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#मौत_क्या_है #विचार  White #मौत_क्या_है

👉 मैंने इस विषय पर कई बार सोचा
"मृत्यु" क्या है?
इससे जीवन का क्या संबंध है?
एक बार मैंने एक समुद्री जहाज देखा, जब वह तट से दूर चला गया और आँखों से ओझल हो गया
लोगों ने कहा "चला गया"
मैंने सोचा कि दूर कोई बंदरगाह होगा,वहाँ यही जहाज़ देखकर लोग कह रहे होंगे कि "आ गया.''
शायद यही नाम है मौत का,
एक पुरानी ज़िंदगी का अन्त
और 
एक नए जीवन की शुरुआत.

©Naushad bin Sharif

#मौत_क्या_है 👉 मैंने इस विषय पर कई बार सोचा "मृत्यु" क्या है? इससे जीवन का क्या संबंध है? एक बार मैंने एक समुद्री जहाज देखा, जब वह तट से द

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 White कुरान शरीफ में किस खुदा के विषय में कहा गया है?
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi

©SONA DEVI

#good_evening_images #भक्ति #शायरी #मोटिवेशनल #लव #कविता #viral #Love कुरान शरीफ में किस खुदा के विषय में कहा गया है? कमेंट करके बताएं जी।

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#कविता #शायरी #भक्ति #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi #election_2024  White किसी को जबरन अपनाधर्म नहीं मनवाना चाहिए।
कुरान मजीद, सूरह अल बकरा 2 आयत 256- धर्म के विषय में कोई जोर जबरदस्ती न कर।
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi

©ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

#mango_tree #election_2024 #VoteForIndia #लव #शायरी #कविता #viral #Love किसी को जबरन अपनाधर्म नहीं मनवाना चाहिए। कुरान मजीद, सूरह अल बकरा 2

81 View

#वीडियो

एसएसबी ने 180लीटर नेपाली कच्ची शराब के साथ एक अभियुक्त को किया गिरफ्तार 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल बहराइच-I के निर्देशन में सीमा चौकी शिव

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White उसी शहर में हम आ गए हम जिस के वजह से एक दुसरे के ‌ तालुकात बिगाड़े । ©Prerna Singh

#कविता #Romantic  White उसी शहर में हम आ गए हम
               जिस के वजह से एक दुसरे के
                            ‌ तालुकात बिगाड़े  ।

©Prerna Singh

#Romantic उसी शहर में हम आ गए हम जिस के वजह से एक दुसरे के तालुकात बिगाड़े । भटक रही हूं जंगल जंगल यही मेरी अब नियति हैं मैंने लक्ष्य क

