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New मैथिली हास्य कविता Status, Photo, Video

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#कॉमेडी #हास्य  याद है मुझे वो शायद अमावस की स्याह रात थी ।
सितारे थे गगन में दिल में अरमानों की बारात थी ।
धड़क रहा था दिल काबू में न हमारे जज्बात थे ।
जिसे चाहते थे उसकी मां हमारे घर मेहमान थी ।

©Rajnish Shrivastava
#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

99 View

#कॉमेडी

थोड़ा सा हास्य व्यंग बाण 🖤🙂

153 View

#मराठीकविता #kahanisuno

#kahanisuno कविता "स्मित हास्य"

99 View

 में थी और शायद तू भी…
शायद एक सांस के फासले पर खड़ा
शायद एक नज़र के अँधेरे पे बैठा
शायद एहसास के एक मोड़ पर चल रहा
पर वह
पुराने-ऐतिहासिक समय की बात है

©Saroj Patwa

#कविता

198 View

#कविता

सुनिये हास्य कविता और उठाइये लुत्फ।

153 View

#कॉमेडी #हास्य  याद है मुझे वो शायद अमावस की स्याह रात थी ।
सितारे थे गगन में दिल में अरमानों की बारात थी ।
धड़क रहा था दिल काबू में न हमारे जज्बात थे ।
जिसे चाहते थे उसकी मां हमारे घर मेहमान थी ।

©Rajnish Shrivastava
#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

99 View

#कॉमेडी

थोड़ा सा हास्य व्यंग बाण 🖤🙂

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#मराठीकविता #kahanisuno

#kahanisuno कविता "स्मित हास्य"

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 में थी और शायद तू भी…
शायद एक सांस के फासले पर खड़ा
शायद एक नज़र के अँधेरे पे बैठा
शायद एहसास के एक मोड़ पर चल रहा
पर वह
पुराने-ऐतिहासिक समय की बात है

©Saroj Patwa

#कविता

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#कविता

सुनिये हास्य कविता और उठाइये लुत्फ।

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