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free fire max free

90 View

White मर जाने जैसा वक्त हंसकर गुजारा मैंने.. अब किसी की क्या मजाल जो तोड़ दे मुझे..! ©_Writer_Sharda_

#Free  White मर जाने जैसा वक्त हंसकर गुजारा मैंने..
अब किसी की क्या मजाल जो तोड़ दे मुझे..!

©_Writer_Sharda_

#Free

16 Love

#विचार #Free  White आपका परिश्रम और आपकी मेहनत 
अर्जित किया हुआ ज्ञान 
आपके जीवन में एक नई ऊर्जा प्रदान करते हैं 
अर्जित किया हुआ ज्ञान इंसान के अंतिम क्षण तक 
 उसके साथ चलता है 
ज्ञानी पुरुष जो भी हुए उन्होंने मेहनत किया 
 उन्होंने अपने ही क्षेत्र में परिश्रम किया
 जिसने जिस क्षेत्र में परिश्रम किया 
वह क्षेत्र में सफल होता है 
लगन होनी चाहिए परिश्रम के प्रति
बुद्धि और परिश्रम दोनों सार्थक हो 
सफलता आपके हाथ में होती है
copyright picture 

Shabd mere vichar aapke

©Anup ji star

#Free

198 View

#Videos #Free  White 🏵सज्जन व्यक्ति के गुण🏵

 नगर में एक विद्वान व्यक्ति था।  उन्होंने बहुत कुछ पढ़ा था और अपने ज्ञान के बल पर जो लोग उन्हें देखते थे, उनकी आलोचना भी करते थे।  वह उनसे बातें करते थे.  वह उन्हें अपने तर्क के जाल में फंसा रहा था.  वह उनकी बातों में ग़लतियाँ निकालता था और उन्हें अपमानित करता था।  वह छोटी सी बात पर भी झगड़े की फिराक में था.  वह उनसे बहस करके उन्हें हरा देता था।  और वह शेखी बघार रहा था कि वह बहुत बड़ा विद्वान है।
 एक बार उन्होंने सड़क से गुजर रहे एक किसान को बुलाया।  करीब आते ही किसान ने उससे पूछा।  'आप वेद हैं
 क्या आपने इसे पढ़ा है?'
 'नहीं सर, मैंने नहीं पढ़ा...' किसान जवाब देता है।
 'क्या तुमने पुराण शास्त्र पढ़े हैं?'
 'नहीं सर, मैंने नहीं पढ़ा...'
 क्या आपने महाकाव्य मीमांसे, तर्क, व्याकरण आदि पढ़े हैं?  पंडित अकड़ कर पूछता है.
 नहीं, महास्वामी, मुझे उन्हें पढ़ने का कभी मौका नहीं मिला, किसान कहते हैं।
 आपका पूरा जीवन नंगे खेतों को जोतने में बीता।
 व्यक्ति इससे क्या सीखता है?  आपकी अज्ञानता नहीं जानती कि क्या कहें।  सारा जीवन व्यर्थ चला गया.... मुझे देखो, लोग उसे कितना सम्मान देते हैं, वह किसान पर ताना मारता है।
 तब किसान कहता है- निज स्वामी आपसे लोगों को ज्ञान मिलेगा।  ज्ञान बढ़ता है.  लेकिन भूख लगने पर आपको खाना भी बनाना पड़ता है।  खाना पकाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है।  चाहे विद्वान हों, अधिकारी हों, व्यापारी हों या डॉक्टर हों, सभी को किसान का उगाया हुआ अन्न खाना चाहिए।  उन्होंने गर्व से कहा कि किसान के बिना यह दुनिया नहीं चल सकती।

©Aneesha

#Free

90 View

#शायरी #Free  White इश्क़ में खेल खेलना आदत नहीं मेरी 
सच्चे दिलसे करता हुँ मैं इबादत तेरी 
अनिका तुझे कुछ बनते देखना है मुझे 
खुदको रोख रहा हुँ समझले मेरी मज़बूरी

©Sangam Pipe Line Wala

#Free

117 View

White हसरतें न ज्यादा पालो मुझसे कच्ची दीवार सा हूँ ढह जाऊँगा, तमाम उम्र सुनी हैं बातें सबकी मौका मिलेगा जब भी मुझको अपना भी तुमसे कुछ कह जाऊँगा, घाट और किनारे बेशक, नसीब हो न हो मुझको मेरा क्या, मैं तो पानी सा हूँ बह जाऊँगा, तुम्हें मुबारक मंजिल अपनी मुझे रास्तों का शौक है नदी, पहाड़, और खुला आसमाँ इनमें भी रहना पड़े,तो रह जाऊँगा। ©Krishnaa Harish

#कविता #Free  White हसरतें न ज्यादा पालो मुझसे
            कच्ची दीवार सा हूँ
                        ढह जाऊँगा, 
तमाम उम्र सुनी हैं बातें सबकी
मौका मिलेगा जब भी मुझको
           अपना भी तुमसे कुछ
                        कह जाऊँगा, 
                  घाट और किनारे
बेशक, नसीब हो न हो मुझको
    मेरा क्या, मैं तो पानी सा हूँ
                          बह जाऊँगा, 
    तुम्हें मुबारक मंजिल अपनी
           मुझे रास्तों का शौक है
नदी, पहाड़, और खुला आसमाँ
                  इनमें भी रहना पड़े,तो          
                           रह जाऊँगा।

©Krishnaa Harish

#Free one life free life,,,,

10 Love

free fire max free

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White मर जाने जैसा वक्त हंसकर गुजारा मैंने.. अब किसी की क्या मजाल जो तोड़ दे मुझे..! ©_Writer_Sharda_

#Free  White मर जाने जैसा वक्त हंसकर गुजारा मैंने..
अब किसी की क्या मजाल जो तोड़ दे मुझे..!