11 Love

#मोटिवेशनल #SAD  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उचित दण्ड दें पढ़िए महाभारत !! 🌷🌷 
महाभारत: आश्रमवासिका पर्व 
पंचम अध्याय: श्लोक 18-32 
📔 भारत। जिन मनुष्यों के कुल और शील अच्छी तरह ज्ञात हों, उन्हीं से तुम्हें काम लेना चाहिये। भोजन आदि के अवसरों पर सदा तुम्हें आत्मरक्षा पर ध्यान देना चाहिये। आहार विहार के समय तथा माला पहनने, शय्या पर सोने और आसनों पर बैठने के समय भी तुम्हें सावधानी के साथ अपनी रक्षा करनी चाहिये। युधिष्ठिर। कुलीन, शीलवान्, विद्वान, विश्वासपात्र एवं वृद्ध पुरुषों की अध्यक्षता में रखकर तुम्हें अन्तःपुर की स्त्रियों की रक्षा का सुन्दर प्रबन्ध करना चाहिये। राजन्। तुम उन्हीं ब्राह्मणों को अपने मन्त्री बनाओ, जो विद्या में प्रवीण, विनयशील, कुलीन, धर्म और अर्थ में कुशल तथा सरल स्वभाव वाले हों। उन्हीं के साथ तुम गूढ़ विषय पर विचार करो, किंतु अधिक लोगों को साथ लेकर देर तक मन्त्रणा नहीं करनी चाहिये। सम्पूर्ण मन्त्रियों को अथवा उनमें से दो एक को किसी के बहाने चारों ओर से घिरे हुए बंद कमरे में या खुले मैदान में ले जाकर उनके साथ किसी गूढ़ विषय पर विचार करना। जहाँ अधिक घास फूस या झाड़ झंखाड़ न हो, ऐसे जंगल में भी गुप्त मन्त्रणा की जा सकती है, परंतु रात्रि के समय इन स्थानों में किसी तरह गुप्त सलाह नहीं करनी चाहिये।
📔 मनुष्यों का अनुसरण करने वाले जो वानर और पक्षी आदि हैं, उन सबको तथा मूर्ख एवं पंगु मनुष्यों को भी मन्त्रणा गृह में नहीं आने देना चाहिये। गुप्त मन्त्रणा के दूसरों पर प्रकट हो जाने से राजाओं को जो संकट प्राप्त होते हैं, उनका किसी तरह समाधान नहीं किया जा सकता - ऐसा मेरा विश्वास है। शत्रुदमन नरेश। गुप्त मन्त्रणा फूट जाने पर जो दोष पैदा होते हैं और न फूटने से जो लाभ होते हैं, उनको तुम मन्त्रिमण्डल के समक्ष बारंबार बतलाते रहना। राजन्। कुरूश्रेष्ठ युधिष्ठिर। नगर औश्र जनपद के लोगों का हृदय तुम्हारे प्रति शुद्ध है या अशुद्ध, इस बात का तुम्हें जैसे भी ज्ञान प्राप्त हो सके, वैसा उपाय करना। नरेश्वर। न्याय करने के काम पर तुम सदा ऐसे ही पुरुषों को नियुक्त करना, जो विश्वासपात्र, संतोषी और हितैषी हों तथा गुप्तचरों के द्वारा सदा उनके कार्यों पर दृष्टि रखना। भरतनन्दन युधिष्ठिर। तुम्हें ऐसा विधान बनाना चाहिये, जिससे तुम्हारे नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उचित दण्ड दें।
📔 जो दूसरों से घूस लेने की रुचि रखते हों, परायी स्त्रियों से जिनका सम्पर्क हो, जो विशषतः कठोर दण्ड देने के पक्षपाती हों, झूठा फैसला देते हों, जो कटुवादी, लोभी, दूसरों का धन हड़पने वाले, दुस्साहसी, सभाभवन और उद्यान आदि को नष्ट करने वाले तथा सभी वर्ण के लोगों को कलंकित करने वाले हों, उन न्यायाधिकारियों को देश काल का ध्यान रखते हुए सुवर्ण दण्ड अथवा प्राण दण्ड के द्वारा दण्डित करना चाहिये। प्रातःकाल उठकर (नित्य नियम से निवृत्त होने के बाद) पहले तुम्हें उन लोगों से मिलना चाहिये, जो तुम्हारे खर्च बर्च के काम पर नियुक्त हों। उसके बाद आभूषण पहनने या भोजन करने के काम पर ध्यान देना चाहिये। जय श्री राधे कृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

#SAD {Bolo Ji Radhey Radhey} नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उ

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#मौत_क्या_है #विचार  White #मौत_क्या_है

👉 मैंने इस विषय पर कई बार सोचा
"मृत्यु" क्या है?
इससे जीवन का क्या संबंध है?
एक बार मैंने एक समुद्री जहाज देखा, जब वह तट से दूर चला गया और आँखों से ओझल हो गया
लोगों ने कहा "चला गया"
मैंने सोचा कि दूर कोई बंदरगाह होगा,वहाँ यही जहाज़ देखकर लोग कह रहे होंगे कि "आ गया.''
शायद यही नाम है मौत का,
एक पुरानी ज़िंदगी का अन्त
और 
एक नए जीवन की शुरुआत.

©Naushad bin Sharif

#मौत_क्या_है 👉 मैंने इस विषय पर कई बार सोचा "मृत्यु" क्या है? इससे जीवन का क्या संबंध है? एक बार मैंने एक समुद्री जहाज देखा, जब वह तट से द

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 White कुरान शरीफ में किस खुदा के विषय में कहा गया है?
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi

©SONA DEVI

#good_evening_images #भक्ति #शायरी #मोटिवेशनल #लव #कविता #viral #Love कुरान शरीफ में किस खुदा के विषय में कहा गया है? कमेंट करके बताएं जी।

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#कविता #शायरी #भक्ति #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi #election_2024  White किसी को जबरन अपनाधर्म नहीं मनवाना चाहिए।
कुरान मजीद, सूरह अल बकरा 2 आयत 256- धर्म के विषय में कोई जोर जबरदस्ती न कर।
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi

©ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

#mango_tree #election_2024 #VoteForIndia #लव #शायरी #कविता #viral #Love किसी को जबरन अपनाधर्म नहीं मनवाना चाहिए। कुरान मजीद, सूरह अल बकरा 2

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एसएसबी ने 180लीटर नेपाली कच्ची शराब के साथ एक अभियुक्त को किया गिरफ्तार 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल बहराइच-I के निर्देशन में सीमा चौकी शिव

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White उसी शहर में हम आ गए हम जिस के वजह से एक दुसरे के ‌ तालुकात बिगाड़े । ©Prerna Singh

#कविता #Romantic  White उसी शहर में हम आ गए हम
               जिस के वजह से एक दुसरे के
                            ‌ तालुकात बिगाड़े  ।

