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New मैल्कम मार्शल गेंदबाजी गति Status, Photo, Video

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#शायरी #summer_vacation  White एक छोटी सी कील गाड़ी की गति बदल सकती हैं तो याद रखिए एक छोटा सा नेगेटिव विचार भी मनुष्य की गति रोक सकता

©RAVI PRAKASH

#summer_vacation मनुष्य की गति रोक

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#शायरी #Shayar♡Dil☆ #kabita  White सुख का दिन डूबे डूब जाए। 
तुमसे न सहज मन ऊब जाए। 

खुल जाए न मिली गाँठ मन की, 
लुट जाए न उठी राशि धन की, 
धुल जाए न आन शुभानन की, 
सारा जग रूठे रूठ जाए। 

उलटी गति सीधी हो न भले, 
प्रति जन की दाल गले न गले, 
टाले न बान यह कभी टले, 
यह जान जाए तो ख़ूब जाए।

©AYUSH Kumar

सुख का दिन डूबे डूब जाए। तुमसे न सहज मन ऊब जाए। खुल जाए न मिली गाँठ मन की, लुट जाए न उठी राशि धन की, धुल जाए न आन शुभानन की, सारा जग र

144 View

#Prakriti_ #deepliner #Krishna #Nozoto #poem  उलझन भरे मेरे नैनो ने तुमसे सहस्त्र प्रश्न किए।
उत्तर जिनके खोज रही सम्मुख तुम्हारे यत्न किए। 

स्वार्थ भरी दुनिया व्याधि माया मोह जालिकाएँ,
भोग-विलास की मन में खेले वो बाल-बालिकाएँ

 हे कृष्ण मोक्ष दो मुझे तुम्हीं,तम भरा उजाला भी।
अंधकारमय है जीवन ,तुम्ही से मिले सहारा भी।

उन्मुक्त मन की बांध गति,इंद्रियों को बांध दो,
हे कृष्ण सुनो चरणों में मुझको भी अब स्थान दो।

©दीपा साहू "प्रकृति"

#Prakriti_ #deepliner #Krishna #love #poem #Nozoto उलझन भरे मेरे नैनो ने तुमसे सहस्त्र प्रश्न किए। उत्तर जिनके खोज रही सम्मुख तुम्

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#जानकारी #GingerTea  {Bolo Ji Radhey Radhey}
अन्तकालीन चिन्तन के अनुसार 
ही जीव की गति होती है। 
अत: मनुष्य को हरदम भगवान् 
श्री कृष्ण का स्मरण करते हुए, 
अपने कर्तव्य का पालन करना 
चाहिये, जिससे अन्तकाल में 
भगवान् की स्मृति बनी रहे।

©N S Yadav GoldMine

#GingerTea {Bolo Ji Radhey Radhey} अन्तकालीन चिन्तन के अनुसार ही जीव की गति होती है। अत: मनुष्य को हरदम भगवान् श्री कृष्ण का स्मरण करते ह

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#कविता  हसरते अगर  पूरी हो गई तो
ख्वाहिशे फिर किसकी होंगी
कोशिश अगर  खत्म होंजाए 
तो  प्रतीक्षा  फिर किसकी होगी
मंजिल  अगर मिल भी  जाए
तो तुम्हारे कर्मो की  गति
फिर क्या होंगी

©Arora PR

कर्मो की गति

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गीत  मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। मन की गति को रोक न पाये..... मन ये मंथन करता रहता , तेरा मेरा कहता रहता । सोचो इस पे पुनः आप भी , क्यों ऐसे ये बहता रहता ।। ध्यान धरो बस इतना भैय्या , नहीं किसी का आने पाये । मन की गति को रोक न पाये.... गति पवन कि तब अति शीतल है , हो मापदंड पे जो निश्चित । जरा तेज गति में जो बहती , हो जाते सब ही फिर चिंतित ।।  इच्छा बनें नहीं सुन इर्ष्या , इतना मन काबू में लाये । मन की गति को रोक न पाये ..... बिजली रानी करे उँजाला , दुबका बैठा है अँधियारा । मौका पाते पैर पसारे , हर प्राणी इससे है हारा ।। करो उजाला वो जीवन में , संसार नहीं जलने पाये । मन की गति को रोक न पाये.... मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। १९/०२/२०२४    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत
 मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये ।
मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।।
मन की गति को रोक न पाये.....

मन ये मंथन करता रहता , तेरा मेरा कहता रहता ।
सोचो इस पे पुनः आप भी , क्यों ऐसे ये बहता रहता ।।
ध्यान धरो बस इतना भैय्या , नहीं किसी का आने पाये ।
मन की गति को रोक न पाये....

गति पवन कि तब अति शीतल है , हो मापदंड पे जो निश्चित ।
जरा तेज गति में जो बहती , हो जाते सब ही फिर चिंतित ।।
 इच्छा बनें नहीं सुन इर्ष्या , इतना मन काबू में लाये ।
मन की गति को रोक न पाये .....

बिजली रानी करे उँजाला , दुबका बैठा है अँधियारा ।
मौका पाते पैर पसारे , हर प्राणी इससे है हारा ।।
करो उजाला वो जीवन में , संसार नहीं जलने पाये ।
मन की गति को रोक न पाये....

मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये ।
मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।।

१९/०२/२०२४    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत  मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। मन की गति को रोक न पाये.....