©_Writer_Sharda_

#Free

16 Love

#विचार #Free  White आपका परिश्रम और आपकी मेहनत 
अर्जित किया हुआ ज्ञान 
आपके जीवन में एक नई ऊर्जा प्रदान करते हैं 
अर्जित किया हुआ ज्ञान इंसान के अंतिम क्षण तक 
 उसके साथ चलता है 
ज्ञानी पुरुष जो भी हुए उन्होंने मेहनत किया 
 उन्होंने अपने ही क्षेत्र में परिश्रम किया
 जिसने जिस क्षेत्र में परिश्रम किया 
वह क्षेत्र में सफल होता है 
लगन होनी चाहिए परिश्रम के प्रति
बुद्धि और परिश्रम दोनों सार्थक हो 
सफलता आपके हाथ में होती है
copyright picture 

Shabd mere vichar aapke

©Anup ji star

#Free

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#Videos #Free  White 🏵सज्जन व्यक्ति के गुण🏵

 नगर में एक विद्वान व्यक्ति था।  उन्होंने बहुत कुछ पढ़ा था और अपने ज्ञान के बल पर जो लोग उन्हें देखते थे, उनकी आलोचना भी करते थे।  वह उनसे बातें करते थे.  वह उन्हें अपने तर्क के जाल में फंसा रहा था.  वह उनकी बातों में ग़लतियाँ निकालता था और उन्हें अपमानित करता था।  वह छोटी सी बात पर भी झगड़े की फिराक में था.  वह उनसे बहस करके उन्हें हरा देता था।  और वह शेखी बघार रहा था कि वह बहुत बड़ा विद्वान है।
 एक बार उन्होंने सड़क से गुजर रहे एक किसान को बुलाया।  करीब आते ही किसान ने उससे पूछा।  'आप वेद हैं
 क्या आपने इसे पढ़ा है?'
 'नहीं सर, मैंने नहीं पढ़ा...' किसान जवाब देता है।
 'क्या तुमने पुराण शास्त्र पढ़े हैं?'
 'नहीं सर, मैंने नहीं पढ़ा...'
 क्या आपने महाकाव्य मीमांसे, तर्क, व्याकरण आदि पढ़े हैं?  पंडित अकड़ कर पूछता है.
 नहीं, महास्वामी, मुझे उन्हें पढ़ने का कभी मौका नहीं मिला, किसान कहते हैं।
 आपका पूरा जीवन नंगे खेतों को जोतने में बीता।
 व्यक्ति इससे क्या सीखता है?  आपकी अज्ञानता नहीं जानती कि क्या कहें।  सारा जीवन व्यर्थ चला गया.... मुझे देखो, लोग उसे कितना सम्मान देते हैं, वह किसान पर ताना मारता है।
 तब किसान कहता है- निज स्वामी आपसे लोगों को ज्ञान मिलेगा।  ज्ञान बढ़ता है.  लेकिन भूख लगने पर आपको खाना भी बनाना पड़ता है।  खाना पकाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है।  चाहे विद्वान हों, अधिकारी हों, व्यापारी हों या डॉक्टर हों, सभी को किसान का उगाया हुआ अन्न खाना चाहिए।  उन्होंने गर्व से कहा कि किसान के बिना यह दुनिया नहीं चल सकती।

©Aneesha

#Free

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#शायरी #Free  White इश्क़ में खेल खेलना आदत नहीं मेरी 
सच्चे दिलसे करता हुँ मैं इबादत तेरी 
अनिका तुझे कुछ बनते देखना है मुझे 
खुदको रोख रहा हुँ समझले मेरी मज़बूरी

©Sangam Pipe Line Wala

#Free

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White हसरतें न ज्यादा पालो मुझसे कच्ची दीवार सा हूँ ढह जाऊँगा, तमाम उम्र सुनी हैं बातें सबकी मौका मिलेगा जब भी मुझको अपना भी तुमसे कुछ कह जाऊँगा, घाट और किनारे बेशक, नसीब हो न हो मुझको मेरा क्या, मैं तो पानी सा हूँ बह जाऊँगा, तुम्हें मुबारक मंजिल अपनी मुझे रास्तों का शौक है नदी, पहाड़, और खुला आसमाँ इनमें भी रहना पड़े,तो रह जाऊँगा। ©Krishnaa Harish

#कविता #Free  White हसरतें न ज्यादा पालो मुझसे
            कच्ची दीवार सा हूँ
                        ढह जाऊँगा, 
तमाम उम्र सुनी हैं बातें सबकी
मौका मिलेगा जब भी मुझको
           अपना भी तुमसे कुछ
                        कह जाऊँगा, 
                  घाट और किनारे
बेशक, नसीब हो न हो मुझको
    मेरा क्या, मैं तो पानी सा हूँ
                          बह जाऊँगा, 
    तुम्हें मुबारक मंजिल अपनी
           मुझे रास्तों का शौक है
नदी, पहाड़, और खुला आसमाँ
                  इनमें भी रहना पड़े,तो          
                           रह जाऊँगा।

©Krishnaa Harish

#Free one life free life,,,,

10 Love

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