White रिश्तेदारो के रिश्ते से,
अब संभल रहा़ हू़..
देखकर तुम्हारा झूठा अपनापन,
खुद को अब बदल रहा़ हू..
ना तुम्हारी मोहब्बत अच्छी,
ना ही तुम्हारा लिहाज़ अच्छा..
बचपन से जो जख़म दिये है तुमने
अब, जाकर समझ पाया है ये बच्चा..
मां–बाप गरी़ब थे मेरे,
तो सब कुछ तुम बोलते रहे..
तुम्हारे दौलत के तरा़जू मे
गरीबी हमारी तोलते रहे..
मुसीबत मे जब पडती थी जरूरत तुम्हारी,
तुम हसकर तमाशा देखते रहे..
देखली तुम्हारी रिश्तेदारी,
देखली तुम्हारी वफादारी..
लेकीन, मै जरूर आउंगा तुम सब से मिलने
जब सारी दुनिया कर रही होगी
हमारे जीत की तैयारी। जीत की तैयारी।
©Silent Killer..
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