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New भगवान परशुराम का जीवन परिचय Status, Photo, Video

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#विचार  जब अस्पताल में रहना होता है।
जज्बात,आंसुओं को कहना होता है।
डाॅ. खुदाई लिबास पहना होता है।
सत्कर्म खुदा को सहना होता है।।

OT में,मरीज संग डॉ.जब होते हैं।
परिवारजन देवता को,सब ढोते हैं।
बहते आंसू को बाहर,कब रोते हैं?
हो सफल शल्य,अर्द्ध तब सोते हैं।।

उच्च लाभ लेने जब,रेफर होते है।
एंबुलेंस में सांस,फर फर होते है।
सुन सायरन आवाज,थर थर होते हैं।
पहुंचते ठिकाने तब,मनभर होते हैं।। 

वेंटीलेटर के अंक,ऊपर नीचे चलते है।
परिजनों के सांस_तार नीचे ढलते है।
O2,पल्स रेट,Bp अपना नृत्य करते हैं।
देख निगाहों से,गम भाव सब भरते हैं।।

कैथेटर से,तरल पदार्थ पिलाते हैं।
गटके बूंद तब,मन मन हर्षाते हैं।
इनपुट_आउटपुट रोज मिलाते हैं।
देख उन्हें डॉ. दिलाशा दिलाते हैं।।

जब मरीज,हलचल पैदा करता है।
तब वह,पुनर्जन्म सा भाव भरता है।
आंखों से लगे देखने,तब गम हरता है।
अस्पताल का जीवन,चक्र सा चलता है।।

कल्चर रिपोर्ट इन्फेक्शन जताती है।
खुशी सारी तब,गम में बदल जाती है।
तब एंटीबायोटिक,असर दिखाती है।
लैब रिपोर्ट, तरह तरह से नचाती है।।

NK गोरा,नरेंद्र जी जैसे चिकित्सक।
लगता है,जैसे ये भगवान हैं बेशक।
मरीज सेवा हेतु तत्पर रहते,देर तक।
खुदा उनपर मेहरबान रहे,जीने तक।।

भाई जिसने,बचपन में मुझे गोद उठाया।
घुमाया,फिराया,पढ़ाया,सिर सहलाया।
ऋण से उऋण होना,असमय वक्त आया।
भरेंगे किलकारी दोनों,भरोसा मुझे आया।।

 मोहन लाल सींवर

©मोहन लाल सींवर

अस्पताल का जीवन

153 View

#मोटिवेशनल  जब अस्पताल में रहना होता है।
जज्बात,आंसुओं को कहना होता है।
डाॅ. खुदाई लिबास पहना होता है।
सत्कर्म खुदा को सहना होता है।।

OT में,मरीज संग डॉ.जब होते हैं।
परिवारजन देवता को,सब ढोते हैं।
बहते आंसू को बाहर,कब रोते हैं?
हो सफल शल्य,अर्द्ध तब सोते हैं।।

उच्च लाभ लेने जब,रेफर होते है।
एंबुलेंस में सांस,फर फर होते है।
सुन सायरन आवाज,थर थर होते हैं।
पहुंचते ठिकाने तब,मनभर होते हैं।। 

वेंटीलेटर के अंक,ऊपर नीचे चलते है।
परिजनों के सांस_तार नीचे ढलते है।
O2,पल्स रेट,Bp अपना नृत्य करते हैं।
देख निगाहों से,गम भाव सब भरते हैं।।

कैथेटर से,तरल पदार्थ पिलाते हैं।
गटके बूंद तब,मन मन हर्षाते हैं।
इनपुट_आउटपुट रोज मिलाते हैं।
देख उन्हें डॉ. दिलाशा दिलाते हैं।।

जब मरीज,हलचल पैदा करता है।
तब वह,पुनर्जन्म सा भाव भरता है।
आंखों से लगे देखने,तब गम हरता है।
अस्पताल का जीवन,चक्र सा चलता है।।

