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New सेहरा बांध के आया हूं मैं Status, Photo, Video

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#शायरी #love_shayari #sknaimali  White मेरी जिंदगी बस जिंदगी है इसमें मैं कहा हूं, येजो में अपनी बात करता हूं इसमें मैं कहां हूं,  मैं कोन हूं मैं कहा हूं ,बस अगर मैं हूं तो सुकून से जीना चाहता हूं।

©SK Naim Ali

मैं कोन हूं मैं कहां हूं।#love_shayari #sknaimali 'दर्द भरी शायरी'

90 View

White नारी हूं मैं...... जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं, माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं। दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं, स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना, पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। हा नारी हूं मैं अकेली नहीं। ©Heer

#women_equality_day #नारी  White 
नारी हूं मैं......

जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं,
माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। 
हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं।

दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं,
स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। 
ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। 
हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। 

समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, 
साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना,
पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। 
हा नारी हूं मैं अकेली नहीं।

©Heer

#women_equality_day #नारी हूं मैं

20 Love

#ashathegoldenbird #विचार

निकल पड़ी हूं मैं #ashathegoldenbird

126 View

#shayri  White जितने बड़े इनके मकान, दिल के उतने छोटे हैं, 
जितने बड़े इनके मकान, दिल के उतने छोटे हैं,
एक एक पैसे को ये सुबह शाम रोते हैं.
ऐसे लोग अक्सर क्यूं मकान मालिक होते हैं,

क्यूं सीढियों की लाइट तुमने थी ऑन छोड़ी,
 10 साल पुरानी खिड़की थी तुमने इनकी तोड़ी,
जंग से लदा जो गेट है, तुमने है जाम कराया, 
ऐसी जगह लोग अक्सर, मकान ले के रोते हैं,
ऐसे लोग अक्सर क्यूं, मकान मालिक होते हैं,

सारे शहर की बिजली है 7 रूपये की यूनिट,
इक इनके ही यहां पे बिजली है आती यूनीक, 
ये 9रुपया हैं लेते, और उसमें भी कमाते, 
इस तरह से अपना AC, ye  फ्री में हैं चलाते.
ऐसे लोग अक्सर क्यूं, मकान मालिक होते हैं..

©Pankaj Pahwa

#shayri वादे के मुताबिक पूरा कर रहा हूं, जो था अधूरा छोड़ा उसको मैं पढ़ रहा हूं... @Kshitija

6,390 View

#VKB  यहां पत्थर के सौदागर है, मैं काँच बेचने आया हूं, 

झूठों के बाज़ार में यारों, सांच बेचने आया हूं!

सौदा ऐसा है मेरा, पूँजी घाटे में चल रही,

लोग दूध से जलकर बैठे हैं, मैं छाछ बेचने आया हूं!!

©Er VKB Shayar

यहां पत्थर के सौदागर है, मैं काँच बेचने आया हूं, झूठों के बाज़ार में यारों, सांच बेचने आया हूं! सौदा ऐसा है मेरा, पूँजी घाटे में चल रही, लो

180 View

#कविता  White आज मन उलझा है,
       बवाल बहुत हैं !!
              जवाब मिलेंगे क्या,
                      सवाल बहुत हैं ???

वो भूल गया है - मुझे बनाकर शायद,
खुद की पहचान की - मोहताज हूँ मैं।

कि सुकून नहीं - किसकी तलाश में हूँ,
शायद किसी मासूम से सपने की - आस हूँ मैं।

मुस्कुराने की कोई वजह - समझ नहीं आती,
बीते हुए बेहतरीन लम्हों की - प्यास हूँ मैं।

खोजने बैठूँ तो - कई हिस्से निकल आते हैं,
जाने कितने किस्सों की - तलाश हूँ मैं।

गर वफ़ा है तो मुझे - मिलती क्यूँ नहीं,
ये हुकुम, इक्का, गुलाम - क्या ताश हूँ मैं।

या हूँ चातक सी बस - एक नक्षत्र की आस में,
या किसी की,मुहब्बत की - तलाश हूँ मैं ...!!!

