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New श्रावणात घन निळा बरसला Status, Photo, Video

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घन नभ हे उधाणले कसे करडा कापूस पिंजला जसे साठल्या गाठी किती दाटून तयाच हृदयी गच्च भरलेले हे मन वाटे बरसणार जोरदार आता न कडकडाट न गडगडाट नुसत रिपरिप बरसते हे घन #RainyDays_& clouds/घन 🌧️🌧️💙💚 ©Jaymala Bharkade

#मराठीकविता #RainyDays_ #rainydays  घन 

नभ हे उधाणले कसे
 करडा कापूस पिंजला जसे 
साठल्या गाठी किती  
दाटून तयाच  हृदयी 

गच्च  भरलेले हे मन 
वाटे बरसणार जोरदार आता 
  न कडकडाट न  गडगडाट 
नुसत रिपरिप बरसते हे घन


#RainyDays_& clouds/घन
🌧️🌧️💙💚

©Jaymala Bharkade

#rainydays...clouds/घन

1 Love

#Motivational #motivatation #Trending  White स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे
खुद से खुद का मन मोड़ रहे
पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में
डगमग करते देह छोड़ रहे
..पर ..
आकाश पवन में उड़ता देखा
बाधाओं से भिड़ते देखा
चिंगारी लिए जिगर में
शमशीरों को लड़ते देखा
उम्मीदों के सागर में
जज्बातों के गागर में
मिट्टी मिट्टी रोता जग
आखों से मोती खोता खग
घन तिमिर के काले वन में
हिम्मत की मशाल जला
उठा शस्त्र और उतर रण में
मानव स्वप्न साकार करने चला

©kumar shivam hindustani

स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे पर आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओ

135 View

घन नभ हे उधाणले कसे करडा कापूस पिंजला जसे साठल्या गाठी किती दाटून तयाच हृदयी गच्च भरलेले हे मन वाटे बरसणार जोरदार आता न कडकडाट न गडगडाट नुसत रिपरिप बरसते हे घन #RainyDays_& clouds/घन 🌧️🌧️💙💚 ©Jaymala Bharkade

#मराठीकविता #RainyDays_ #rainydays  घन 

नभ हे उधाणले कसे
 करडा कापूस पिंजला जसे 
साठल्या गाठी किती  
दाटून तयाच  हृदयी 

गच्च  भरलेले हे मन 
वाटे बरसणार जोरदार आता 
  न कडकडाट न  गडगडाट 
नुसत रिपरिप बरसते हे घन


#RainyDays_& clouds/घन
🌧️🌧️💙💚

©Jaymala Bharkade

#rainydays...clouds/घन

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#Motivational #motivatation #Trending  White स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे
खुद से खुद का मन मोड़ रहे
पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में
डगमग करते देह छोड़ रहे
..पर ..
आकाश पवन में उड़ता देखा
बाधाओं से भिड़ते देखा
चिंगारी लिए जिगर में
शमशीरों को लड़ते देखा
उम्मीदों के सागर में
जज्बातों के गागर में
मिट्टी मिट्टी रोता जग
आखों से मोती खोता खग
घन तिमिर के काले वन में
हिम्मत की मशाल जला
उठा शस्त्र और उतर रण में
मानव स्वप्न साकार करने चला

©kumar shivam hindustani

स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे पर आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओ

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