कल्चर रिपोर्ट इन्फेक्शन जताती है।
खुशी सारी तब,गम में बदल जाती है।
तब एंटीबायोटिक,असर दिखाती है।
लैब रिपोर्ट, तरह तरह से नचाती है।।

NK गोरा,नरेंद्र जी जैसे चिकित्सक।
लगता है,जैसे ये भगवान हैं बेशक।
मरीज सेवा हेतु तत्पर रहते,देर तक।
खुदा उनपर मेहरबान रहे,जीने तक।।

भाई जिसने,बचपन में मुझे गोद उठाया।
घुमाया,फिराया,पढ़ाया,सिर सहलाया।
ऋण से उऋण होना,असमय वक्त आया।
भरेंगे किलकारी दोनों,भरोसा मुझे आया।।

 मोहन लाल सींवर

©मोहन लाल सींवर

अस्पताल का जीवन

162 View

#वीडियो #मछली

#मछली का जीवन @

135 View

#भक्ति  आप सभी को भगवान परशुराम जन्मोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएं

©आशुतोष पांडेय (Aashu) सनातनी

भगवान परशुराम जयंती की हार्दिक बधाई 🙏🙏🙏

126 View

#Quotes  अतुल्य शक्ति अतुल्य साहस के प्रमाण है
 श्री विष्णु के छठे अवतार
भगवान परशुराम के चरणों में बारम –बार प्रणाम है।।

©लेखक ओझा

भगवान परशुराम

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#विचार #retro  नाम-  डॉ. भगवान सहाय मीना
पिता - जगदीश नारायण मीना

जन्मतिथि - 02 मई, 1978

शिक्षा -(1) स्नातकोत्तर - 4 विषयों में -
                 1. हिंदी
                  2. राजस्थानी भाषा
                  3. इतिहास
                  4. भूगोल
(2) नेट/ जेआरएफ - 10 टाइम 

(3) बीएड़- हिंदी, नागरिक शास्त्र 

(4) पीएचडी - हिंदी ( हरिवंशराय बच्चन के साहित्य में सामाजिक चेतना)

पता - गांव- बाड़ा पदमपुरा, तहसील- चाकसू, जिला - जयपुर,राजस्थान।

सम्प्रति - वरिष्ठ अध्यापक हिंदी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेडारानीवास, कोटखावदा, जयपुर।

साहित्यिक उपल्ब्धि - 

1.अब तक 19 कृतियां प्रकाशित- 

1. हरिवंशराय बच्चन के साहित्य में सामाजिक चेतना (शोध ग्रंथ)
2. सामान्य हिन्दी विमर्श व्याकरण
3. सामान्य हिन्दी
4. राजस्थानी भाषा और साहित्य
5. अलंकार सौरभ ( भारतीय काव्य शास्त्र)
6. बेटे की चाहत( नाटक)
7. अमीषा (काव्य)
8. परिवर्तन जीवन का सार ( कथा संग्रह)
9. स्वर्णाभ ( काव्य संग्रह)
10. उम्मीद का सूरज ( काव्य संग्रह)
11. काव्य रश्मियां (काव्य संग्रह)
12. काव्यात्मक अहसास(काव्य संग्रह)
13. महाकाव्यमेध ( काव्य संग्रह)
14. प्रीत की पाती ( काव्य संग्रह)
15.स्पंदन ( काव्य संग्रह)
16. स्पंदन -2 ( काव्य संग्रह)
17. बलिदान को नमन ( काव्य संग्रह)
18. साहित्य सरिता ( काव्य संग्रह)
19. चातक की प्यास ( काव्य संग्रह)

2.अब तक 25 राज्यों में 500 से अधिक रचनाएं विभिन्न समाचार पत्रों/ पत्रिकाओं में प्रकाशित ।

3.अब तक अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा में रचनाएं प्रकाशित।

4.आकाशवाणी जयपुर पर कई वार्ताएं प्रसारित।

5. अब तक साहित्य के क्षेत्र में *भारत भारती सम्मान*  सहित 250 से अधिक सम्मान पत्र/ पुरस्कार मिल चुके ।

