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#मोटिवेशनल #financialfreedom #PessonKiAhimiyat #vikrantrajliwal #personalfinance #amazonkindle

प्रिय मित्रों , अमेजन किंडल ने मेरी पुस्तक "पैसो की अहमियत" को स्वीकृति प्रदान कर प्रकाशित कर दीया है जो मेरी इंगलिश ट्रांसलेशन किताब "Valu

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तेरे प्यार की बुनियाद पर, सपनों का आशियाना बना, जहाँ दिल की धड़कनों में तेरी यादों का तराना बजा। सपनों की बुनियाद पर खिलते हैं फूल प्यार के, तेरी मोहब्बत में डूबकर, जीवन लगे सुहाना सजा। ©Love Joshi

#शायरी #hindiquotes #nojotohindi #lovequotes #FallAutumn #lovejoshi  तेरे प्यार की बुनियाद पर, सपनों का आशियाना बना,
जहाँ दिल की धड़कनों में तेरी यादों का तराना बजा।
सपनों की बुनियाद पर खिलते हैं फूल प्यार के,
तेरी मोहब्बत में डूबकर, जीवन लगे सुहाना सजा।

©Love Joshi

सपनों की बुनियाद #FallAutumn #Nojoto #nojotohindi #Quote #Hindi #hindiquotes #lovejoshi #Love #lovequotes

16 Love

घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का , पूरा रखूँ खयाल ।। आये कितनी दूर से , देखो है ये ग्वाल । हे राधा छू लेन दो , यही  नन्द के लाल ।। हर कोई मोहन बना , लेकर आज गुलाल । मैं कोई नादान हूँ ,  सब समझूँ मैं चाल ।। भर पिचकारी मारते , हम भी तुझे गुलाल । तुम बिन तो अपनी यहाँ , रहती आँखें लाल ।। रिश्ता :- रिश्ता अपना भी यहाँ , देखो एक मिसाल । छुपा किसी से है नही ,  हम दोनो का हाल ।। रिश्ते की बुनियाद है ,  अटल हमारी प्रीति । क्या तोड़ेगा जग इसे , जिसकी उलटी रीति ।। रिश्ते में हम आप हैं , पति पत्नी का रूप । मातु-पिता को मानते , हैं हम अपने भूप ।। रिश्तों की बगिया खिली , तनय उसी के फूल । लेकिन उनमें आज कुछ ,  बनकर चुभते शूल ।। एक रंग है रक्त का , जीव जन्तु इंसान । जिनका रिश्ता ये जगत  , जोड़ गया भगवान ।। रिश्ता छोटा हो गया , पति पत्नी आधार । मातु-पिता बैरी बने , साला है परिवार ।। ०७/०३/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल ।
छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।।

लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल ।
आज तुम्हारी चाल का , पूरा रखूँ खयाल ।।

आये कितनी दूर से , देखो है ये ग्वाल ।
हे राधा छू लेन दो , यही  नन्द के लाल ।।

हर कोई मोहन बना , लेकर आज गुलाल ।
मैं कोई नादान हूँ ,  सब समझूँ मैं चाल ।।

भर पिचकारी मारते , हम भी तुझे गुलाल ।
तुम बिन तो अपनी यहाँ , रहती आँखें लाल ।।
रिश्ता :-
रिश्ता अपना भी यहाँ , देखो एक मिसाल ।
छुपा किसी से है नही ,  हम दोनो का हाल ।।

रिश्ते की बुनियाद है ,  अटल हमारी प्रीति ।
क्या तोड़ेगा जग इसे , जिसकी उलटी रीति ।।

रिश्ते में हम आप हैं , पति पत्नी का रूप ।
मातु-पिता को मानते , हैं हम अपने भूप ।।

रिश्तों की बगिया खिली , तनय उसी के फूल ।
लेकिन उनमें आज कुछ ,  बनकर चुभते शूल ।।

एक रंग है रक्त का , जीव जन्तु इंसान ।
जिनका रिश्ता ये जगत  , जोड़ गया भगवान ।।

रिश्ता छोटा हो गया , पति पत्नी आधार ।
मातु-पिता बैरी बने , साला है परिवार ।।

०७/०३/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का

11 Love

#मोटिवेशनल #financialfreedom #PessonKiAhimiyat #vikrantrajliwal #personalfinance #amazonkindle

