्तर्मन केपरिद़ष्य से इस्लाम में शबरात में जियारत प्रार्थना करते हुए,, और कूण्डा पूजन और बच्चे सच्चे होते है उनमें मलीदा और अन्य तबर्रुक आपस में देते हुए जीवन में एक शवाब का अकीदा रखते हुए जीवन सफल बनाते है।। यह सब अपने विचार अपने अनेकानेक अध्यात्मिक गुरु गुरुवर्य आराध्यमं से धर्म समभाव रखते हुए जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव से पुजा अर्चना कर देख रहा है ईश्वर सत्य है।। यही हमारे देश और समाज दुनिया की जीवन शैली है ज्ञान दर्पण अपरीमित अंन्नत अन्नय भक्ति भाव सहित है।। ््््निजविचार ्््भावचित्र ्््््कवि ््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 5,,,,, अप्रैल,,,,2024,,, ©Shailendra Anand

#विचार #truecolors  रचना दिनांक ,,,,5,,,,2024,,
वार,,,,, शुक्रवार
समय,,,,काल सुबह,,,,, दस बजे,,,
,,,,,,,,,निज विचार,,,,,,
,,,शीर्षक,, ्््भावचित्र में यज्ञ में आहुतियां दी जाती है 
काष्ठ पात्र सेऔर यज्ञ विधान औरश्रीमदभागवत में ज्ञान यज्ञ पूर्णाहुति
 और मानस यज्ञ में विधान में वायु मण्डल में प्रदूषण नियंत्रण रहित
 प्राचीन सभ्यताओं में अर्वाचीन प्राचीन सभ्यताओं में से एक है्््््
्््््
जन्म से मरण परण जस जस होई सब जग में जुग जुग सहस्त्र वर्ष से अधिक समय से सजाया गया श्रृष्टि मुनि साधु संन्यासियों ने तप बल और बाहुबल धनबल से धर्म अर्थ काम मोक्ष कारका कायिक वाचिक मानसं में यज्ञ ्््है एक व्यक्ति धर्म कर्म विधान है।।।
ईश्वर सत्य और अहिंसा परमो धर्म में वैचारिक क़ांन्ति नायक कहलाता हूं।।
 मैं एक समय काल चक्र में स्थित योगिस्थ होकर कूण्डलिनी जागृत कर समाधिस्थ मनोतेज अस्ति रेचक से आज्ञा चक्र में 
स्थित योगिस्थ होकर ईश्वरीय वरदान प्राप्त कपाल पर प्राणवायु अभ्यास अनुसार प्राथमिकता पर,,
असली चेहरा रहस्यमय ढंग से नश्वर जरा शरीर का परित्याग करना ही मानम ज्ञान योगकी शाक्ल्य से अग्नि में जल में प्रवाहित जरामाटी समाहित हो जाती है।।
यह संस्कार चाहे योगीराज योग से साथना करे या फिर परिवार मृतदेह का परिजन यज्ञकौशलं संस्कार परिवार करे।।
जो मृत्यु पश्चात् कर्मकांड और विधान ब़म्हकर्म पितृ मोक्ष अन्नदान महादान पगड़ी रस्म ज्ञान तथाकथित समाजसेवी समाज सुधारक अतिरिक्त ज्ञान दर्शन मार्गदर्शन देते है जो सर्वथा गलत और दोष पूर्ण है।।
जिसे स्वैच्छिक एवं यथाशक्ति अनुसार प्राथमिकता पर असली रूप से कर सकते है।।
प्रायः सभी धर्मों में समरुपता है सम्मान है तथा श्राद्ध कर्म हो या कैण्डलमार्च ईस्टर में ईश्वर सत्य का आख्यान पूनर्रजन्म हो।। 
या फिर किसी इन्तकाम ईमान लिखूं प्रेम से
अन्तर्मन केपरिद़ष्य से इस्लाम में शबरात में जियारत प्रार्थना करते हुए,,
और कूण्डा पूजन और बच्चे सच्चे होते है
 उनमें मलीदा और अन्य तबर्रुक आपस में देते हुए जीवन में एक शवाब का अकीदा रखते हुए जीवन सफल बनाते है।।
यह सब अपने विचार अपने अनेकानेक अध्यात्मिक गुरु गुरुवर्य आराध्यमं से धर्म समभाव रखते हुए जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव से पुजा अर्चना कर देख रहा है ईश्वर सत्य है।।
यही हमारे देश और समाज दुनिया की जीवन शैली है ज्ञान दर्पण अपरीमित अंन्नत अन्नय भक्ति भाव सहित है।।
््््निजविचार ्््भावचित्र ्््््कवि
््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
5,,,,, अप्रैल,,,,2024,,,

©Shailendra Anand

#truecolors मेरे ख्याल ईश्वर सत्य है और यह सब धर्मों में समरुपता से सजाया गया ईमान लिखूं प्रेम शब्द का सच्चा मक़सद शबद अनमोल वचन है ्््निजधि

14 Love

#विचार #बात

#बात कड़ी है पर सत्य है#

99 View

#flowers  White सुबह खिले हुए फूल शाम होते होते मुरझा जाते है,
और इंसानो को लगता है की वो जिंदगीभर ऐसे ही रहेंगे और उन्हें कुछ नही होगा।

©i_m_charlie...