15 Love

#शायरी #summer_vacation  White एक छोटी सी कील गाड़ी की गति बदल सकती हैं तो याद रखिए एक छोटा सा नेगेटिव विचार भी मनुष्य की गति रोक सकता

©RAVI PRAKASH

#summer_vacation मनुष्य की गति रोक

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#शायरी #Shayar♡Dil☆ #kabita  White सुख का दिन डूबे डूब जाए। 
तुमसे न सहज मन ऊब जाए। 

खुल जाए न मिली गाँठ मन की, 
लुट जाए न उठी राशि धन की, 
धुल जाए न आन शुभानन की, 
सारा जग रूठे रूठ जाए। 

उलटी गति सीधी हो न भले, 
प्रति जन की दाल गले न गले, 
टाले न बान यह कभी टले, 
यह जान जाए तो ख़ूब जाए।

©AYUSH Kumar

सुख का दिन डूबे डूब जाए। तुमसे न सहज मन ऊब जाए। खुल जाए न मिली गाँठ मन की, लुट जाए न उठी राशि धन की, धुल जाए न आन शुभानन की, सारा जग र

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#Prakriti_ #deepliner #Krishna #Nozoto #poem  उलझन भरे मेरे नैनो ने तुमसे सहस्त्र प्रश्न किए।
उत्तर जिनके खोज रही सम्मुख तुम्हारे यत्न किए। 

स्वार्थ भरी दुनिया व्याधि माया मोह जालिकाएँ,
भोग-विलास की मन में खेले वो बाल-बालिकाएँ

 हे कृष्ण मोक्ष दो मुझे तुम्हीं,तम भरा उजाला भी।
अंधकारमय है जीवन ,तुम्ही से मिले सहारा भी।

उन्मुक्त मन की बांध गति,इंद्रियों को बांध दो,
हे कृष्ण सुनो चरणों में मुझको भी अब स्थान दो।

©दीपा साहू "प्रकृति"

#Prakriti_ #deepliner #Krishna #love #poem #Nozoto उलझन भरे मेरे नैनो ने तुमसे सहस्त्र प्रश्न किए। उत्तर जिनके खोज रही सम्मुख तुम्

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#जानकारी #GingerTea  {Bolo Ji Radhey Radhey}
अन्तकालीन चिन्तन के अनुसार 
ही जीव की गति होती है। 
अत: मनुष्य को हरदम भगवान् 
श्री कृष्ण का स्मरण करते हुए, 
अपने कर्तव्य का पालन करना 
चाहिये, जिससे अन्तकाल में 
भगवान् की स्मृति बनी रहे।

©N S Yadav GoldMine

#GingerTea {Bolo Ji Radhey Radhey} अन्तकालीन चिन्तन के अनुसार ही जीव की गति होती है। अत: मनुष्य को हरदम भगवान् श्री कृष्ण का स्मरण करते ह

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#कविता  हसरते अगर  पूरी हो गई तो
ख्वाहिशे फिर किसकी होंगी
कोशिश अगर  खत्म होंजाए 
तो  प्रतीक्षा  फिर किसकी होगी
मंजिल  अगर मिल भी  जाए
तो तुम्हारे कर्मो की  गति
फिर क्या होंगी

©Arora PR

कर्मो की गति

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गीत  मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। मन की गति को रोक न पाये..... मन ये मंथन करता रहता , तेरा मेरा कहता रहता । सोचो इस पे पुनः आप भी , क्यों ऐसे ये बहता रहता ।। ध्यान धरो बस इतना भैय्या , नहीं किसी का आने पाये । मन की गति को रोक न पाये.... गति पवन कि तब अति शीतल है , हो मापदंड पे जो निश्चित । जरा तेज गति में जो बहती , हो जाते सब ही फिर चिंतित ।।  इच्छा बनें नहीं सुन इर्ष्या , इतना मन काबू में लाये । मन की गति को रोक न पाये ..... बिजली रानी करे उँजाला , दुबका बैठा है अँधियारा । मौका पाते पैर पसारे , हर प्राणी इससे है हारा ।। करो उजाला वो जीवन में , संसार नहीं जलने पाये । मन की गति को रोक न पाये.... मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। १९/०२/२०२४    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत
 मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये ।
मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।।
मन की गति को रोक न पाये.....

मन ये मंथन करता रहता , तेरा मेरा कहता रहता ।
सोचो इस पे पुनः आप भी , क्यों ऐसे ये बहता रहता ।।
ध्यान धरो बस इतना भैय्या , नहीं किसी का आने पाये ।
मन की गति को रोक न पाये....

गति पवन कि तब अति शीतल है , हो मापदंड पे जो निश्चित ।
जरा तेज गति में जो बहती , हो जाते सब ही फिर चिंतित ।।
 इच्छा बनें नहीं सुन इर्ष्या , इतना मन काबू में लाये ।
मन की गति को रोक न पाये .....

बिजली रानी करे उँजाला , दुबका बैठा है अँधियारा ।
मौका पाते पैर पसारे , हर प्राणी इससे है हारा ।।
करो उजाला वो जीवन में , संसार नहीं जलने पाये ।
मन की गति को रोक न पाये....

मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये ।
मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।।

१९/०२/२०२४    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत  मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। मन की गति को रोक न पाये.....

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