©Dr. Bhagwan Sahay Meena
#विचार  जब अस्पताल में रहना होता है।
जज्बात,आंसुओं को कहना होता है।
डाॅ. खुदाई लिबास पहना होता है।
सत्कर्म खुदा को सहना होता है।।

OT में,मरीज संग डॉ.जब होते हैं।
परिवारजन देवता को,सब ढोते हैं।
बहते आंसू को बाहर,कब रोते हैं?
हो सफल शल्य,अर्द्ध तब सोते हैं।।

उच्च लाभ लेने जब,रेफर होते है।
एंबुलेंस में सांस,फर फर होते है।
सुन सायरन आवाज,थर थर होते हैं।
पहुंचते ठिकाने तब,मनभर होते हैं।। 

वेंटीलेटर के अंक,ऊपर नीचे चलते है।
परिजनों के सांस_तार नीचे ढलते है।
O2,पल्स रेट,Bp अपना नृत्य करते हैं।
देख निगाहों से,गम भाव सब भरते हैं।।

कैथेटर से,तरल पदार्थ पिलाते हैं।
गटके बूंद तब,मन मन हर्षाते हैं।
इनपुट_आउटपुट रोज मिलाते हैं।
देख उन्हें डॉ. दिलाशा दिलाते हैं।।

जब मरीज,हलचल पैदा करता है।
तब वह,पुनर्जन्म सा भाव भरता है।
आंखों से लगे देखने,तब गम हरता है।
अस्पताल का जीवन,चक्र सा चलता है।।

कल्चर रिपोर्ट इन्फेक्शन जताती है।
खुशी सारी तब,गम में बदल जाती है।
तब एंटीबायोटिक,असर दिखाती है।
लैब रिपोर्ट, तरह तरह से नचाती है।।

NK गोरा,नरेंद्र जी जैसे चिकित्सक।
लगता है,जैसे ये भगवान हैं बेशक।
मरीज सेवा हेतु तत्पर रहते,देर तक।
खुदा उनपर मेहरबान रहे,जीने तक।।

भाई जिसने,बचपन में मुझे गोद उठाया।
घुमाया,फिराया,पढ़ाया,सिर सहलाया।
ऋण से उऋण होना,असमय वक्त आया।
भरेंगे किलकारी दोनों,भरोसा मुझे आया।।

 मोहन लाल सींवर

©मोहन लाल सींवर

अस्पताल का जीवन

153 View

#मोटिवेशनल  जब अस्पताल में रहना होता है।
जज्बात,आंसुओं को कहना होता है।
डाॅ. खुदाई लिबास पहना होता है।
सत्कर्म खुदा को सहना होता है।।

OT में,मरीज संग डॉ.जब होते हैं।
परिवारजन देवता को,सब ढोते हैं।
बहते आंसू को बाहर,कब रोते हैं?
हो सफल शल्य,अर्द्ध तब सोते हैं।।

उच्च लाभ लेने जब,रेफर होते है।
एंबुलेंस में सांस,फर फर होते है।
सुन सायरन आवाज,थर थर होते हैं।
पहुंचते ठिकाने तब,मनभर होते हैं।। 

वेंटीलेटर के अंक,ऊपर नीचे चलते है।
परिजनों के सांस_तार नीचे ढलते है।
O2,पल्स रेट,Bp अपना नृत्य करते हैं।
देख निगाहों से,गम भाव सब भरते हैं।।

कैथेटर से,तरल पदार्थ पिलाते हैं।
गटके बूंद तब,मन मन हर्षाते हैं।
इनपुट_आउटपुट रोज मिलाते हैं।
देख उन्हें डॉ. दिलाशा दिलाते हैं।।

जब मरीज,हलचल पैदा करता है।
तब वह,पुनर्जन्म सा भाव भरता है।
आंखों से लगे देखने,तब गम हरता है।
अस्पताल का जीवन,चक्र सा चलता है।।

कल्चर रिपोर्ट इन्फेक्शन जताती है।
खुशी सारी तब,गम में बदल जाती है।
तब एंटीबायोटिक,असर दिखाती है।
लैब रिपोर्ट, तरह तरह से नचाती है।।