#flowers ये सत्य है।

135 View

#भक्ति  White सुबह हो या शाम, दोनों को राम-राम
कृष्ण कहो या राम, दोनों जग में सुन्दर नाम

©Komal Raikwar

💯 सत्य है

243 View

#विचार #कटू  White ए!मुसाफिर इतना जान ले बस
तु अगर पाप कर रहा है तो
कोई भी तेरा पाप अपने सर पर नहि लेगा चाहे
वो तेरे माता पिता,भाई बहिन,चाचा बुआ भतीजे ही क्युं ना हो
अपने करनी अपना भोग..!
जो पौधा लगायेगा,उसका फल तु अकेले खायेगा
अत: अच्छे कर्म करके धन अर्जित कर,
पुन्य कर्म करके इसे आगे बढ़ा ,
सारे टूट पढ़ेगें तेरे पुन्य के वृक्ष मे
तेरी जय जय कार करते हुए..!!

©HARSH369

#कटू वचन पर सत्य है

117 View

#कविता  मानिए तो प्रकृति ही ईश्वर है।
देखिए यहां हर सय नश्वर है।।
स्वानत: सुखाय को होता समर है।
भौतिक सुख को सब दर बदर है।।
प्रकृति का नुकसान एक कहर है।
कल कारखाने उगलता जहर है।।
हर तरफ असंतुलन का असर है।
हर कण कण पर उसकी नजर है।।
धरती पर मोह माया इस कदर है।
आंखों से कुछ नहीं आता नजर है।

©Dr Wasim Raja

प्रकृति ही ईश्वर है

117 View

रचना दिनांक ,,,,5,,,,2024,, वार,,,,, शुक्रवार समय,,,,काल सुबह,,,,, दस बजे,,, ,,,,,,,,,निज विचार,,,,,, ,,,शीर्षक,, ्््भावचित्र में यज्ञ में आहुतियां दी जाती है काष्ठ पात्र सेऔर यज्ञ विधान औरश्रीमदभागवत में ज्ञान यज्ञ पूर्णाहुति और मानस यज्ञ में विधान में वायु मण्डल में प्रदूषण नियंत्रण रहित प्राचीन सभ्यताओं में अर्वाचीन प्राचीन सभ्यताओं में से एक है््््् ््््् जन्म से मरण परण जस जस होई सब जग में जुग जुग सहस्त्र वर्ष से अधिक समय से सजाया गया श्रृष्टि मुनि साधु संन्यासियों ने तप बल और बाहुबल धनबल से धर्म अर्थ काम मोक्ष कारका कायिक वाचिक मानसं में यज्ञ ्््है एक व्यक्ति धर्म कर्म विधान है।।। ईश्वर सत्य और अहिंसा परमो धर्म में वैचारिक क़ांन्ति नायक कहलाता हूं।। मैं एक समय काल चक्र में स्थित योगिस्थ होकर कूण्डलिनी जागृत कर समाधिस्थ मनोतेज अस्ति रेचक से आज्ञा चक्र में स्थित योगिस्थ होकर ईश्वरीय वरदान प्राप्त कपाल पर प्राणवायु अभ्यास अनुसार प्राथमिकता पर,, असली चेहरा रहस्यमय ढंग से नश्वर जरा शरीर का परित्याग करना ही मानम ज्ञान योगकी शाक्ल्य से अग्नि में जल में प्रवाहित जरामाटी समाहित हो जाती है।। यह संस्कार चाहे योगीराज योग से साथना करे या फिर परिवार मृतदेह का परिजन यज्ञकौशलं संस्कार परिवार करे।। जो मृत्यु पश्चात् कर्मकांड और विधान ब़म्हकर्म पितृ मोक्ष अन्नदान महादान पगड़ी रस्म ज्ञान तथाकथित समाजसेवी समाज सुधारक अतिरिक्त ज्ञान दर्शन मार्गदर्शन देते है जो सर्वथा गलत और दोष पूर्ण है।। जिसे स्वैच्छिक एवं यथाशक्ति अनुसार प्राथमिकता पर असली रूप से कर सकते है।। प्रायः सभी धर्मों में समरुपता है सम्मान है तथा श्राद्ध कर्म हो या कैण्डलमार्च ईस्टर में ईश्वर सत्य का आख्यान पूनर्रजन्म हो।। या फिर किसी इन्तकाम ईमान लिखूं प्रेम से अन्तर्मन केपरिद़ष्य से इस्लाम में शबरात में जियारत प्रार्थना करते हुए,, और कूण्डा पूजन और बच्चे सच्चे होते है उनमें मलीदा और अन्य तबर्रुक आपस में देते हुए जीवन में एक शवाब का अकीदा रखते हुए जीवन सफल बनाते है।। यह सब अपने विचार अपने अनेकानेक अध्यात्मिक गुरु गुरुवर्य आराध्यमं से धर्म समभाव रखते हुए जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव से पुजा अर्चना कर देख रहा है ईश्वर सत्य है।। यही हमारे देश और समाज दुनिया की जीवन शैली है ज्ञान दर्पण अपरीमित अंन्नत अन्नय भक्ति भाव सहित है।। ््््निजविचार ्््भावचित्र ्््््कवि ््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 5,,,,, अप्रैल,,,,2024,,, ©Shailendra Anand

