White कभी कभी न दोस्ती टूटने से ज्यादा उसका बदल जाना दर्द देता है
जब हम खुद समझ नहीं पाते की क्या महसूस कर रहे है
हम उनके साथ रहकर भी उन्हें ही Miss कर रहे है
एक अजीब सी दूरी हो जाती है,दिल में फासले और यादों में बस पुरानी बातें रह जाती है
जिस यारी में गद्दारी भी मंजूर थी,उससे बाते भी अब formal होने लगती है
जिसके साथ complet लगता था, कमबख्त अब वो रिश्ता ही बदल गया
यह दोस्ती बिना टूटे ही इतनी दूर हो गई की कहने को भी अब कुछ बचा नही है
रिश्ते और लोग बदल जाते है सुना तो बहुत है ,पर महसूस हुआ आज है
जब वो रहकर भी ,मेरे साथ कहा है
जब वो रहकर भी मेरे साथ कहा है......।
©seema patidar
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