प्रिय मित्रों , अमेजन किंडल ने मेरी पुस्तक "पैसो की अहमियत" को स्वीकृति प्रदान कर प्रकाशित कर दीया है जो मेरी इंगलिश ट्रांसलेशन किताब "Valu

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तेरे प्यार की बुनियाद पर, सपनों का आशियाना बना, जहाँ दिल की धड़कनों में तेरी यादों का तराना बजा। सपनों की बुनियाद पर खिलते हैं फूल प्यार के, तेरी मोहब्बत में डूबकर, जीवन लगे सुहाना सजा। ©Love Joshi

#शायरी #hindiquotes #nojotohindi #lovequotes #FallAutumn #lovejoshi  तेरे प्यार की बुनियाद पर, सपनों का आशियाना बना,
जहाँ दिल की धड़कनों में तेरी यादों का तराना बजा।
सपनों की बुनियाद पर खिलते हैं फूल प्यार के,
तेरी मोहब्बत में डूबकर, जीवन लगे सुहाना सजा।

©Love Joshi

सपनों की बुनियाद #FallAutumn #Nojoto #nojotohindi #Quote #Hindi #hindiquotes #lovejoshi #Love #lovequotes

16 Love

घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का , पूरा रखूँ खयाल ।। आये कितनी दूर से , देखो है ये ग्वाल । हे राधा छू लेन दो , यही  नन्द के लाल ।। हर कोई मोहन बना , लेकर आज गुलाल । मैं कोई नादान हूँ ,  सब समझूँ मैं चाल ।। भर पिचकारी मारते , हम भी तुझे गुलाल । तुम बिन तो अपनी यहाँ , रहती आँखें लाल ।। रिश्ता :- रिश्ता अपना भी यहाँ , देखो एक मिसाल । छुपा किसी से है नही ,  हम दोनो का हाल ।। रिश्ते की बुनियाद है ,  अटल हमारी प्रीति । क्या तोड़ेगा जग इसे , जिसकी उलटी रीति ।। रिश्ते में हम आप हैं , पति पत्नी का रूप । मातु-पिता को मानते , हैं हम अपने भूप ।। रिश्तों की बगिया खिली , तनय उसी के फूल । लेकिन उनमें आज कुछ ,  बनकर चुभते शूल ।। एक रंग है रक्त का , जीव जन्तु इंसान । जिनका रिश्ता ये जगत  , जोड़ गया भगवान ।। रिश्ता छोटा हो गया , पति पत्नी आधार । मातु-पिता बैरी बने , साला है परिवार ।। ०७/०३/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल ।
छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।।

लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल ।
आज तुम्हारी चाल का , पूरा रखूँ खयाल ।।

आये कितनी दूर से , देखो है ये ग्वाल ।
हे राधा छू लेन दो , यही  नन्द के लाल ।।

हर कोई मोहन बना , लेकर आज गुलाल ।
मैं कोई नादान हूँ ,  सब समझूँ मैं चाल ।।

भर पिचकारी मारते , हम भी तुझे गुलाल ।
तुम बिन तो अपनी यहाँ , रहती आँखें लाल ।।
रिश्ता :-
रिश्ता अपना भी यहाँ , देखो एक मिसाल ।
छुपा किसी से है नही ,  हम दोनो का हाल ।।

रिश्ते की बुनियाद है ,  अटल हमारी प्रीति ।
क्या तोड़ेगा जग इसे , जिसकी उलटी रीति ।।

रिश्ते में हम आप हैं , पति पत्नी का रूप ।
मातु-पिता को मानते , हैं हम अपने भूप ।।

रिश्तों की बगिया खिली , तनय उसी के फूल ।
लेकिन उनमें आज कुछ ,  बनकर चुभते शूल ।।

एक रंग है रक्त का , जीव जन्तु इंसान ।
जिनका रिश्ता ये जगत  , जोड़ गया भगवान ।।

रिश्ता छोटा हो गया , पति पत्नी आधार ।
मातु-पिता बैरी बने , साला है परिवार ।।

०७/०३/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का

11 Love

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