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New अमृत महोत्सव कविता Status, Photo, Video

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#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

99 View

#कविता

कविता

432 View

#happyholidays #bageshwardham #balajimaharaj #hanumanji #bhajana

हैप्पी होली महोत्सव #bageshwardham #hanumanji #balajimaharaj #Balaji #guruji #Delhi #Bhagti #happyholidays #Music #bhajana

117 View

#कविता

12,519 View

#कविता  ये दिन न जाने कैसे
बीतते जा रहे हैँ
लगता हैँ जैसे  मेरे हाथ से ये दिन फिसलते जा. रहे हैँ
जबकि अभी भी मुकाम आते हैँ मंजिले भी मिल. जाती हैँ
लेकिन वक़्त  इन सुखद लम्हो को मुट्ठी  मे बाँध नहीं पाता  हैँ
तभी तो  मै अपनी विचलित काया
को  झरझर होने से. बचा नहीं पाया हूँ
जबकी अंतिम आंनदो के 
महोत्सव  का  समापन का क्षण भी
जीवन मे आ चुका हैँ

©Arora PR

अंतिम आंनदो का महोत्सव

126 View

 में थी और शायद तू भी…
शायद एक सांस के फासले पर खड़ा
शायद एक नज़र के अँधेरे पे बैठा
शायद एहसास के एक मोड़ पर चल रहा
पर वह
पुराने-ऐतिहासिक समय की बात है

©Saroj Patwa

#कविता

198 View

#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

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#कविता

कविता

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#happyholidays #bageshwardham #balajimaharaj #hanumanji #bhajana

हैप्पी होली महोत्सव #bageshwardham #hanumanji #balajimaharaj #Balaji #guruji #Delhi #Bhagti #happyholidays #Music #bhajana

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#कविता

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#कविता  ये दिन न जाने कैसे
बीतते जा रहे हैँ
लगता हैँ जैसे  मेरे हाथ से ये दिन फिसलते जा. रहे हैँ
जबकि अभी भी मुकाम आते हैँ मंजिले भी मिल. जाती हैँ
लेकिन वक़्त  इन सुखद लम्हो को मुट्ठी  मे बाँध नहीं पाता  हैँ
तभी तो  मै अपनी विचलित काया
को  झरझर होने से. बचा नहीं पाया हूँ
जबकी अंतिम आंनदो के 
महोत्सव  का  समापन का क्षण भी
जीवन मे आ चुका हैँ

©Arora PR

अंतिम आंनदो का महोत्सव

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 में थी और शायद तू भी…
शायद एक सांस के फासले पर खड़ा
शायद एक नज़र के अँधेरे पे बैठा
शायद एहसास के एक मोड़ पर चल रहा
पर वह
पुराने-ऐतिहासिक समय की बात है

©Saroj Patwa

#कविता

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