#विचार #truecolors  रचना दिनांक ,,,,5,,,,2024,,
वार,,,,, शुक्रवार
समय,,,,काल सुबह,,,,, दस बजे,,,
,,,,,,,,,निज विचार,,,,,,
,,,शीर्षक,, ्््भावचित्र में यज्ञ में आहुतियां दी जाती है 
काष्ठ पात्र सेऔर यज्ञ विधान औरश्रीमदभागवत में ज्ञान यज्ञ पूर्णाहुति
 और मानस यज्ञ में विधान में वायु मण्डल में प्रदूषण नियंत्रण रहित
 प्राचीन सभ्यताओं में अर्वाचीन प्राचीन सभ्यताओं में से एक है्््््
्््््
जन्म से मरण परण जस जस होई सब जग में जुग जुग सहस्त्र वर्ष से अधिक समय से सजाया गया श्रृष्टि मुनि साधु संन्यासियों ने तप बल और बाहुबल धनबल से धर्म अर्थ काम मोक्ष कारका कायिक वाचिक मानसं में यज्ञ ्््है एक व्यक्ति धर्म कर्म विधान है।।।
ईश्वर सत्य और अहिंसा परमो धर्म में वैचारिक क़ांन्ति नायक कहलाता हूं।।
 मैं एक समय काल चक्र में स्थित योगिस्थ होकर कूण्डलिनी जागृत कर समाधिस्थ मनोतेज अस्ति रेचक से आज्ञा चक्र में 
स्थित योगिस्थ होकर ईश्वरीय वरदान प्राप्त कपाल पर प्राणवायु अभ्यास अनुसार प्राथमिकता पर,,
असली चेहरा रहस्यमय ढंग से नश्वर जरा शरीर का परित्याग करना ही मानम ज्ञान योगकी शाक्ल्य से अग्नि में जल में प्रवाहित जरामाटी समाहित हो जाती है।।
यह संस्कार चाहे योगीराज योग से साथना करे या फिर परिवार मृतदेह का परिजन यज्ञकौशलं संस्कार परिवार करे।।
जो मृत्यु पश्चात् कर्मकांड और विधान ब़म्हकर्म पितृ मोक्ष अन्नदान महादान पगड़ी रस्म ज्ञान तथाकथित समाजसेवी समाज सुधारक अतिरिक्त ज्ञान दर्शन मार्गदर्शन देते है जो सर्वथा गलत और दोष पूर्ण है।।
जिसे स्वैच्छिक एवं यथाशक्ति अनुसार प्राथमिकता पर असली रूप से कर सकते है।।
प्रायः सभी धर्मों में समरुपता है सम्मान है तथा श्राद्ध कर्म हो या कैण्डलमार्च ईस्टर में ईश्वर सत्य का आख्यान पूनर्रजन्म हो।। 
या फिर किसी इन्तकाम ईमान लिखूं प्रेम से
अन्तर्मन केपरिद़ष्य से इस्लाम में शबरात में जियारत प्रार्थना करते हुए,,
और कूण्डा पूजन और बच्चे सच्चे होते है
 उनमें मलीदा और अन्य तबर्रुक आपस में देते हुए जीवन में एक शवाब का अकीदा रखते हुए जीवन सफल बनाते है।।
यह सब अपने विचार अपने अनेकानेक अध्यात्मिक गुरु गुरुवर्य आराध्यमं से धर्म समभाव रखते हुए जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव से पुजा अर्चना कर देख रहा है ईश्वर सत्य है।।
यही हमारे देश और समाज दुनिया की जीवन शैली है ज्ञान दर्पण अपरीमित अंन्नत अन्नय भक्ति भाव सहित है।।
््््निजविचार ्््भावचित्र ्््््कवि
््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
5,,,,, अप्रैल,,,,2024,,,

©Shailendra Anand

#truecolors मेरे ख्याल ईश्वर सत्य है और यह सब धर्मों में समरुपता से सजाया गया ईमान लिखूं प्रेम शब्द का सच्चा मक़सद शबद अनमोल वचन है ्््निजधि

14 Love

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