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लोग दूसरों को झूट बोलकर आपने आप को ठोगता हैं। ©Kalpana Uriya

#विचार  लोग दूसरों को झूट बोलकर आपने आप को ठोगता हैं।

©Kalpana Uriya

jhut ki पीछे का पर्दा।

9 Love

#कविता  White ये तुम बार बार पीछे मुड़ कर क्या देख रहे हो 

अरे वही देखे भाले लोग हैँ  सब तरफ 
और ये दुनिया भी कोई अभी नहीं बनी हैँ

©Arora PR

पीछे मुड़ कर

135 View

#प्रेरक

एक दिन पीठ पीछे झाडू बांधना और गले में हांडी लटकाना और घूमने फिर बताना की देवी देवता की कृपा अच्छी थी या बाबा साहब की

99 View

लहरें किनारे तक आ पहुंची मछलियां भी बेहकर आ जाए मैं उसे भुलाकर अपने मुकाम तक पहुंचना चाहूं उसकी यादें मेरे पीछे-पीछे चली आये ©Rajesh Khanna

#fisherman  लहरें किनारे तक आ पहुंची
मछलियां भी बेहकर आ जाए
मैं उसे भुलाकर अपने मुकाम तक पहुंचना चाहूं
उसकी यादें मेरे पीछे-पीछे चली आये

©Rajesh Khanna

#fisherman मेरे पीछे-पीछे

16 Love

#तुम्हारे #शायरी #पीछे #ठीक  ज़िंदगी में जब कोई खुशी मिले तुमको,
तुमको बाहों में भरने ठीक तुम्हारे पीछे खड़ा हूं।
जब भी कोई ग़म सताने आ जाए तुमको,
उससे सामना करने के लिए तुम्हारे आगे अड़ा हूं।

©Amit Singhal "Aseemit"

गलती कर देता हूँ आकर, झुक जाता हर बात भुलाकर, हो जाए जब सजा मुक़र्रर, भूल माफ़ कर दे करुणाकर, अक्ल न आई समय के रहते, क्या होगा पीछे पछताकर, समझ की खिड़की बंद पड़ी है, क्या कर लेंगे स्वयं दिवाकर, शंकाओं के बादल घिरकर, ढक देते हैं पूर्ण सुधाकर, शांति बिना सब वैभव फीका, व्यापक सत्य सदैव चराचर, तारतम्य बिन सफर अधूरा, चलना पड़ता कदम मिलाकर, अंतर्मुख हो जाओ 'गुंजन', अंतर्घट हैं परम विभाकर, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #क्या  गलती  कर   देता  हूँ  आकर, 
झुक जाता हर बात भुलाकर,

हो  जाए  जब  सजा  मुक़र्रर,
भूल  माफ़  कर दे करुणाकर,

अक्ल न आई समय के रहते, 
क्या  होगा   पीछे  पछताकर,

समझ की खिड़की बंद पड़ी है, 
क्या  कर  लेंगे  स्वयं  दिवाकर,

शंकाओं  के  बादल   घिरकर, 
ढक   देते   हैं   पूर्ण  सुधाकर,

शांति बिना सब वैभव फीका, 
व्यापक  सत्य  सदैव  चराचर,

तारतम्य  बिन  सफर  अधूरा, 
चलना पड़ता कदम मिलाकर,

अंतर्मुख   हो  जाओ  'गुंजन',
अंतर्घट  हैं   परम   विभाकर,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#क्या होगा पीछे पछताकर#

11 Love

लोग दूसरों को झूट बोलकर आपने आप को ठोगता हैं। ©Kalpana Uriya

#विचार  लोग दूसरों को झूट बोलकर आपने आप को ठोगता हैं।

©Kalpana Uriya

jhut ki पीछे का पर्दा।

9 Love

#कविता  White ये तुम बार बार पीछे मुड़ कर क्या देख रहे हो 

अरे वही देखे भाले लोग हैँ  सब तरफ 
और ये दुनिया भी कोई अभी नहीं बनी हैँ

©Arora PR

पीछे मुड़ कर

135 View

#प्रेरक

एक दिन पीठ पीछे झाडू बांधना और गले में हांडी लटकाना और घूमने फिर बताना की देवी देवता की कृपा अच्छी थी या बाबा साहब की

99 View

लहरें किनारे तक आ पहुंची मछलियां भी बेहकर आ जाए मैं उसे भुलाकर अपने मुकाम तक पहुंचना चाहूं उसकी यादें मेरे पीछे-पीछे चली आये ©Rajesh Khanna

#fisherman  लहरें किनारे तक आ पहुंची
मछलियां भी बेहकर आ जाए
मैं उसे भुलाकर अपने मुकाम तक पहुंचना चाहूं
उसकी यादें मेरे पीछे-पीछे चली आये

©Rajesh Khanna

#fisherman मेरे पीछे-पीछे

16 Love

#तुम्हारे #शायरी #पीछे #ठीक  ज़िंदगी में जब कोई खुशी मिले तुमको,
तुमको बाहों में भरने ठीक तुम्हारे पीछे खड़ा हूं।
जब भी कोई ग़म सताने आ जाए तुमको,
उससे सामना करने के लिए तुम्हारे आगे अड़ा हूं।

©Amit Singhal "Aseemit"

गलती कर देता हूँ आकर, झुक जाता हर बात भुलाकर, हो जाए जब सजा मुक़र्रर, भूल माफ़ कर दे करुणाकर, अक्ल न आई समय के रहते, क्या होगा पीछे पछताकर, समझ की खिड़की बंद पड़ी है, क्या कर लेंगे स्वयं दिवाकर, शंकाओं के बादल घिरकर, ढक देते हैं पूर्ण सुधाकर, शांति बिना सब वैभव फीका, व्यापक सत्य सदैव चराचर, तारतम्य बिन सफर अधूरा, चलना पड़ता कदम मिलाकर, अंतर्मुख हो जाओ 'गुंजन', अंतर्घट हैं परम विभाकर, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #क्या  गलती  कर   देता  हूँ  आकर, 
झुक जाता हर बात भुलाकर,

हो  जाए  जब  सजा  मुक़र्रर,
भूल  माफ़  कर दे करुणाकर,

अक्ल न आई समय के रहते, 
क्या  होगा   पीछे  पछताकर,

समझ की खिड़की बंद पड़ी है, 
क्या  कर  लेंगे  स्वयं  दिवाकर,

शंकाओं  के  बादल   घिरकर, 
ढक   देते   हैं   पूर्ण  सुधाकर,

शांति बिना सब वैभव फीका, 
व्यापक  सत्य  सदैव  चराचर,

तारतम्य  बिन  सफर  अधूरा, 
चलना पड़ता कदम मिलाकर,

अंतर्मुख   हो  जाओ  'गुंजन',
अंतर्घट  हैं   परम   विभाकर,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#क्या होगा पीछे पछताकर#

11 Love

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