NK गोरा,नरेंद्र जी जैसे चिकित्सक।
लगता है,जैसे ये भगवान हैं बेशक।
मरीज सेवा हेतु तत्पर रहते,देर तक।
खुदा उनपर मेहरबान रहे,जीने तक।।

भाई जिसने,बचपन में मुझे गोद उठाया।
घुमाया,फिराया,पढ़ाया,सिर सहलाया।
ऋण से उऋण होना,असमय वक्त आया।
भरेंगे किलकारी दोनों,भरोसा मुझे आया।।

 मोहन लाल सींवर

©मोहन लाल सींवर

अस्पताल का जीवन

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#वीडियो #मछली

#मछली का जीवन @

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#भक्ति  आप सभी को भगवान परशुराम जन्मोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएं

©आशुतोष पांडेय (Aashu) सनातनी

भगवान परशुराम जयंती की हार्दिक बधाई 🙏🙏🙏

126 View

#Quotes  अतुल्य शक्ति अतुल्य साहस के प्रमाण है
 श्री विष्णु के छठे अवतार
भगवान परशुराम के चरणों में बारम –बार प्रणाम है।।

©लेखक ओझा

भगवान परशुराम

117 View

#विचार #retro  नाम-  डॉ. भगवान सहाय मीना
पिता - जगदीश नारायण मीना

जन्मतिथि - 02 मई, 1978

शिक्षा -(1) स्नातकोत्तर - 4 विषयों में -
                 1. हिंदी
                  2. राजस्थानी भाषा
                  3. इतिहास
                  4. भूगोल
(2) नेट/ जेआरएफ - 10 टाइम 

(3) बीएड़- हिंदी, नागरिक शास्त्र 

(4) पीएचडी - हिंदी ( हरिवंशराय बच्चन के साहित्य में सामाजिक चेतना)

पता - गांव- बाड़ा पदमपुरा, तहसील- चाकसू, जिला - जयपुर,राजस्थान।

सम्प्रति - वरिष्ठ अध्यापक हिंदी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेडारानीवास, कोटखावदा, जयपुर।

साहित्यिक उपल्ब्धि - 

1.अब तक 19 कृतियां प्रकाशित- 

1. हरिवंशराय बच्चन के साहित्य में सामाजिक चेतना (शोध ग्रंथ)
2. सामान्य हिन्दी विमर्श व्याकरण
3. सामान्य हिन्दी
4. राजस्थानी भाषा और साहित्य
5. अलंकार सौरभ ( भारतीय काव्य शास्त्र)
6. बेटे की चाहत( नाटक)
7. अमीषा (काव्य)
8. परिवर्तन जीवन का सार ( कथा संग्रह)
9. स्वर्णाभ ( काव्य संग्रह)
10. उम्मीद का सूरज ( काव्य संग्रह)
11. काव्य रश्मियां (काव्य संग्रह)
12. काव्यात्मक अहसास(काव्य संग्रह)
13. महाकाव्यमेध ( काव्य संग्रह)
14. प्रीत की पाती ( काव्य संग्रह)
15.स्पंदन ( काव्य संग्रह)
16. स्पंदन -2 ( काव्य संग्रह)
17. बलिदान को नमन ( काव्य संग्रह)
18. साहित्य सरिता ( काव्य संग्रह)
19. चातक की प्यास ( काव्य संग्रह)

2.अब तक 25 राज्यों में 500 से अधिक रचनाएं विभिन्न समाचार पत्रों/ पत्रिकाओं में प्रकाशित ।

3.अब तक अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा में रचनाएं प्रकाशित।

4.आकाशवाणी जयपुर पर कई वार्ताएं प्रसारित।

5. अब तक साहित्य के क्षेत्र में *भारत भारती सम्मान*  सहित 250 से अधिक सम्मान पत्र/ पुरस्कार मिल चुके ।

©Dr. Bhagwan Sahay Meena
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