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New आया सावन आया बादल छाया Status, Photo, Video

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#शायरी

सुहाना सावन बेरंग

90 View

#कविता #तेरे #छाया #आंचल #मां #की  White ओ मां तेरे आंचल की छाया, मेरे सिर पे हमेशा तुम रखना।
तुझसे है ये जीवन मां मेरा, बिन तेरे ये जीवन कुछ भी न।।

©दूध नाथ वरुण

White बादल सिर्फ आकाश में ही नहीं होते हमारे जीवन में भी होती हैं। सुख के बादल, दुःख की काले बादल, ये तो क्षण - क्षण बदलते रहते हैं। कभी सुख तो कभी दुःख पर दुःख में जो अपना विवेक खो दे, उसे खुद के व्यवहार पर एक बार विचार करना चाहिए। दुःख में किया गया बुरा व्यवहार, और विवेकहीन फैसले अक्सर भारी क्षति करते हैं। ©Kalpana Srivastava

#विचार #बादल  White बादल सिर्फ आकाश में ही नहीं होते 
हमारे जीवन में भी होती हैं।
सुख के बादल, दुःख की काले बादल,
ये तो क्षण - क्षण बदलते रहते हैं।
कभी सुख तो कभी दुःख 
पर दुःख में जो अपना विवेक खो दे,
उसे खुद के व्यवहार पर एक बार विचार 
करना चाहिए।
दुःख में किया गया बुरा व्यवहार, और 
विवेकहीन फैसले अक्सर भारी क्षति करते हैं।

©Kalpana Srivastava

#बादल

16 Love

#वृक्ष #विचार  हमारी राह मे बाधा कोई दुसरा नही बनता
हम खुद अपने आप बनते है,
हम हि जिम्मेदार होते है अपनी कमियो के
आलस ,क्रोध,काम की वासना,
किसी दुसरे कि प्रगती से 
सीखने कि बजाय  चिड़ना..
यहि वो कारण होते है जो 
हमारे लक्ष मे बाधा बनते है
अत हमे व्रक्ष कि भाती फल भी देने है छाया भी और आवश्यकता पढ़ने पर लकड़ी भी..!!

©SHI.V.A 369

#वृक्ष की छाया

90 View

घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना और कनखियों से मुझे भी देखना मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी सब कुछ याद है मुझे याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के अपनी हथेलियों को गीला कर लेना और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना और मेरे मन को भिगो देना..... ©Richa Dhar

#शायरी #loyalty  घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी
वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है
काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ
खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना
और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना
और कनखियों से मुझे भी देखना
मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को
और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी
सब कुछ याद है मुझे
याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के
अपनी हथेलियों को गीला कर लेना
और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके
मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना
और मेरे मन को भिगो देना.....

©Richa Dhar

#loyalty सावन की घटा

16 Love

#Dhund  सावन भादों घिर आते है
जब अपने भी जेठ आसाढ बन जाते हैं।।

©लेखक ओझा

#Dhund सावन भादो

153 View

#शायरी

सुहाना सावन बेरंग

90 View

#कविता #तेरे #छाया #आंचल #मां #की  White ओ मां तेरे आंचल की छाया, मेरे सिर पे हमेशा तुम रखना।
तुझसे है ये जीवन मां मेरा, बिन तेरे ये जीवन कुछ भी न।।

©दूध नाथ वरुण

White बादल सिर्फ आकाश में ही नहीं होते हमारे जीवन में भी होती हैं। सुख के बादल, दुःख की काले बादल, ये तो क्षण - क्षण बदलते रहते हैं। कभी सुख तो कभी दुःख पर दुःख में जो अपना विवेक खो दे, उसे खुद के व्यवहार पर एक बार विचार करना चाहिए। दुःख में किया गया बुरा व्यवहार, और विवेकहीन फैसले अक्सर भारी क्षति करते हैं। ©Kalpana Srivastava

#विचार #बादल  White बादल सिर्फ आकाश में ही नहीं होते 
हमारे जीवन में भी होती हैं।
सुख के बादल, दुःख की काले बादल,
ये तो क्षण - क्षण बदलते रहते हैं।
कभी सुख तो कभी दुःख 
पर दुःख में जो अपना विवेक खो दे,
उसे खुद के व्यवहार पर एक बार विचार 
करना चाहिए।
दुःख में किया गया बुरा व्यवहार, और 
विवेकहीन फैसले अक्सर भारी क्षति करते हैं।

©Kalpana Srivastava

#बादल

16 Love

#वृक्ष #विचार  हमारी राह मे बाधा कोई दुसरा नही बनता
हम खुद अपने आप बनते है,
हम हि जिम्मेदार होते है अपनी कमियो के
आलस ,क्रोध,काम की वासना,
किसी दुसरे कि प्रगती से 
सीखने कि बजाय  चिड़ना..
यहि वो कारण होते है जो 
हमारे लक्ष मे बाधा बनते है
अत हमे व्रक्ष कि भाती फल भी देने है छाया भी और आवश्यकता पढ़ने पर लकड़ी भी..!!

©SHI.V.A 369

#वृक्ष की छाया

90 View

घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना और कनखियों से मुझे भी देखना मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी सब कुछ याद है मुझे याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के अपनी हथेलियों को गीला कर लेना और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना और मेरे मन को भिगो देना..... ©Richa Dhar

#शायरी #loyalty  घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी
वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है
काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ
खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना
और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना
और कनखियों से मुझे भी देखना
मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को
और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी
सब कुछ याद है मुझे
याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के
अपनी हथेलियों को गीला कर लेना
और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके
मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना
और मेरे मन को भिगो देना.....

©Richa Dhar

#loyalty सावन की घटा

16 Love

#Dhund  सावन भादों घिर आते है
जब अपने भी जेठ आसाढ बन जाते हैं।।

©लेखक ओझा

#Dhund सावन भादो

153 View

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