White // योग गीत //
महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण।
पुण्य कर्म से पाया यह तन,मोल तो इसका मानो।
किसमें है सुख जीवन का,यह रहस्य तो जानो।
साधारण से जीवन को, करता योग महान।
महिमा समझो योग की..........
दिव्य धरा है भारत भूमि, सकल ज्ञान की खान।
सिध्द पुरुष आए यहाँ, ध्यानी ज्ञानी महान।
सत्य सनातन संस्कृति ने, दिया विश्व को ज्ञान।
महिमा समझो योग की.......
पञ्च तत्व की काया मे, सब कुछ है तू जान।
साधारण सी बात नहीं, है बहुत बड़ा विज्ञान।
अपने अंदर छिपी हुई, इस शक्ति को तू जान।
महिमा समझो योग की......
अंधियारे को दूर भगाता, जीवन ज्योतिर्मय करता है।
सत्य मार्ग पर पहुँचाता,अमर हमें यह करता है।
आत्मसात कर योग को, तू करले अमृत पान।
महिमा समझो योग की...........
युवा वर्ग तुम देश के, हो भारत की शान।
नष्ट न हो व्यसनों में,जीवन अपना महान।
बहुत हैं आशाएँ तुमसे, चुन लो लक्ष्य महान।
महिमा समझो योग की, जिसमे है कल्याण।।
.... इंजी. शिवेन्द्र शर्मा
©shivendra sharma
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