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#मराठीशायरी #रानफुले #कविता  #रानफुले वेडी

©Dileep Bhope
#विचार

पाप से घृणा करो पापी से नहीं

153 View

White माणसाची वृत्ती नेहमीच वाईट असते असे नाही. कधी कधी स्त्रीचे कृत्यही घृणास्पद असते..!! ©Bitterone_me

#मराठीविचार #स्त्री #जिंदगी #माणूस #कृत्य #घृणा  White माणसाची वृत्ती
नेहमीच वाईट असते
असे नाही.
कधी कधी
स्त्रीचे कृत्यही
घृणास्पद असते..!!

©Bitterone_me
#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

99 View

#मानवता #अदनासा #हिंदी #विचार #द्वेष #समाज  अपने विचारों को घृणा एवं द्वेष से,
कदापि प्रदूषित ना होने दें, 
यह मानवता एवं समाज दोनों को,
पूर्णतया विकलांग बना देती है,
अपितु स्वयं के पतन का पथ प्रशस्त कर,
केवल सर्वनाश ही करती है।

Never Let Your Thoughts,
Get Polluted With Hatred And Malice, 
It Completely Cripples Both Humanity And Society, 
But Only Leads To Destruction,
By Paving The Path Of One's Own Downfall.

©अदनासा-
#विचार

किसी वस्तु को देखकर घृणा न करे

117 View

#मराठीशायरी #रानफुले #कविता  #रानफुले वेडी

©Dileep Bhope
#विचार

पाप से घृणा करो पापी से नहीं

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White माणसाची वृत्ती नेहमीच वाईट असते असे नाही. कधी कधी स्त्रीचे कृत्यही घृणास्पद असते..!! ©Bitterone_me

#मराठीविचार #स्त्री #जिंदगी #माणूस #कृत्य #घृणा  White माणसाची वृत्ती
नेहमीच वाईट असते
असे नाही.
कधी कधी
स्त्रीचे कृत्यही
घृणास्पद असते..!!

©Bitterone_me
#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

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#मानवता #अदनासा #हिंदी #विचार #द्वेष #समाज  अपने विचारों को घृणा एवं द्वेष से,
कदापि प्रदूषित ना होने दें, 
यह मानवता एवं समाज दोनों को,
पूर्णतया विकलांग बना देती है,
अपितु स्वयं के पतन का पथ प्रशस्त कर,
केवल सर्वनाश ही करती है।

Never Let Your Thoughts,
Get Polluted With Hatred And Malice, 
It Completely Cripples Both Humanity And Society, 
But Only Leads To Destruction,
By Paving The Path Of One's Own Downfall.

©अदनासा-
#विचार

किसी वस्तु को देखकर घृणा न करे

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