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New अँधेरे का शत्रु का पर्यायवाची Status, Photo, Video

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#अँधेरे #कविता #रोशनी  White लोग कहेंगे क्या सोचेंगे पड़े रहे इस फेरे में
रोशनी रोशनी खेल रहे थे डूबे रहे अँधेरे में

खून के रिश्ते मधुर तिक्त से आगे विष में माते हैं
सब संयुक्त विभक्त हुए एकल परिवार बनाते हैं
बचपन और बुढापा दोनों पलने लगे अकेले में....
रोशनी रोशनी खेल रहे थे......

भौतिकता हावी है यूँ चहुँ ओर चमाचम ऊपर है
अंध अनुकरण मगन है फिर भी नींद शान्ति की दूभर है
भरी घुटन सब भीतर है....…
चोर सिपाही बने हुए सब अपने अपने घेरे में....
रोशनी रोशनी खेल रहे थे......

जिस दिन अपनी जड़ को हमने दकियानूसी माना था
उसने था बहकाया हमको जिसका नहीं ठिकाना था 
सेवा धर्म बहाना था....
गेंहुवन से फुँफकार छीन ले... दम ही नहीं सँपेरे में
रोशनी रोशनी खेल रहे थे.....







                                    

उलझन सुलझाने वाले ही उलझे तेरे मे

©Santosh 'Raman' Pathak
#Bhakti  जो धर्म की राह पर चलते हैं भगवान उनके घोड़ों की लगाम खुद पकड़ लेते हैं

©book lover

धर्म का मार्ग उन्नति का मार्ग है

90 View

पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का। ©Bharat Bhushan pathak

#भक्ति  पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का।
सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।।
राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का।
भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का।

©Bharat Bhushan pathak

पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश

15 Love

#भक्ति #SAD  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ 
और आनंदमय है. आनंद बाहर 
से नहीं आता, आनन्द ही 
भगवान श्री कृष्ण जी  का 
पर्यायवाची नाम है।।

©N S Yadav GoldMine

#SAD {Bolo Ji Radhey Radhey} प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है. आनंद बाहर से नहीं आता, आनन्द ही भगवान श्री कृष्ण जी का पर्य

108 View

#विचार

ना उठने का अभिमान ना डूबने का डर

153 View

#विचार

समय का...

99 View

#अँधेरे #कविता #रोशनी  White लोग कहेंगे क्या सोचेंगे पड़े रहे इस फेरे में
रोशनी रोशनी खेल रहे थे डूबे रहे अँधेरे में

खून के रिश्ते मधुर तिक्त से आगे विष में माते हैं
सब संयुक्त विभक्त हुए एकल परिवार बनाते हैं
बचपन और बुढापा दोनों पलने लगे अकेले में....
रोशनी रोशनी खेल रहे थे......

भौतिकता हावी है यूँ चहुँ ओर चमाचम ऊपर है
अंध अनुकरण मगन है फिर भी नींद शान्ति की दूभर है
भरी घुटन सब भीतर है....…
चोर सिपाही बने हुए सब अपने अपने घेरे में....
रोशनी रोशनी खेल रहे थे......

जिस दिन अपनी जड़ को हमने दकियानूसी माना था
उसने था बहकाया हमको जिसका नहीं ठिकाना था 
सेवा धर्म बहाना था....
गेंहुवन से फुँफकार छीन ले... दम ही नहीं सँपेरे में
रोशनी रोशनी खेल रहे थे.....







                                    

उलझन सुलझाने वाले ही उलझे तेरे मे

©Santosh 'Raman' Pathak
#Bhakti  जो धर्म की राह पर चलते हैं भगवान उनके घोड़ों की लगाम खुद पकड़ लेते हैं

©book lover

धर्म का मार्ग उन्नति का मार्ग है

90 View

पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का। ©Bharat Bhushan pathak

#भक्ति  पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का।
सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।।
राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का।
भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का।

©Bharat Bhushan pathak

पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश

15 Love

#भक्ति #SAD  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ 
और आनंदमय है. आनंद बाहर 
से नहीं आता, आनन्द ही 
भगवान श्री कृष्ण जी  का 
पर्यायवाची नाम है।।

©N S Yadav GoldMine

#SAD {Bolo Ji Radhey Radhey} प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है. आनंद बाहर से नहीं आता, आनन्द ही भगवान श्री कृष्ण जी का पर्य

108 View

#विचार

ना उठने का अभिमान ना डूबने का डर

153 View

#विचार

समय का...

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