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New अखिया के निरखी रे कजरा Status, Photo, Video

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#जगतखिवैया #कविता  न कोई सद्गुन है, न कोई साधना 
करूँ भला कैसे, तेरी उपासना..!
न वास्ता तप से,न वास्ता जप से 
संभाल लेना हो, यही है प्रार्थना..!
न ज्ञान है मुझमें, न ध्यान है मुझमें 
कृपा की मूरत हो,कृपा की भावना..!
न हो भजन तेरा, न मन मगन तेरा 
न भाव भक्ति हो,न वर की कामना..!
जहान तेरा है, विधान तेरा है 
भगत के पाले में, तुझे पुकारना..!
अधम भी तारे हो, सदा सहारे हो 
दया की दृष्टि से, मुझे निहारना..!
नयन की भाषा है, तुम्हीं से आशा है 
मेरे खिवैया रे,मुझे उबारना..!

©अज्ञात

तुझे शिकायत है की ढूंढने में इतना वक्त कैसे लगा और मुझे शिकायत है की खोने ही क्यों दिया। ©Sonali Ghosh

#सजनी #Quotes #रे #ओह  तुझे शिकायत है की ढूंढने में इतना वक्त कैसे लगा 
और मुझे शिकायत है की खोने ही क्यों दिया।

©Sonali Ghosh
#बच  वोट डालने के बाद पता चलता 
उल्लू नेता नहीं
 उल्लू बने हम 
फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम

©Rajni Vijay singla

#बच के रहना रे बाबा

207 View

वोट डालने के बाद पता चलता उल्लू नेता नहीं उल्लू बने हम फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम ©Rajni Vijay singla

#hunarbaaz #बच  वोट डालने के बाद पता चलता 
उल्लू नेता नहीं
 उल्लू बने हम 
फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम

©Rajni Vijay singla

#बच के रहना रे बाबा

14 Love

#Holi  शीर्षक:- "आओ सखी ,खेले फ़ाग "
              ................................

मार-मार पिचकारी रगों की फुहार से
उड़ा के अबीर के रंग, भीगें हर अंग रे..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे...!

थोड़ा सा ग़ुलाल मैं लगाऊं, थोड़ा तुम लगाना..
लपक-झपक ग़ुलाल के रंगों से, रंगे दोनों संग रे..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!

ना जाने कहाँ होंगे अगले बरस,
एक दूसरे को देखने को नजरें जाएगी तरस..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!

आगे की चिंता की शिकन ना आने दे हमारे दरमियान,
तू और इस रंग-बिरंगे रंगों संग जिंदगी में भरे हर रंग रे..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!

बरस-बरस भीगेंगे आँचल, भिगोए जलते तन-मन रे..
आओ सखी, बुझा दे प्रेम से हर पीड़ा की चुभन रे..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!!

©Rishika Srivastava "Rishnit"

शीर्षक:- "आओ सखी ,खेले फ़ाग " ................................ मार-मार पिचकारी रगों की फुहार से उड़ा के अबीर के रंग, भीगें हर अ

279 View

#शायरी #बरसो #मेघा #रे  सूख रही यह धरती, बरसो रे मेघा बहुत ज़ोर से,
ऐसे कि माटी की सुगंध आ जाए हर ओर से।
मेघा तुम अपने भीतर जल भरकर कहाँ जाओगे,
सूखी धरती पर बरसो, लाखों दुआएं पाओगे।

©Amit Singhal "Aseemit"
#जगतखिवैया #कविता  न कोई सद्गुन है, न कोई साधना 
करूँ भला कैसे, तेरी उपासना..!
न वास्ता तप से,न वास्ता जप से 
संभाल लेना हो, यही है प्रार्थना..!
न ज्ञान है मुझमें, न ध्यान है मुझमें 
कृपा की मूरत हो,कृपा की भावना..!
न हो भजन तेरा, न मन मगन तेरा 
न भाव भक्ति हो,न वर की कामना..!
जहान तेरा है, विधान तेरा है 
भगत के पाले में, तुझे पुकारना..!
अधम भी तारे हो, सदा सहारे हो 
दया की दृष्टि से, मुझे निहारना..!
नयन की भाषा है, तुम्हीं से आशा है 
मेरे खिवैया रे,मुझे उबारना..!

©अज्ञात

तुझे शिकायत है की ढूंढने में इतना वक्त कैसे लगा और मुझे शिकायत है की खोने ही क्यों दिया। ©Sonali Ghosh

#सजनी #Quotes #रे #ओह  तुझे शिकायत है की ढूंढने में इतना वक्त कैसे लगा 
और मुझे शिकायत है की खोने ही क्यों दिया।

©Sonali Ghosh
#बच  वोट डालने के बाद पता चलता 
उल्लू नेता नहीं
 उल्लू बने हम 
फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम

©Rajni Vijay singla

#बच के रहना रे बाबा

207 View

वोट डालने के बाद पता चलता उल्लू नेता नहीं उल्लू बने हम फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम ©Rajni Vijay singla

#hunarbaaz #बच  वोट डालने के बाद पता चलता 
उल्लू नेता नहीं
 उल्लू बने हम 
फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम

©Rajni Vijay singla

#बच के रहना रे बाबा

14 Love

#Holi  शीर्षक:- "आओ सखी ,खेले फ़ाग "
              ................................

मार-मार पिचकारी रगों की फुहार से
उड़ा के अबीर के रंग, भीगें हर अंग रे..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे...!

थोड़ा सा ग़ुलाल मैं लगाऊं, थोड़ा तुम लगाना..
लपक-झपक ग़ुलाल के रंगों से, रंगे दोनों संग रे..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!

ना जाने कहाँ होंगे अगले बरस,
एक दूसरे को देखने को नजरें जाएगी तरस..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!

आगे की चिंता की शिकन ना आने दे हमारे दरमियान,
तू और इस रंग-बिरंगे रंगों संग जिंदगी में भरे हर रंग रे..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!

बरस-बरस भीगेंगे आँचल, भिगोए जलते तन-मन रे..
आओ सखी, बुझा दे प्रेम से हर पीड़ा की चुभन रे..
आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे..
करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!!

©Rishika Srivastava "Rishnit"

शीर्षक:- "आओ सखी ,खेले फ़ाग " ................................ मार-मार पिचकारी रगों की फुहार से उड़ा के अबीर के रंग, भीगें हर अ

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#शायरी #बरसो #मेघा #रे  सूख रही यह धरती, बरसो रे मेघा बहुत ज़ोर से,
ऐसे कि माटी की सुगंध आ जाए हर ओर से।
मेघा तुम अपने भीतर जल भरकर कहाँ जाओगे,
सूखी धरती पर बरसो, लाखों दुआएं पाओगे।

©Amit Singhal "Aseemit"
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