tags

New 21वीं सदी में क्या होगा Status, Photo, Video

Find the latest Status about 21वीं सदी में क्या होगा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about 21वीं सदी में क्या होगा.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#तजुर्बा #जिंदगी #Motivational #motivatation #Exploration  क्यों डरे जिंदगी में क्या होगा 
कुछ न होगा तो तजुर्बा होगा

©aaj_ki_peshkash

क्यों डरे #जिंदगी में क्या होगा कुछ न होगा तो #तजुर्बा होगा #Exploration #life #motivatation

225 View

#शायरी #ठीक  Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. तुम्हारे रंग देखे हैं ग़ुलाबी हैं
तेरी आँखें यकीं मानों शराबी हैं
अभी कुछ और कहना ठीक होगा क्या.....

©malay_28

#ठीक होगा क्या...

126 View

मुद्दतें लाख बुरा चाहे तो क्या होगा, पहले प्यार फिर व्यापार अंत में धोखा होगा..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #SunSet  मुद्दतें लाख बुरा चाहे तो क्या होगा,
पहले प्यार फिर व्यापार
अंत में धोखा होगा..!

©Himanshu Prajapati

#SunSet मुद्दतें लाख बुरा चाहे तो क्या होगा, पहले प्यार फिर व्यापार अंत में धोखा होगा..!

13 Love

#उपहार #शायरी  क्या ख़ूब होगा जिस दिन तेरा दीदार होगा, एक दीवाने के लिए इससे बड़ा क्या उपहार होगा...





❤️

©Chaurasiya4386

क्या ख़ूब होगा जिस दिन तेरा दीदार होगा, एक दीवाने के लिए इससे बड़ा क्या #उपहार होगा..

7,335 View

गलती कर देता हूँ आकर, झुक जाता हर बात भुलाकर, हो जाए जब सजा मुक़र्रर, भूल माफ़ कर दे करुणाकर, अक्ल न आई समय के रहते, क्या होगा पीछे पछताकर, समझ की खिड़की बंद पड़ी है, क्या कर लेंगे स्वयं दिवाकर, शंकाओं के बादल घिरकर, ढक देते हैं पूर्ण सुधाकर, शांति बिना सब वैभव फीका, व्यापक सत्य सदैव चराचर, तारतम्य बिन सफर अधूरा, चलना पड़ता कदम मिलाकर, अंतर्मुख हो जाओ 'गुंजन', अंतर्घट हैं परम विभाकर, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #क्या  गलती  कर   देता  हूँ  आकर, 
झुक जाता हर बात भुलाकर,

हो  जाए  जब  सजा  मुक़र्रर,
भूल  माफ़  कर दे करुणाकर,

अक्ल न आई समय के रहते, 
क्या  होगा   पीछे  पछताकर,

समझ की खिड़की बंद पड़ी है, 
क्या  कर  लेंगे  स्वयं  दिवाकर,

शंकाओं  के  बादल   घिरकर, 
ढक   देते   हैं   पूर्ण  सुधाकर,

शांति बिना सब वैभव फीका, 
व्यापक  सत्य  सदैव  चराचर,

तारतम्य  बिन  सफर  अधूरा, 
चलना पड़ता कदम मिलाकर,

अंतर्मुख   हो  जाओ  'गुंजन',
अंतर्घट  हैं   परम   विभाकर,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#क्या होगा पीछे पछताकर#

11 Love

मोबाइल में हमारा क्या-क्या छीन लिया

126 View

#तजुर्बा #जिंदगी #Motivational #motivatation #Exploration  क्यों डरे जिंदगी में क्या होगा 
कुछ न होगा तो तजुर्बा होगा

©aaj_ki_peshkash

क्यों डरे #जिंदगी में क्या होगा कुछ न होगा तो #तजुर्बा होगा #Exploration #life #motivatation

225 View

#शायरी #ठीक  Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. तुम्हारे रंग देखे हैं ग़ुलाबी हैं
तेरी आँखें यकीं मानों शराबी हैं
अभी कुछ और कहना ठीक होगा क्या.....

©malay_28

#ठीक होगा क्या...

126 View

मुद्दतें लाख बुरा चाहे तो क्या होगा, पहले प्यार फिर व्यापार अंत में धोखा होगा..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #SunSet  मुद्दतें लाख बुरा चाहे तो क्या होगा,
पहले प्यार फिर व्यापार
अंत में धोखा होगा..!

©Himanshu Prajapati

#SunSet मुद्दतें लाख बुरा चाहे तो क्या होगा, पहले प्यार फिर व्यापार अंत में धोखा होगा..!

13 Love

#उपहार #शायरी  क्या ख़ूब होगा जिस दिन तेरा दीदार होगा, एक दीवाने के लिए इससे बड़ा क्या उपहार होगा...





❤️

©Chaurasiya4386

क्या ख़ूब होगा जिस दिन तेरा दीदार होगा, एक दीवाने के लिए इससे बड़ा क्या #उपहार होगा..

7,335 View

गलती कर देता हूँ आकर, झुक जाता हर बात भुलाकर, हो जाए जब सजा मुक़र्रर, भूल माफ़ कर दे करुणाकर, अक्ल न आई समय के रहते, क्या होगा पीछे पछताकर, समझ की खिड़की बंद पड़ी है, क्या कर लेंगे स्वयं दिवाकर, शंकाओं के बादल घिरकर, ढक देते हैं पूर्ण सुधाकर, शांति बिना सब वैभव फीका, व्यापक सत्य सदैव चराचर, तारतम्य बिन सफर अधूरा, चलना पड़ता कदम मिलाकर, अंतर्मुख हो जाओ 'गुंजन', अंतर्घट हैं परम विभाकर, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #क्या  गलती  कर   देता  हूँ  आकर, 
झुक जाता हर बात भुलाकर,

हो  जाए  जब  सजा  मुक़र्रर,
भूल  माफ़  कर दे करुणाकर,

अक्ल न आई समय के रहते, 
क्या  होगा   पीछे  पछताकर,

समझ की खिड़की बंद पड़ी है, 
क्या  कर  लेंगे  स्वयं  दिवाकर,

शंकाओं  के  बादल   घिरकर, 
ढक   देते   हैं   पूर्ण  सुधाकर,

शांति बिना सब वैभव फीका, 
व्यापक  सत्य  सदैव  चराचर,

तारतम्य  बिन  सफर  अधूरा, 
चलना पड़ता कदम मिलाकर,

अंतर्मुख   हो  जाओ  'गुंजन',
अंतर्घट  हैं   परम   विभाकर,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#क्या होगा पीछे पछताकर#

11 Love

मोबाइल में हमारा क्या-क्या छीन लिया

126 View

Trending Topic