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New पछिम मुखी मकान Status, Photo, Video

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#मोटिवेशनल #गांव  🏞
मेरा #गांव अब उदास रहता है....!!
🏕

मेरा #गांव अब उदास रहता है.. ✍️ लड़के जितने भी थे मेरे गांव में। जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में। बड़ी रौनक हुआ करती थी जिनसे घर में

99 View

#मोटिवेशनल

किराये का मकान

144 View

#alone_sad_shayri #मकान  White दूर तक देखा खुलें आसमां की जगहें 
बस छोटे छोटे दड़बे से नज़र आते हैं...
कभी
 महलों में जो रोशनदान हुआ करतें थें,
आज मकानों में तब्दील हो,सूर्य की रोशनी को रोकते नज़र
आतें हैं

©Bindu Sharma

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

White त्रिपदा छन्द वट पीपल की छाँव । मिलती अपने गाँव । एक वही है ठाँव ।। शीतल चले बयार । रिमझिम पड़े फुहार । चलें गाँव इस बार ।। वह चाय की दुकान । उनका पास मकान । और हम मेहमान ।। सुनो सफल तब काज । मानो मेरी बात । जब दर्शन हो आज ।। धानी है परिधान । मुख पे है मुस्कान । यही एक पहचान ।। बड़ा मधुर परिवेश । कुछ पुल के अवशेष । जोगन वाला भेष ।। काले लम्बें केश । नाम सुनों विमलेश । चाहत उसमें शेष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White त्रिपदा छन्द

वट पीपल की छाँव ।
मिलती अपने गाँव ।
एक वही है ठाँव ।।

शीतल चले बयार ।
रिमझिम पड़े फुहार ।
चलें गाँव इस बार ।।

वह चाय की दुकान ।
उनका पास मकान ।
और हम मेहमान ।।

सुनो सफल तब काज ।
मानो मेरी बात ।
जब दर्शन हो आज ।।

धानी है परिधान ।
मुख पे है मुस्कान ।
यही एक पहचान ।।


बड़ा मधुर परिवेश ।
कुछ पुल के अवशेष ।
जोगन वाला भेष ।।

काले लम्बें केश ।
नाम सुनों विमलेश ।
चाहत उसमें शेष ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

त्रिपदा छन्द वट पीपल की छाँव । मिलती अपने गाँव । एक वही है ठाँव ।।

10 Love

#shamawritesBebaak #sad_shayari #Rishtey #Like  White वो न दिल मे रह सका,ज़हन से भी गया,
वो तोड़कर घर अपने मकान से भी गया //१

जो मेरी जीतकर हारी हुई बाज़ी था,वो दर्दे सोज़
को समझे बगैर मेरे दिले जहान से भी गया//२

 ताल्लुक ऐसे ही रखा,कभी*तर्क़ तो कभी बनाए रखा,
वो  शख्स इस तरह मेरे वहमों गुमान से भी गया//३

उनकी हजार ख्वाहिशों ने मुझको कहीं का न छोड़ा,
यानी उनके ही नही अपने*उन्वान से भी गया//४

होकर फ़िदा मतलबीयों पर उसे ये सिला मिला,वो
खोके"शमा"को न घर का रहा और घाट से भी गया//५
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_shayari वो न दिल मे रह सका,ज़हन से भी गया,वो तोड़कर घर अपने मकान से भी गया //१ जो मेरी जीत कर हारी हुई बाज़ी था,वो इस*दिले_सोज़ को समझे बग

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#मोटिवेशनल #गांव  🏞
मेरा #गांव अब उदास रहता है....!!
🏕

मेरा #गांव अब उदास रहता है.. ✍️ लड़के जितने भी थे मेरे गांव में। जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में। बड़ी रौनक हुआ करती थी जिनसे घर में

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#मोटिवेशनल

किराये का मकान

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#alone_sad_shayri #मकान  White दूर तक देखा खुलें आसमां की जगहें 
बस छोटे छोटे दड़बे से नज़र आते हैं...
कभी
 महलों में जो रोशनदान हुआ करतें थें,
आज मकानों में तब्दील हो,सूर्य की रोशनी को रोकते नज़र
आतें हैं

©Bindu Sharma

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

White त्रिपदा छन्द वट पीपल की छाँव । मिलती अपने गाँव । एक वही है ठाँव ।। शीतल चले बयार । रिमझिम पड़े फुहार । चलें गाँव इस बार ।। वह चाय की दुकान । उनका पास मकान । और हम मेहमान ।। सुनो सफल तब काज । मानो मेरी बात । जब दर्शन हो आज ।। धानी है परिधान । मुख पे है मुस्कान । यही एक पहचान ।। बड़ा मधुर परिवेश । कुछ पुल के अवशेष । जोगन वाला भेष ।। काले लम्बें केश । नाम सुनों विमलेश । चाहत उसमें शेष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White त्रिपदा छन्द

वट पीपल की छाँव ।
मिलती अपने गाँव ।
एक वही है ठाँव ।।

शीतल चले बयार ।
रिमझिम पड़े फुहार ।
चलें गाँव इस बार ।।

वह चाय की दुकान ।
उनका पास मकान ।
और हम मेहमान ।।

सुनो सफल तब काज ।
मानो मेरी बात ।
जब दर्शन हो आज ।।

धानी है परिधान ।
मुख पे है मुस्कान ।
यही एक पहचान ।।


बड़ा मधुर परिवेश ।
कुछ पुल के अवशेष ।
जोगन वाला भेष ।।

काले लम्बें केश ।
नाम सुनों विमलेश ।
चाहत उसमें शेष ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

त्रिपदा छन्द वट पीपल की छाँव । मिलती अपने गाँव । एक वही है ठाँव ।।

10 Love

#shamawritesBebaak #sad_shayari #Rishtey #Like  White वो न दिल मे रह सका,ज़हन से भी गया,
वो तोड़कर घर अपने मकान से भी गया //१

जो मेरी जीतकर हारी हुई बाज़ी था,वो दर्दे सोज़
को समझे बगैर मेरे दिले जहान से भी गया//२

 ताल्लुक ऐसे ही रखा,कभी*तर्क़ तो कभी बनाए रखा,
वो  शख्स इस तरह मेरे वहमों गुमान से भी गया//३

उनकी हजार ख्वाहिशों ने मुझको कहीं का न छोड़ा,
यानी उनके ही नही अपने*उन्वान से भी गया//४

होकर फ़िदा मतलबीयों पर उसे ये सिला मिला,वो
खोके"शमा"को न घर का रहा और घाट से भी गया//५
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_shayari वो न दिल मे रह सका,ज़हन से भी गया,वो तोड़कर घर अपने मकान से भी गया //१ जो मेरी जीत कर हारी हुई बाज़ी था,वो इस*दिले_सोज़ को समझे बग

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