🍁🍁🍁

©Neel

तलाश हूं मैं 🍁

1,152 View

#शायरी #love_shayari #sknaimali  White मेरी जिंदगी बस जिंदगी है इसमें मैं कहा हूं, येजो में अपनी बात करता हूं इसमें मैं कहां हूं,  मैं कोन हूं मैं कहा हूं ,बस अगर मैं हूं तो सुकून से जीना चाहता हूं।

©SK Naim Ali

मैं कोन हूं मैं कहां हूं।#love_shayari #sknaimali 'दर्द भरी शायरी'

90 View

White नारी हूं मैं...... जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं, माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं। दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं, स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना, पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। हा नारी हूं मैं अकेली नहीं। ©Heer

#women_equality_day #नारी  White 
नारी हूं मैं......

जननी मैं, जीवन भी मैं, करूणा का सागर भी मैं,
माना जज्बातों पर जोर नहीं, मगर सशक्त हूं तलवार हूं मैं। 
हा नारी हूं मैं कमज़ोर नहीं मैं।

दर्पण मैं और अक्स भी मैं, झुक जाऊं ऐसी डाल नहीं मैं,
स्वाभिमान मुझे है प्यारा, आंखो का हूं में तारा। 
ऐसा कोई शख्स नहीं, जो टूट कर बिखर जाऊं मैं। 
हा नारी हूं मै आत्मनिर्भर भी हूं मैं। 

समझना ना मुझको अधूरी, मैं तो हूं खुद में पूरी, 
साथ अगर जो चलना हो तो, हाथ तभी तुम थामना,
पीछे हटना मुझे नहीं गवारा, एक बार पकड़ा हाथ जो। 
हा नारी हूं मैं अकेली नहीं।

©Heer

#women_equality_day #नारी हूं मैं

20 Love

#ashathegoldenbird #विचार

निकल पड़ी हूं मैं #ashathegoldenbird

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#shayri  White जितने बड़े इनके मकान, दिल के उतने छोटे हैं, 
जितने बड़े इनके मकान, दिल के उतने छोटे हैं,
एक एक पैसे को ये सुबह शाम रोते हैं.
ऐसे लोग अक्सर क्यूं मकान मालिक होते हैं,

क्यूं सीढियों की लाइट तुमने थी ऑन छोड़ी,
 10 साल पुरानी खिड़की थी तुमने इनकी तोड़ी,
जंग से लदा जो गेट है, तुमने है जाम कराया, 
ऐसी जगह लोग अक्सर, मकान ले के रोते हैं,
ऐसे लोग अक्सर क्यूं, मकान मालिक होते हैं,

सारे शहर की बिजली है 7 रूपये की यूनिट,
इक इनके ही यहां पे बिजली है आती यूनीक, 
ये 9रुपया हैं लेते, और उसमें भी कमाते, 
इस तरह से अपना AC, ye  फ्री में हैं चलाते.
ऐसे लोग अक्सर क्यूं, मकान मालिक होते हैं..

©Pankaj Pahwa

#shayri वादे के मुताबिक पूरा कर रहा हूं, जो था अधूरा छोड़ा उसको मैं पढ़ रहा हूं... @Kshitija

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#VKB  यहां पत्थर के सौदागर है, मैं काँच बेचने आया हूं, 

झूठों के बाज़ार में यारों, सांच बेचने आया हूं!

सौदा ऐसा है मेरा, पूँजी घाटे में चल रही,

लोग दूध से जलकर बैठे हैं, मैं छाछ बेचने आया हूं!!

©Er VKB Shayar

यहां पत्थर के सौदागर है, मैं काँच बेचने आया हूं, झूठों के बाज़ार में यारों, सांच बेचने आया हूं! सौदा ऐसा है मेरा, पूँजी घाटे में चल रही, लो

180 View

#कविता  White आज मन उलझा है,
       बवाल बहुत हैं !!
              जवाब मिलेंगे क्या,
                      सवाल बहुत हैं ???

वो भूल गया है - मुझे बनाकर शायद,
खुद की पहचान की - मोहताज हूँ मैं।

कि सुकून नहीं - किसकी तलाश में हूँ,
शायद किसी मासूम से सपने की - आस हूँ मैं।

मुस्कुराने की कोई वजह - समझ नहीं आती,
बीते हुए बेहतरीन लम्हों की - प्यास हूँ मैं।

खोजने बैठूँ तो - कई हिस्से निकल आते हैं,
जाने कितने किस्सों की - तलाश हूँ मैं।

गर वफ़ा है तो मुझे - मिलती क्यूँ नहीं,
ये हुकुम, इक्का, गुलाम - क्या ताश हूँ मैं।

या हूँ चातक सी बस - एक नक्षत्र की आस में,
या किसी की,मुहब्बत की - तलाश हूँ मैं ...!!!

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©Neel

तलाश हूं मैं 🍁

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