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#शायरी #election2024 #poem  White नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है, 
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है.
जो जुर्म करते है इतने बुरे नही होते, 
सजा न देकर अदालत बिगाड़ देती है। 

-डॉ. राहत इंदौरी

©साहित्य संजीवनी

#election2024 #poem #Poetry

279 View

#विचार #Difference  Autumn  Know the difference between 
bondage and restrictions, 
live and let live

©Swati kashyap

#Difference

162 View

#কবিতা #viral #poem

#viral #poem #Poetry

108 View

#tumhidekhona #poem

#tumhidekhona #poem #Poetry

99 View

*मानुष कितना पीछे है* *तृष्णा कितनी आगे है ।* *तृप्त करे सो ठहरी तृष्णा* *मनुज जा रहा भागे तृष्णा।।* *माया लिप्सा मन में बैठी* *माया मन ना जाने है।* *इक धन तोड़े रिश्ते को* *इक धन रिश्ता पहचाने है।।* *तृष्णा माया मिल करके* *यह मनवा भ्रमित नचाए है ।* *आग लगा दी उस पूंजी में* *जो पुरखे रहे बचाए है।।* *छोड़ - छाड़ के सब संबंधों को* *खोज रहे सब प्रचुर धनम् को ।* *कौन -कहां अब कहता है ?* *कि संतोषम है परम सुखम को।।* ©Rishi Ranjan

#PhisaltaSamay #poem  *मानुष कितना पीछे है*
*तृष्णा कितनी आगे है ।*
*तृप्त करे सो ठहरी तृष्णा* 
*मनुज जा रहा भागे तृष्णा।।*

*माया लिप्सा मन में बैठी* 
*माया मन ना जाने है।*
*इक धन तोड़े रिश्ते को* 
*इक धन रिश्ता पहचाने है।।*

*तृष्णा माया मिल करके*
*यह मनवा भ्रमित नचाए है ।*
*आग लगा दी उस पूंजी में* 
*जो पुरखे रहे बचाए है।।*
 
*छोड़ - छाड़ के सब संबंधों को* 
*खोज रहे सब प्रचुर धनम् को ।*
*कौन -कहां अब कहता है ?*
*कि संतोषम है परम सुखम को।।*

©Rishi Ranjan
#positiveAttitude #हिंदी #कविता #OneSeason #Attitude #poem  ।।अभिमान।।
है श्रीमद् भगवत गीता का ज्ञान ये,
ना कर तू  तनिक भी अभिमान रे।
तू  लम्बी दौड़ का घोड़ा बन,
ना की कुछ पलों का मेहमान रे।।

तू हर हीन दीन की कर मदद,
और दे हर निर्दयी को सबक।
खूब ऊंचा अपना नाम कर,
पर पहले खुद को इंसान कर।।

©Shivam Jaiswal
#शायरी #election2024 #poem  White नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है, 
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है.
जो जुर्म करते है इतने बुरे नही होते, 
सजा न देकर अदालत बिगाड़ देती है। 

-डॉ. राहत इंदौरी

©साहित्य संजीवनी

#election2024 #poem #Poetry

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#विचार #Difference  Autumn  Know the difference between 
bondage and restrictions, 
live and let live

©Swati kashyap

#Difference

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#কবিতা #viral #poem

#viral #poem #Poetry

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#tumhidekhona #poem

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*मानुष कितना पीछे है* *तृष्णा कितनी आगे है ।* *तृप्त करे सो ठहरी तृष्णा* *मनुज जा रहा भागे तृष्णा।।* *माया लिप्सा मन में बैठी* *माया मन ना जाने है।* *इक धन तोड़े रिश्ते को* *इक धन रिश्ता पहचाने है।।* *तृष्णा माया मिल करके* *यह मनवा भ्रमित नचाए है ।* *आग लगा दी उस पूंजी में* *जो पुरखे रहे बचाए है।।* *छोड़ - छाड़ के सब संबंधों को* *खोज रहे सब प्रचुर धनम् को ।* *कौन -कहां अब कहता है ?* *कि संतोषम है परम सुखम को।।* ©Rishi Ranjan

#PhisaltaSamay #poem  *मानुष कितना पीछे है*
*तृष्णा कितनी आगे है ।*
*तृप्त करे सो ठहरी तृष्णा* 
*मनुज जा रहा भागे तृष्णा।।*

*माया लिप्सा मन में बैठी* 
*माया मन ना जाने है।*
*इक धन तोड़े रिश्ते को* 
*इक धन रिश्ता पहचाने है।।*

*तृष्णा माया मिल करके*
*यह मनवा भ्रमित नचाए है ।*
*आग लगा दी उस पूंजी में* 
*जो पुरखे रहे बचाए है।।*
 
*छोड़ - छाड़ के सब संबंधों को* 
*खोज रहे सब प्रचुर धनम् को ।*
*कौन -कहां अब कहता है ?*
*कि संतोषम है परम सुखम को।।*

©Rishi Ranjan
#positiveAttitude #हिंदी #कविता #OneSeason #Attitude #poem  ।।अभिमान।।
है श्रीमद् भगवत गीता का ज्ञान ये,
ना कर तू  तनिक भी अभिमान रे।
तू  लम्बी दौड़ का घोड़ा बन,
ना की कुछ पलों का मेहमान रे।।

तू हर हीन दीन की कर मदद,
और दे हर निर्दयी को सबक।
खूब ऊंचा अपना नाम कर,
पर पहले खुद को इंसान कर।।

©Shivam Jaiswal
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