©Prerna Singh

#Romantic उसी शहर में हम आ गए हम जिस के वजह से एक दुसरे के तालुकात बिगाड़े । भटक रही हूं जंगल जंगल यही मेरी अब नियति हैं मैंने लक्ष्य क

11 Love

#मोटिवेशनल #SAD  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उचित दण्ड दें पढ़िए महाभारत !! 🌷🌷 
महाभारत: आश्रमवासिका पर्व 
पंचम अध्याय: श्लोक 18-32 
📔 भारत। जिन मनुष्यों के कुल और शील अच्छी तरह ज्ञात हों, उन्हीं से तुम्हें काम लेना चाहिये। भोजन आदि के अवसरों पर सदा तुम्हें आत्मरक्षा पर ध्यान देना चाहिये। आहार विहार के समय तथा माला पहनने, शय्या पर सोने और आसनों पर बैठने के समय भी तुम्हें सावधानी के साथ अपनी रक्षा करनी चाहिये। युधिष्ठिर। कुलीन, शीलवान्, विद्वान, विश्वासपात्र एवं वृद्ध पुरुषों की अध्यक्षता में रखकर तुम्हें अन्तःपुर की स्त्रियों की रक्षा का सुन्दर प्रबन्ध करना चाहिये। राजन्। तुम उन्हीं ब्राह्मणों को अपने मन्त्री बनाओ, जो विद्या में प्रवीण, विनयशील, कुलीन, धर्म और अर्थ में कुशल तथा सरल स्वभाव वाले हों। उन्हीं के साथ तुम गूढ़ विषय पर विचार करो, किंतु अधिक लोगों को साथ लेकर देर तक मन्त्रणा नहीं करनी चाहिये। सम्पूर्ण मन्त्रियों को अथवा उनमें से दो एक को किसी के बहाने चारों ओर से घिरे हुए बंद कमरे में या खुले मैदान में ले जाकर उनके साथ किसी गूढ़ विषय पर विचार करना। जहाँ अधिक घास फूस या झाड़ झंखाड़ न हो, ऐसे जंगल में भी गुप्त मन्त्रणा की जा सकती है, परंतु रात्रि के समय इन स्थानों में किसी तरह गुप्त सलाह नहीं करनी चाहिये।
📔 मनुष्यों का अनुसरण करने वाले जो वानर और पक्षी आदि हैं, उन सबको तथा मूर्ख एवं पंगु मनुष्यों को भी मन्त्रणा गृह में नहीं आने देना चाहिये। गुप्त मन्त्रणा के दूसरों पर प्रकट हो जाने से राजाओं को जो संकट प्राप्त होते हैं, उनका किसी तरह समाधान नहीं किया जा सकता - ऐसा मेरा विश्वास है। शत्रुदमन नरेश। गुप्त मन्त्रणा फूट जाने पर जो दोष पैदा होते हैं और न फूटने से जो लाभ होते हैं, उनको तुम मन्त्रिमण्डल के समक्ष बारंबार बतलाते रहना। राजन्। कुरूश्रेष्ठ युधिष्ठिर। नगर औश्र जनपद के लोगों का हृदय तुम्हारे प्रति शुद्ध है या अशुद्ध, इस बात का तुम्हें जैसे भी ज्ञान प्राप्त हो सके, वैसा उपाय करना। नरेश्वर। न्याय करने के काम पर तुम सदा ऐसे ही पुरुषों को नियुक्त करना, जो विश्वासपात्र, संतोषी और हितैषी हों तथा गुप्तचरों के द्वारा सदा उनके कार्यों पर दृष्टि रखना। भरतनन्दन युधिष्ठिर। तुम्हें ऐसा विधान बनाना चाहिये, जिससे तुम्हारे नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उचित दण्ड दें।
📔 जो दूसरों से घूस लेने की रुचि रखते हों, परायी स्त्रियों से जिनका सम्पर्क हो, जो विशषतः कठोर दण्ड देने के पक्षपाती हों, झूठा फैसला देते हों, जो कटुवादी, लोभी, दूसरों का धन हड़पने वाले, दुस्साहसी, सभाभवन और उद्यान आदि को नष्ट करने वाले तथा सभी वर्ण के लोगों को कलंकित करने वाले हों, उन न्यायाधिकारियों को देश काल का ध्यान रखते हुए सुवर्ण दण्ड अथवा प्राण दण्ड के द्वारा दण्डित करना चाहिये। प्रातःकाल उठकर (नित्य नियम से निवृत्त होने के बाद) पहले तुम्हें उन लोगों से मिलना चाहिये, जो तुम्हारे खर्च बर्च के काम पर नियुक्त हों। उसके बाद आभूषण पहनने या भोजन करने के काम पर ध्यान देना चाहिये। जय श्री राधे कृष्ण जी।।

©N S Yadav GoldMine

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